RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
अब मैंने सुनीता की पीठ कैमरे की तरफ की, उसका किस लिया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. वह शर्म के मारे मुझे लिपट गयी. उसकी पीठ पर से ब्रा हटाकर नीरज को और फोटो लेने को कहा. अब सुनीता से रहा नहीं गया और उसने फोटोशूट को वही रोकने को कहा.
मैं बोला, "क्या शर्मा रही हो मेरी जान, यह दोनों हमारे सबसे ख़ास दोस्त हैं, इनसे क्या शर्माना."
उसपर सुनीता ने कहा, "मेरे राजा, पूरे कमरे में मैं ही अकेली लड़की इतने कम कपड़ों में हूँ, इसीलिए मुझे ज्यादा शर्म आ रही हैं."
अब सबकी आँखें निकिता के ऊपर थी. यह मौके की घडी थी. अगर निकिता अपने कपडे उतारने को राजी न होती तो आगे का सारा प्लान चौपट हो सकता था. निकिता ने नीरज तरफ देखा और उसकी हाँ देखकर अपना टॉप और स्कर्ट उतार दी. काले रंग की ब्रा और पैंटी में निकिता दुनिया की सबसे सेक्सी लड़की लग रही थी.
अब सुनीता ने अपनी ब्रा अलग कर दी और नीरज मेरी और सुनीता की बैकलेस पोज़ में फोटो ले रहा था. मेरा लंड कड़क हुआ और दिल जोरोंसे धड़क रहा था. सुनीता अब अपने आधे मम्मोंको हाथोसे छुपाकर नीचे लेट गयी और मैं उसकी मांसल जांघोंको चाट रहा था.
अब नीरज से भी रहा नहीं गया और अपने कपडे उतारकर वो भी सिर्फ अंडरवियर पर आ गया. उसका खड़ा लंड सुनीता की अधनंगी जवानी को जैसे सलाम कर रह था. जबरदस्ती सुनीता का एक हाथ हटाकर मैं उसका दाया स्तन चूसने लगा। अब ऐसा लगा रहा था की चारो सेक्स की आग में जल रहे थे.
नीरज भी कैमरा बाजू में रखकर बिलकुल हमारे पास आकर सुनीता की भरपूर छतियोंके दर्शन कर रहा था. निकिता ब्रा के ऊपर से ही अपने बूब्स मसलते हुए नीरज के लंड को फ्रेंची के ऊपर से ही सेहला रही थी.
मैंने सुनीता को दोनों हाथ हटाकर उसके मम्मोंको पूरा उजागर कर दिया और सुनीता आँखे मींचकर जोर जोर से आँहे भरने लगी. निकिता ने घुटनोपर बैठकर नीरज की फ्रेंची खींचकर निकाल दी और उसके तने हुए लौडेको मुँहमे लेके चूसने लगी.
मैंने भी अपनी फ्रेंची निकाल दी और सिक्स्टीनाइन को पोज़ में आ गया. सुनीता की पैंटी एक झटकेमें उतार कर उसकी चुत को चाटने लगा. नीरज ने भी निकिता को हमारे बाजुमें लिटाकर उसकी ब्रा खोल दी. उसके गोरी गोरी कबूतर की जैसी छातियाँ खुल गयी. अब नीरज मम्मे चूसकर निकिता को दीवाना बना रहा था. बचे हुए कपडे भी उतर गए और पूरा कमरा चुदाई की आवाजोंसे गूंजने लगा.
फोटोशूट के लिए कमरे में भरपूर रौशनी होने के कारण मुझे निकिता को और नीरज को सुनीता को पूरा नंगा देखने मिल रहा था. जिस निकिता के बारे में पिछले कई महीनोंसे मैं फैंटसी कर रहा था वो आज मेरी आंखोके सामने बिलकुल नजदीक नंगी होकर अपने पतिसे चुद रही थी. एक बार झड़ने के बाद हम दोनों लड़कों के लंड फिर खड़े हो गए और अब हम दोनों अपनी अपनी पत्नियोंको घोड़ी बनाकर चोदने लग गए.
सुनीता आह आह ओह ओह करती सिसकारियाँ भर रही थी। मैंने फिर पलटकर उसकी क्लिटोरिस को चूसते हुए उसकी योनि में उंगली घुसा दी। अंदर योनि इतनी गीली थी कि मैंने आसानी से दूसरी उंगली भी उसमें डाल दी। दोनों उंगलियों से योनि की दीवारों को सहलाते हुए मैं उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा।मैं उसको आलिंगन में पकड़े रहा और नीचे कमर जोर-जोर से चलाकर लिंग को उसकी योनि में कूटना शुरु कर दिया।
हम दोनों ही बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गए थे इसलिए थोड़ी देर में दोनों स्खलित हो गए।
वहाँ नीरज और निकिता अभी भी डॉगी पोज में लगे हुए थे. नीरज चोदते हुए उसके लटकते हुए बड़े बड़े स्तन मसल रहा था और उसकी गांडपर प्यार से चांटे भी मार रहा था.
