RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
कुछ देर मे हम सभी बाहर निकल आए, और ऑटो पकड़ कर सीधा एक माल मे आ गये, जहाँ सबने मेरी पसंद की एक मूवी की टिकेट ली और हम अंदर आकर बैठ गये, सिनिमा हॉल मे भी काजल और पायल दी मेरे अगल-बगल मे ही बैठी… जय भैया कोने मे पायल दी के पास बैठे थे..
उन दोनो के हाथ लगातार मुझे दबोचे हुए थे इसलिए रह रहकर मुझे उनके बूब्स का टच मिल रहा था, दोनो के जिस्मों से आ रही महक भी मुझे दीवाना सा बना रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे आज मैं डबल डेट पर आया हूँ.
बैठने के साथ ही जय भैया ने सभी से पूछा कि कुछ खाना है क्या तो सभी ने पॉपकॉर्न का ऑर्डर दे डाला.. मूवी के टाइटल्स अभी स्टार्ट ही हुए थे, वो उठकर हमारे लिए पॉपकॉर्न लेने चले गये..
पायल दीदी मेरे बिल्कुल करीब खिसक आई और मेरे कानो मे अपनी गर्म साँसे छोड़ते हुए बोली : “सुनो…आज तुम्हारा दिन है, और आज के दिन तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो…”
उनके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था कि मुझसे सब्र नही हुआ और मैने उनकी तरफ चेहरा घुमा दिया और ना चाहते हुए भी हम दोनो ने एक छोटी सी किस कर ली..
ये सब इतनी जल्दी हुआ कि मैं पायल दी के रसीले होंठों का स्वाद ही नही ले पाया… सिर्फ़ एक हल्का सा एहसास ही मिला उनके लिप्स का.
मैने काजल की तरफ देखा तो वो मूवी देखने मे बिज़ी थी या मूवी देखने का नाटक कर रही थी… पायल दी का चेहरा अभी तक मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब था.. हमारी सबसे पीछे वाली लाइन मे सीट्स थी इसलिए पीछे से किसी के देखने का डर नही था.. और जय भैया को भी दूर से आता हुआ देखा जा सकता था…
इसलिए एक बार फिर से मैने अपना चेहरा पायल दी की तरफ कर दिया और उनके भूखे होंठों पर टूट पड़ा… इस बार की किस नही बल्कि स्मूच थी, ऐसी स्मूच जिसमे मैने उनके अंदर की सारी लार को खींचकर अपने अंदर समेट लिया… पर फिर भी ना जाने कहाँ से लगातार उनके मुँह से मिठास बाहर आती जा रही थी.
मैं तो उन्हे किस करने मे इतना बिज़ी था कि मुझे दिन दुनिया का एहसास ही नही रहा, अचानक काजल ने मेरी टाँग पर चूंटि मारी… मैने झट से उसकी तरफ देखा तो उसने इशारा करके जय भैया की तरफ देखने को कहा जो अंदर आ चुके थे और उनके हाथ मे 2 टब पॉपकॉर्न थे.
मैं जल्दी से सीधा हो गया और मन ही मन काजल को थॅंक्स कहा नही तो आज जय भैया के सामने मेरी क्या इज़्ज़त रह जाती..
हम सभी मूवी देखने मे बिज़ी थे और मैं अपने दोनो तरफ बैठी हसिनाओं की जाँघो पर हाथ फिरा रहा था. अंधेरा इतना था कि जय भैया भी शायद ये नही देख पा रहे थे कि मेरा एक हाथ पायल दी की जाँघो के बीच दबा हुआ है.
उन्होने मेरी हथेली को अंदर लेकर उसपर अपनी दूसरी टाँग रख दी थी, और मेरी उंगलियाँ उनकी गर्म चूत के बिल्कुल करीब थी, सिर्फ़ उनकी जीन्स का कपड़ा था बीच मे वरना मैं उनकी नंगी चूत को छू रहा होता.
मैने अपना दूसरा हाथ काजल की तरफ लहरा दिया और उसकी चूत को उसकी पेंट के उपर से ही मसल्ने लगा.. वो तो मेरे एक टच से ही इतनी गर्म हो गयी कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोकना चाहा पर मैं रुका नही.. फिर मैने हिम्मत करके अपना हाथ थोड़ा उपर किया और उसकी जीन्स के अंदर घुसा दिया.
मैने महसूस किया कि उसका पूरा बान काँप सा गया मेरी इस हरकत से पर बेचारी बर्तडे बॉय को ना नही बोल पाई. और मेरी उंगलियाँ मकड़ी की तरह धीरे-2 उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगी..
उधर पायल दी ने खुद अपनी तरफ से मेरे हाथों पर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.. और अचानक उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी जीन्स मे खुद ही घुस्वा लिया..
एक तरफ मैने घुसाया तो दूसरी तरफ उन्होने घुस्वा लिया.. इसी बात से मैने अंदाज़ा लगा लिया कि दोनो की पर्फॉर्मेन्स बेड पर कैसी रहेगी..
पायल दी एकदम वाइल्ड कॅट जैसी होंगी जो खुद ही मुझे लिटा कर मुझे चूमेंगी, मेरे लंड को पकड़ कर उसे चूस डालेंगी, मेरे मुँह पर चाड़कर अपनी चूत मुझसे चुस्वाएँगी और मेरे लंड को खुद अंदर लेकर मेरे उपर कूदेन्गि.
वही दूसरी तरफ काजल हर बात पर शरमाएगी, बूब चुस्वाते हुए मुझे पीछे धकेलेगी, मेरे लंड को चूसने के नाम से भी घबरा जाएगी और चूत मरवाते हुए नीचे लेटकर अपना चेहरा छुपा लेगी..
दोनो का अपना -2 मज़ा होगा.
पर वो होगा जब होगा, अभी के लिए तो जो सामने था वही बहुत कुछ था.
और अब मेरे हाथो का आलम ये था कि वो दोनो हाथ उन दोनो की चूतो के उपर थे और दोनो की चूते एक से बढ़ कर एक तरीके से गीली हुई पड़ी थी..
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