RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
आज इस घर में बहुत बार अप्रत्याशित घटनाएं हो रही थीं. सुरेश और काजल के लिए ये तीसरी बार था, जब वो नाजायज चुदाई करते हुए पकड़े गए थे और रमेश के लिए दूसरी बार था.
सब फिर से चुप हो गए. कोई कुछ बोल नहीं रहा था. चुदाई और धक्के की आवाज़ें रुक गई थीं और सब एक दूसरे को देखने लगे.
इस सन्नाटे के थोड़ी देर बाद मयूरी ने ही शुरुआत करने की सोची. इसके कई कारण थे. एक तो वो इस घर की बेटी नहीं थी, वो इस फैमिली से बाहर की लड़की थी, जबकि बाकियों के बीच में खून का रिश्ता था. दूसरा, वो ऐसे माहौल से निपटना पहले से ही जानती थी. उसको अपने मायके में अपने पिता और भाइयों से चुदाने के कारण इस तरह की स्थिति से निपटने का अनुभव था.
मयूरी धीरे से गम्भीरतापूर्वक ऐसे सामान्य लहजे में बोली, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो- पापा.. आप आ गए?
फिर वो उठी और उसने अपनी ब्लैक कलर की पैंटी को उठा कर पहन लिया. उसने सबको शांत रहने का इशारा किया जैसे वो सब संभाल लेगी. फिर उसने पास ही पड़ा एक दुपट्टा उठाया जो 90% तक पारदर्शी था, उस दुपट्टे को उसने अपनी चूचियों पर डाला, जैसे उसको छुपाना चाहती हो. पर पारदर्शी होने के कारण कुछ भी नहीं छुपा और वो ये बात भली भांति जानती भी थी.
वो अपनी गांड मटकाते हुए मोहन लाल के पास गई और मुस्कुराते हुए बड़े ही कामुक अंदाज में बोली- आप आ गए पापा?
मयूरी मोहन लाल के इतने पास खड़ी थी कि वो चाहता तो उसकी चूचियों को पकड़ कर मसल देता, पर मोहन लाल ने ऐसा कुछ नहीं किया. वो कुछ भी नहीं बोला और चुपचाप खड़ा रहा पर उसकी आँखें नियत्रण में नहीं थीं. वो मयूरी की चूचियों को उसके पारदर्शी दुपट्टे के ऊपर से ताक रहा था.
मयूरी फिर बोली- दरवाज़ा अन्दर से बंद कर दिया पापा? क्योंकि मैं नहीं चाहती कि इस अवस्था में हमें कोई बाहर का आदमी देखे. ये हमारे घर की बात है, बाहर नहीं जानी चाहिए.
मोहन लाल कुछ नहीं बोला. वो एकटक मयूरी की उन दो मनमोहक चूचियों को देखता ही जा रहा था, ऐसे जैसे उनको नोंच खाएगा.
फिर मयूरी खुद ही दरवाज़े की तरफ बढ़ी और ऐसे झुकी जैसे पीछे से मोहन लाल को अपनी गांड के दर्शन करवाना चाहती हो और दरवाज़े को अन्दर से बंद करने की कोशिश करने लगी. इस कोशिश में उसने थोड़ा वक़्त लिया और अपनी गांड जानबूझ कर हिला हिला कर मटकाती रही.
मोहन लाल पीछे से मयूरी को ही देख रहा था. पैंटी में होने की वजह से उसको अपनी बहू की गांड इतनी कामुक लग रही थी कि अब तक उसके पायजामे के नीचे से उसका लंड टेंट बना चुका था.
मयूरी बहुत ही तेज़ तर्रार शातिर औरत थी. उसको मोहन लाल की स्थिति का पूरा पता चल गया था. उसने अंदाजा लगाया कि इस आदमी की उम्र 48 साल है और 7-8 साल पहले इसकी पत्नी गुजर चुकी है, इसका मतलब इसको बहुत सालों से चूत नहीं मिली है. ऐसे आदमी को अपने वश में करना बहुत मुश्किल काम नहीं था, ये बात मयूरी अच्छे तरह से जानती थी. चाहे वो उसका ससुर हो, पर सेक्स की भूख इंसान को रिश्तों को समझने के लायक नहीं छोड़ती.
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