RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
पायल दी ने मृए कंधो को पकड़ा और मेरे लंड पर कूदने लगी.
जय ने जब वो सिसकारी सुनी तो मेरे लंड पर कूद रही पायल दी को देखा तो उसकी हैरानी एक बार फिर से बढ़ गयी, उसने शायद सोचा नही था कि मैं अपनी खुद की बेहन को चोद रहा होऊँगा.
पर मेरी चुदाई देख कर शायद उनमे भी हिम्मत आ गयी, काजल तो पहले से ही तैयार थी, और वैसे भी, एक बेहन के लिए इससे अच्छी और बात क्या हो सकती है कि उसी का भाई उसकी चूत का उद्घाटन करे.
जय ने काजल की तरफ देखा, जैसे उसकी इजाज़त माँग रहा हो.
काजल ने हाँ मे सिर हिलाया और अपना हाथ बढ़ा कर अपने भाई का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया, और उसे एक ही झटके मे अपने उपर खींच लिया, पानी मे खड़े जय का पैर फिसला और वो अपने शरीर के पूरे भार के साथ अपनी नाज़ुक बेहन पर आ गिरा, और साथ ही साथ उसका खूँटे जैसा लंड, जो काजल की चूत पर लगा हुआ था, वो उसकी चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया.
काजल ने भी शायद ऐसा ब्रूटल तरीका नही सोचा था अपनी चूत की सील तुड़वाने का, उसकी चूत मे उसके भाई का लंड एक ही बार मे पूरा का पूरा घुस चुका था.
”आईईईई मररर्ररर गाइिईईईईई उफफफफफफफफ्फ़”
और उसने अपने भाई के गले मे बाहे डालकर उसे ज़ोर से पकड़ लिया, एक मिनट तक दोनो मे से कोई भी नही हिला, फिर धीरे-2 काजल ने ही अपनी चूत उपर की तरफ मटकाते हुए अपने भाई के लंड का मज़ा लेना शुरू कर दिया. जय ने भी अपनी स्पीड बढ़ा ली और अब वो आसानी से अपने लंड को पूरा अंदर-बाहर निकाल कर उसे अच्छे से चोद पा रहा था.
मैं और पायल दी भी ज़ोर-2 से चुदाई करने मे बिज़ी थे. और अपने ऑर्गॅज़म के करीब भी थे..
और लगभग एक साथ ही हम चारो भाई बेहन अपने-2 उत्तेजना से भरे ऑर्गॅज़म को महसूस करते हुए, एक दूसरे के लंड और चूतो मे झड़ने लगे.
पूरे कमरे मे लंड से निकले पानी की खुश्बू तैर रही थी., हर तरफ प्यार ही प्यार बिखरा पड़ा था.
उसके बाद सभी एक साथ पूल मे उतर आए और एक दूसरे के साथ मस्तिया करने लगे.
कुछ देर मे जब लंड दोबारा चूत मारने लायक हुए तो इस बार पार्ट्नर चेंज हो गये, यानी मेरे साथ काजल और जय के साथ पायल दी.
अब किसी को भी , किसी भी तरह की शर्म नही थी, सब आपस मे खुल से चुके थे.
वो चुदाई करने के बाद मेरी प्लानिंग का दूसरा स्टेप भी आया जब मैने जय से बोलकर, पापा को फोन करवा दिया कि हमारी गाड़ी खराब हो गयी है और इसलिए आज की रात हम वही रेस्पोर्ट मे रुक रहे है, पापा ने भी ज़्यादा कुछ कहा नही क्योंकि जय भैया पर उन्हे पूरा भरोसा था, और अपनी गाड़ी की हालत भी उन्हे पता थी कि ऐसा हो भी सकता है, इसलिए उन्होने इजाज़त दे दी.
बस फिर क्या था, उस कमरे मे पूरी रात , वासना का नंगा नाच चला, कभी मैं पायल दी के साथ और कभी काजल के साथ, पूरी रात हम सोए नही, बस नंगे होकर सेक्स करने मे लगे रहे, और सुबह करीब 5 बजे हम सो भी गये, ऐसे ही, नंगे. एक दूसरे की बाहों मे.
अगले दिन हम सभी वापिस आ गये.
पर अब हम सभी के बीच से शर्म की वो दीवार टूट चुकी थी, मैने तो पायल दी को सॉफ बोल दिया कि आज के बाद, जब भी मेरा मन करेगा, उनकी चूत मार लिया करूँगा मैं, जय और काजल ने भी इस बात को कबूल किया कि घर जाने के बाद भी, जब भी मौका मिलेगा, वो दोनो भाई बेहन भी आपस मे चुदाई कर लिया करेंगे, और कभी ऐसा मौका मिला, जिसमे हम चारो आपस मे एक साथ मिले तो तब तो धमाल होना स्वाभाविक ही था.
बंधुओ कैसी लगी ये रचना आपको अपने विचार ज़रूर रखें
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समाप्त
दा एंड
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