RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
‘’गाड़ी को वहीं सड़क पर ही छोड़ दें?’’ संजय ने पूछा
‘’नहीं, गाड़ी को वहां छोड़ना ठीक नहीं होगा । किसी तरह धकेल कर यहां से आइए ।‘’ महिला बोली ।
‘’ठीक है, अभी हमलोग आते हैं। ‘’ चहक कर संजय वहां से चल पड़ा
थोड़ी देर में चारों दोस्तों ने मारूती को धकेलते हुए मारूती को पक्की सड़क से नीचे कच्ची सड़क पर उतारा और झोपड़ी की ओर बढ़ चलें अन्धेरा छाता जा रहा था ।
झोपड़ी के नजदीक पहुंचे तो वह महिला झोपड़ी के दरवाजे पर ही खड़ी थी। चारों दोस्तों को देखते ही वह बोली ‘’आइए, आइए इस झोपड़ी में आप सबों का स्वागत है। ‘’
गाड़ी को वहीं स्थिर छोड़ चारों दोस्त झोपड़ी के अंदर प्रवेश कर गए । झोपड़ी बाहर से देखने में भले ही बदसूरत थी लेकिन अंदर में उतनी ही खूबसूरत थी। दीवार तो मिट्टी की ही थी लेकिन उस पर बड़े ही कलात्मक ढंग से चित्रकारी की गई थी जो बहुत सुंदर नजर आ रही थी।
अन्दर में एक लकड़ी की चौकी बिछी हुई थी जिस पर साधारण सा विस्तर लगा हुआ था। उसी विस्तर पर चारों दोस्त बैठ गए ।
‘’ क्या आपलोग कुछ नास्ता करना पसंद करेंगे ?’’ वह महीला नजदीक आकर पूछी ।
‘’नहीं-नहीं, अभी हमलोगों को भूख नहीं है । थोड़ी देर पहले ही तो हमलोग बाजार में नाश्ता करके चले हैं ‘’ मुकेश बोला ।
‘’तो क्या चाय चलेगी ?’’ महिला ने दुबारा पूछा
‘’हां, चाय चल सकती है,’’ मुकेश बोला ।
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