Antarvasna kahani नजर का खोट
04-27-2019, 12:47 PM,
#55
RE: Antarvasna kahani नजर का खोट
खाना खाने के बाद कुछ देर मैं लेट गया वो मेरे पास बैठ कर मेरे सर को सहलाने लगी आराम से मिला कुछ देर बाद वो मेरे सीने को सहलाते हुए बोली- तुम उस दिन रुक क्यों गए 
मैं- क्योंकि मुझमे वो प्यास नहीं है मैं भरोसे को अहमियत देता हूं और जब मैं तेरे मन को जीत लूंगा तो जिस्म की अहमियत ही क्या रह जायेगी
वो- आओ घूमने चलते है 
मैं- अभी 
वो- अभी 
मैं- जो तू चाहे 
हमने घर को ताला लगाया और पूजा ने गाड़ी स्टार्ट की और जिस कुशलता से वो गाड़ी चला रही थी मैं कायल हो गया 
मैं- हम कहा जा रहे है 
वो- पता नहीं 
मैं- बढ़िया 
वो हंसने लगी हम वहां से दूर सरहदी इलाके की तरफ निकल गयी और फिर एक सुनसान तरफ पूजा ने गाड़ी रोक दी
मैं- क्या हुआ 
वो- कुछ नहीं
मैं- तो गाड़ी क्यों रोकी
वो- यु ही 
मैं- तेरी बाते समझ ही नहीं आती 
उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और बोली -आओ कुछ दिखाती हु
वो मुझे अपने साथ लेकर चलती रही कुछ दूर बाद जगह हरी भरी होने लगी पेड़ पौधे आने लगे हम एक तरफ से जंगल में घुस गए पर जैसे उसे मालूम था कि उसे कहा जाना है और कुछ देर बाद हम नदी के एक तरफ खड़े थे 
वो- तेरी तम्मन्ना थी न मेरे साथ नदी में नहाने की 
मैं- पागल ये कोई टाइम है क्या 
वो- कपडे उतार और आजा
मैं- कोई आ गया तो 
वो- रात बहुत बीती कम बची आजा
पूजा ने अपने कपडे उतारे और निर्वस्त्र होकर नदी के शांत जल की और बढ़ चली मेरी निगाह उसके सुडौल नितंबो से जा चिपकी और उस हाहाकारी नज़ारे ने बदन में अचानक से गर्मी बढ़ा सी दी 
मैंने भी अपने कपडे उतारे और उसके पीछे पीछे पानी में उतर गया जल्दी ही हम दोनों आमने सामने खड़े थे वो मेरे करीब आयी और हमारे होंठ आपस में जुड़ गए वो लिपट गयी मुझसे
मेरे हाथ उसके नितंबो को मसलने लगे मैंने धीरे से उसके कूल्हों को फैलाया और मेरी उंगलिया उसके गुदाद्वार पर अपनी उपस्तिथि दर्ज करवाने लगी उसका हाथ कब मेरे लण्ड तक पहुच गया पता ही नहीं चला हम दोनों कंधो तक पानी में डूबे हुए हलचल मचा रहे थे
कुछ देर बाद हमारा चुम्बन टुटा उसने अपना सर मेरे कंधे पर रखा और बस शांत खड़ी रही उसकी दहकती सांसे मुझे अपने कंधे पर महसूस हो रही थी जबकी नीचे उसकी उंगलियां मेरे लण्ड से अठखेलिया कर रही थी
मैं- चुप क्यों है 
वो - यु ही 
मैं-तू बहुत सुंदर है
वो- कितनी बार बताओगे
मैं- जबतक दिल करेगा
वो- दिल तो नादान होता है उसकी क्या सुननी
मैं- तो किसकी सुनु फिर 
वो- मेरी 
मैं- और क्या कहती हो तुम
वो- कुछ नहीं 

मैंने उसे गोद में उठाया और नदी से थोड़ी दूर रेत पर लिटा दिया मैंने अपने होंठ उसकी चूची पर रख दिए और उसको चूसने लगा उसकी मुट्ठी लण्ड पर फिर से कस गयी और वो अपने हाथ को जोरो से ऊपर नीचे करने लगी 
जल्दी ही उसके उभारो में तनाव आने लगा तो मैंने उसकी जांघो को खोला और उसकी चूत पर उंगलिया फेरने लगा वहाँ पर बहुत ज्यादा गीलापन हो चूका था एक दो मिनट उसे तड़पाते हुए अब अपना मुंह उसकी चूत से लगा दिया 
पूजा के कूल्हे ऊपर को उठ गए जो इस बात का सबूत था की किस तरह वो उत्तेजित है जैसे जैसे मेरी जीभ उसके कामरस की उन शबनमी बूंदों को चाट रही थी पूजा की सिसकारियां उस शांत वातावरण में गूंजने लगी थी
बीच बीच में मैं अपने दांतों से उसकी चूत की नर्म खाल को काट लेता तो उसकी हालत और ख़राब हो जाती पल पल वो और ज्यादा पैर पटकने लगी थी 
और कितना प्रतिकार कर पाती वो पाँच मिनट भी नहीं पकड़ पायी वो और उसने अपने रस से मेरे चेहरे को सान दिया कुछ देर वो अपनी उखड़ी सांसो को नियंत्रित करती रही और फिर मुझ पर टूट पड़ी उसने अपने मुंह में मेरे लण्ड को भर लिया 
और ये दिखाने लगी की उसकी चूत की तरह ही उसके होंठ भी कितना दहक रहे है उसकी उंगलियां मेरे सीने पर रेंग रही थी और मुह बार बार ऊपर नीचे हो रहा था मस्ती में चूर होकर मैंने अपनी आँखे बंद करली और स्खलन की ओर बढ़ने लगा 

करीब 5-7 मिनट बाद उसने अपने होंठ मेरे लण्ड के इर्द गिर्द कस दिए और मेरे पानी की पिचकारियां उसके मुंह में गिरने लगी पर उसने अपना मुंह तब तक नहीं खोला जबतक उसने वीर्य की आखिरी बून्द तक नहीं निचोड़ ली
उसके बाद वो मेरे सीने पर सर रख कर लेट गयी कुछ नींद सी आने लगी थोड़ी ही देर में तो एक बार फिर से नहाकर हमने कपडे पहने और घर आ गए पर सुबह होने में ज्यादा देर नहीं थी तो मैंने अब गांव चलना ही ठीक समझा 
पता नहीं क्यों बहुत थकान सी होने लगी थी जब मैं घर पंहुचा तो मैंने देखा बस भाभी ही जागी हुई थी पर इससे पहले की वो कोई सवाल जवाब करती मैं सो गया
फिर सीधा दोपहर को ही मैं जगा तो देखा की घर पर बस भाभी ही थी जो शायद कुछ देर पहले ही नहा कर आई थी क्योंकि वो अपने गीले बाल झटक रही थी 
मैं- और लोग कहा है 
वो- माँ सा तो चाची के पास गयी है और बाकियो का पता नहीं 
मैं- खाने को कुछ अच्छा सा बना दो मैं नहाकर आता हूं
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RE: Antarvasna kahani नजर का खोट - by sexstories - 04-27-2019, 12:47 PM

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