RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
फिर पायल दीदी ने मेरे लंड की खाल खींचकर नीचे कर दी और मेरे लंड का सुपाड़ा पूरा उभरकर सामने आ गया… मैने तिरछी नज़रों से उन्हे देखा, उनके मुँह मे पानी आ चुका था वो देख कर, अपनी जीभ को वो होंठों पर फिरा रही थी, सॉफ पता चल रहा था कि वो उसे चूसना चाहती है…
वो उसे उपर नीचे करने लगी… मेरी हालत खराब हो रही थी… मैं काफ़ी देर से उत्तेजित था, उन्होने धीरे-2 जब मेरे लंड की खाल को उपर नीचे किया तो मुझसे और कंट्रोल नही हो पाया और मेरे लंड से ताबड़तोड़ वीर्य निकल कर बाहर आने लगा…
वो एक पिचकारी की तरह निकलकर सामने बैठी पायल दीदी को भिगो रहा था… पहली 3-4 बोछार सीधा उनके चेहरे और गालों पर पड़ी… फिर सीने पर और फिर उनके घुटनों पर…
दीदी की आँखे बंद हो गयी.. वो तो उस बोछार का ऐसे आनद ले रही थी जैसे गर्म पानी का फव्वारा चला दिया हो उनके चेहरे पर और वो उसमे नहा रही है..
मैं बंद होंठों से सीसीया कर रह गया.
फिर उन्हे पता नही क्या हुआ कि वो मुझे रिलीस बोलती हुई जल्दी से मेरे कमरे से निकल गयी..
और जाते हुए उन्होने मुड़कर जब मुझे देखा तो मैं उनकी मटक रही गान्ड को देखने मे व्यस्त था… मैने उनके चेहरे पर एक सेक्सी मुस्कान देखी और फिर उन्होने अपनी जीभ टेडी करके अपने होंठों के पास गिरे रस को समेट कर निगल लिया और भागती हुई बाहर निकल गयी..
मैं अपने पलंग पर गिर कर गहरी साँसे लेने लगा.. मुझे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था कि मेरी बहन ने कुछ पल पहले मेरी मूठ मारी है.
पर जो भी हुआ था उसमे मुझे मज़ा बहुत आया था.. और शायद दीदी को भी आया ही होगा.
अगले दिन मोम डॅड हमेशा की तरह सुबह ही घर से निकल गये… हम दोनो का तो स्कूल ब्रेक चल रहा था इसलिए जल्दी उठने का कोई मतलब ही नही था.. पर रोजाना की तरह मेरी नींद 8 बजे ही खुल चुकी थी, मैं बस आँखे बंद किए अपने बिस्तर मे गर्म रज़ाई मे लेटा रहा.
मेरी बंद आँखो मे कल के सारे सीन घूम रहे थे, जिसमे पायल दीदी ने मुझे स्टाचु गेम के ज़रिए जो मज़ा दिया था वो याद कर करके मैं अपने लंड को सहला रहा था..
तभी मेरे रूम के दरवाजे पर कुछ आहट हुई…
कहानी जारी है बंधुओ.......................
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