Antarvasna kahani नजर का खोट
04-27-2019, 12:32 PM,
#14
RE: Antarvasna kahani नजर का खोट
मैं अपने हमउम्र दो नोजवानो की माँ के साथ ये खेल खेल रहा था हम दोनों की आंहे पुरे कमरे में गूंज रही थी मैंने अब चाची को पलट दिया और उसकी टांगो के बीच आत हुए लेट गया चाची के रस से भरे होंठ एक बार फिर मेरे होंठो से रगड खाने लगी और तभी चाची अपना हाथ निचे ले लगी और मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी उफ्फ्फ्फ़ उसकी चूत इतनी गरम थी की मुझे लगा मेरे लंड का उपरी हिस्सा जल ही जाएगा चाची ने अपने खुले पैरो को कुछ ऊँचा सा उठा लिया ताकि वो अच्छे से रगड़ाई कर सके 



मेरा सुपाडा लगातार चाची के छेद पर रगड खा रहा था मेरे तन-बदन में मस्ती बिजली बन कर दौड़ रही थी खुद पे काबू रखना पल पल भारी होता जा रहा था और काबू रखे भी तो कोई कैसे जब पल पल आप इस सुख को पाने के लिए खींचे जा रहे हो मैंने अंपनी कमर को थोडा सा उचकाया तो मेरा गरम सुपाडा चूत की उन नरम फांको को फैलाते हुए आगे धंसने लगा ऐसे लग रहा था की जैसे सुपाडा किसी गरम भट्टी में जा रहा हो 



“आह ” चाची के होंठो से एक मस्ती भरी आह फुट पड़ी और उसके हाथ मेरी पीठ पर रेंगने लगे उसके पैर और ऊपर होने लगे अंग्रेजी के ऍम अक्षर की तरह उसने निचे से अपने चुतड उचकाये और मैं चाची पर झुकता गया मेरा लंड धीरे धीरे उस चिकनी चूत में आगे को सरकने लगा चाची की आहे मुझे पागल करने लगी थी 



“पूरा अन्दर डाल ” वो मस्ती में डूबती हुई बोली 



लंड अभी आधा ही अन्दर गया था की मैंने उसको वापिस पीछे की और खींचा और इर झटके से पूरा लंड चाची की चूत में सरका दिया चाची आह भरते हुए मुझसे चिपक गयी दो जिस्म एक हो गये थे उसने बुरी तरह मुझसे अपने आप में जकड लिया कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे फिर वो बोली धीरे धीरे लंड को आगे पीछे कर तो मैं वैसा ही करने लगा और कसम से इतना मजा आ रहा था की क्या बताऊ मेरा लंड चाची की गहरी चूत में बार बार अन्दर बाहर हो रहा था और उस घर्षण से चाची को असीम मजा आ रहा था 



“ओह कुंदन बहुत बढ़िया रे आहा बस ऐसे ही aaahhhhh ”


बीच बीच हम एक दुसरे के होंठ पीते मैं उसके सेब से गालो पर चुम्बन अंकित करता जब मैं रुकता तो चाची अपनी कमर उचकती हुए धक्के लगाती कमरे में गर्मी अत्याप्र्त्याषित रूप से बढ़ गयी थी चाची का पूरा चेहरा मेरे थूक से सना हुआ था आह आह की आवाज ही थी जो उस कमरे की ख़ामोशी में गूंज रही थी और तभी चाची ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया 



मैंने चाची की तरफ देखा तो वो मुस्कुराते हुए उठी और मुझे लिटा दिया चाची अब मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को चूत पर घिसने लगी चूत के गाढे रस में सना हुआ मेरा लंड जब चूत की काली फांको से रगड खाते हुए अंदर के लाल हिस्से पर जाता तो बहुत मजा आता धीरे धीरे चाची मेरे लंड पर बैठने लगी और उसके गद्देदार चुतड मेरी गोलियों से आ टकराए पूरा लंड एक बार फिर से चाची की चूत में जा चूका था वो थोड़ी सी आगे को हुई जिसे से उसकी झूलती चुचिया मेरे चेहरे पर आ गयी 



चाची ने अपनी गांड को थोडा सा ऊपर उठाया और फिर से निचे बैठ गयी जैसे मैं धक्के लगा रहा था वैसे ही वो धक्के लगा रही थी मेरे हाथ अपने आप उसके नितम्बो पर आ पहुचे थे जिनको मैं बड़े प्यार से सहला रहा था उफ्फ्फ कितना मजा आ रहा था धीरे धीरे चाची ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी ठप्प थप्प की आवाज आ रही थी उसके चुतड पटकने से तभी चाची ने अपनी चूची को हाथ से पकड़ा और मेरे मुह में दे दिया मैं एक बार फिर से चूची पिने लगा कसम से कितना मजा आ रहा था चाची का बदन अकड़ने लगा था 



धीरे धीरे मेरी पकड़ उसके चूतडो पर मजबूत होती जा रही थी और चाची पूरी तरह मुझ पर झुक चुकी थी लंड और चूत के मिलन में ऐसी मस्ती मची थी की बस अब क्या कहे पल पल हम दोनों के बदन में एक तरंग सी दौड़ रही थी बार बार उसका बदन अकड़ रहा था और फिर मुझे ऐसे लगा की जिस्म का सबकुछ जैसे निचुड़ रहा हो मेरे लंड की नसे फूल गयी और उसमे से कुछ निकल कर चूत में गिरने लगा गर्म सा 



और मेरी आँखे मस्ती के मारे बंद हो गयी बदन झटके खाने लगा और तभी चाची ने कस लिया मुझे अपनी बाहों में चूत को भींच लिया दोनों टांगो के बीच में जैसे की मेरे लंड को कैद ही करना चाहती हो लम्बी लम्बी साँस लेते हुए वो मेरे ऊपर ही लेट सी गयी हम दोनों की साँस बुरी तरह से उफन आई थी कुछ पल हम दोनों सांसो को सँभालते रहे और फिर वो उठी और पास पड़ी चादर लपेट कर कमरे से बाहर चली गयी मैं उसके पीछे गया तो देखा वो मूत रही थी मुझे भी मुतने की इच्छा हुई 



बाहर अभी भी हलकी हलकी बारिश हो रही थी मैं भी वही खड़ा होकर मुतने लगा चाची ने मुतने के बाद अपनी चूत को साफ़ किया और फिर कमरे में आ गयी मैंने भी लंड को पानी से धोया और किवाड़ बंद करके चाची के पास लेट गया कुछ देर हम दोनों में से कुछ नहीं बोला कोई भी फिर मैंने चाची की कमर में हाथ डाला और उसे अपनी और खीच लिया 



चाची ने अपना हाथ मेरे सीने पर रख दिया हम दोनों पता नहीं क्यों आपस में बात नहीं कर रहे थे बस हाथ से एक दुसरे के बदन को सहला रहे थे अभी अभी हुए सम्भोग ने हमारे रिश्ते को एक नया मोड़ जो दे दिया था
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