आखिर नीरज ने बात शुरू की.
उत्तेजित स्वर में नीरज बोला, "यार राज, साथ में चुदाई करने में कितना अजीब मजा आ रहा है यार!"
मैंने भी हाँफते हुए कहा, "हां नीरज, ऐसा लग रहा हैं की इतने दिनोंतक हमने यह काम क्यों नहीं किया. सच कहूँ तो निकिता और सुनीता दोनों भी ज़बरदस्त माल हैं और साली एकदम चुड़क्कड़ भी."
"राज, सच्ची बताऊँ तो जिस दिन मैं यहाँ आया था तबसे सुनीता को नंगा देखने के लिए मर रहा था. आज तुम्हारे स्पेशल फोटोशूट के बहाने मेरा सपना पूरा हो गया. और साले तुमको भी मेरी सुन्दर और सेक्सी निकिता को नंगा देखने को मिला," नीरज ने अपने दिल की बात कह दी.
अब सुनीता उठकर बोली, "तुम दोनोंको मेरा सबसे बड़ा थैंक्स बोलना चाहिए, जो मैं अपनी ब्रा उतारनेको तैयार हुई. वर्ना निकिता कपडे उतारकर सबके सामने यूँ चुदने को कभी राजी नहीं होती थी."
नीरज ने कहा, "हां सुनीता, तुमने एकदम लाख रुपये की बात की हैं. मेरी शर्मीली निकिता को कली से फूल बनाना और खुले आम नंगे होकर चुदने के लिए मनाना इसमें तुम्हारा ही सबसे बड़ा योगदान हैं."
निकिता ने हँसते हुए कहा, "अच्छा, तो यह आप तीनो की चाल थी मुझे नंगा कर ऐसी भरपूर चुदाई करवाने की. लेकिन मुझे भी राज और सुनीता की चुदाई देखकर बहुत सुख मिला. जीवन में पहली बार इतना सुख एक रात में मिला ऐसा लग रहा हैं."
सुनीता निकिता के साथ बैडरूम में चली गयी. हम दोनों लड़कों ने अपने अपने कपडे पहने।
मैंने नीरज का धन्यवाद किया और हँसते हँसते कहा, "अगर तुम दोनोको भी ऐसी स्पेशल फोटोशूट करानी हैं, तो बता दो. मेरे पास और दो रील हैं और एल्बम की डिलीवरी लेने तुम ही चले जाना।"
नीरज बोला, "अब तो साथ साथ चुदाई होगी, फोटोशूट के बहाने की क्या जरूरत है."
उन दोनोके चले जाने के बाद मेरी और सुनीता की उस रात को भी घमासान चुदाई हुई. आज पहली बार मैंने निकिता को नजदीकसे पूरा नंगा और मस्तीसे चुदवाते हुए देखा था, इसलिए उसको याद करते करते मैंने फिर से सुनीता को मस्ती से चोदा। नीरज के सामने लगभग नंगी होने के कारण और उसका तगड़ा लौड़ा देखने से सुनीता भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी. तीसरी बार जब मैंने उसे घोड़ी बनाया और मम्मे सहलाते हुए अपना फनफनाता हुआ लंड उसकी गीली चुत में रफ़्तार से अंदर बाहर कर रहा था तब शादी के बाद पहली बार उसकी योनि से फव्वारा निकला. इसका मतलब उसे आजतक का सबसे बड़ा ऑर्गैज़म मिला था.
जब इतनी शर्म खुल गयी थी तब मैंने अगले ही दिन शाम नीरज निकिता को घर पर बुलाया और पार्टनर स्वैपिंग के बारे में पूंछ लिया.
नीरज बोला, "जितना कल रात को हुआ उसके आगे बढ़ने के लिए निकिता अभी तैयार नहीं हैं. मैं भी खुल्लम खुल्ला बोल रहा हूँ की मैं सुनीता को चोदने के लिए बेकरार हूँ. हो सकता है की सुनीता भी मुझसे चुदने राजी हो जाए, मगर जबतक निकिता की हां न हो तबतक हम फुल स्वैपिंग नहीं कर सकते."
यह सुनकर मेरे ऊपर तो जैसे बिजली गिर गयी. कल रात के बाद मुझे शत प्रतिशत लग रहा था की अब निकिता रानी की चुत और मेरा लौड़ा एक हो जाएंगे.
फिर भी अपने आप को संभालते हुए मैंने कहा, "चलो कोई बात नहीं, हम तीनो मिलकर निकिता के राजी होने का इंतज़ार करेंगे."
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