RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
अब मैंने उसके गर्दन पर चूमना शुरू किया. अब वह भी गर्म हो चुकी थी. अब निकिता उसके तने हुए मम्मे मेरी छातीपर दबाने लगी. मैंने आँखों के किनारे से देखा तो नीरज सुनीता के स्कर्ट के अंदर से उसके कुल्होंको सेहला रहा था, और मेरी सुनीता रानी उसका चेहरा अपने बड़े वक्षोंके क्लीवेज में दबा रही थी. फिर अचानक संगीत ख़त्म हुआ और हम अपने अपने पार्टनर के पास आ गए.
सुनीता ने मुझे बाहों में लेकर मीठा चुम्बन दिया और बोली, "राज, इतना अच्छा जन्मदिन मुझे हमेशा यादगार रहेगा."
वहां नीरज और निकिता भी मस्ती से किसिंग कर रहे थे. वाइन पीने का एक दौर और हो गया. मैंने सोचा की बहुत दिन से जो प्लान मेरे दिमाग में चल रहा हैं उसे सच्चाई में लाने का इससे अच्छा मौका नहीं आएगा.
मैंने कहा, "चलो सब लोग मिलके स्पिन द बोतल का खेल खेलते हैं."
हम चारों जमीन पर बैठ गए और उस चक्कर में मुझे और नीरज को दोनों लड़कियोंके जांघोंके दर्शन हो रहे थे.
पहले राउंड में घूम कर बोतल सुनीता पर रुकी।
मैंने कहा, "चलो, बर्थडे गर्ल से ही शुरुआत हो गयी."
अब रूल के अनुसार निकिता उसे पनिशमेंट देने वाली थी.
"मेरे नीरज को अच्छे से एक मिनट तक आलिंगन दो," उसने कहा.
"अरे यह भी कोई पनिशमेंट हैं?" हँसते हँसते सुनीता बोली और जाकर नीरज से लिपट गयी.
अब सुनीता ने अपने मम्मे उसपर दबा दिए.
अगली बार बोतल मेरे ऊपर रुकी, तो नीरज बोला, "चल, तू भी निकिता को अच्छे से हग करले।"
जैसे ही निकिता मेरी बाहों में आयी मैंने उसकी कमर और कूल्हों को सहलाया और गाल पर चुम्बन किया. मेरा खड़ा लंड उसे जरूर चुभा होगा.
अगले दो राउंड में आलिंगन और चुम्बन होने के बाद मैंने नीरज से कहा, "नीरज, अब सुनीता की स्कर्ट उठाकर उसकी जाँघे सेहलाओ।"
अब वाइन के नशे में सुनीता भी बिनधास्त होकर सोफे पर लेट गयी. नीरज ने उसकी लाल स्कर्ट उठाई और जाँघे सहलाकर उन्हें चूमने भी लगा. अब मैं भी बहुत उत्तेजित हुआ और मैंने निकिता को पीछे से बाहोंमें ले लिया। मेरा लंड उसकी गांड पर टक्कर मार रहा था और मेरे हाथ उसके वक्षों को उसके गाउन के ऊपर से ही दबा रहे थे.
अब लग रहा था की हमारा बरसो का पार्टनर स्वैपिंग का सपना आज पूरा होने वाला हैं. इतने में निकिता ने मेरे हांथों को रोक दिया और नीरज से भी सुनीता के ऊपर से उठने के लिए कहा. मैं समझ गया की निकिता से इस के आगे बढ़ने के लिए अभी इस समय तैयार नहीं हैं. वैसे सुनीता को भी सबके सामने थोड़ी शर्म आ रही थी.
मैंने ऐसे जताया की कुछ हुआ ही नहीं और कहा, "चलो, बड़ा मजा आया आज की इस पार्टी में, इतनी बढ़िया पार्टी तो मैंने भी आज तक सुनीता को दी नहीं."
सुनीता ने भी हां में हां मिलाई और हम दोनों उनसे गले मिलकर उनका फिरसे धन्यवाद करते उनके घर से निकल गए. निकिता ने अपनी सहेली को उसके तोहफ़ोंके बारे में याद दिलाया और फिर हम गिफ्ट्स लेकर अपने घर पहुंचे.
कुछ मिनट पहले तक जो हुआ था उसके कारण हम दोनों भी पूरी तरह से हॉर्नी हो गए थे, मैने सुनीता के कपडे लगभग फाड़कर उतार दिए और उसे हॉल में ही चोदने लगा.
"आओ मेरे नीरज राजा, चोदो मुझे, मेरी चुत को फाड़ डालो, अपने लौड़े से मुझे सारी रात चोदते रहो," सुनीता चिल्लाकर बोली.
"हां मेरी निकिता रानी, ले मेरा लंड ले, क्या तेरी मस्त गांड हैं. आज नाचते वक़्त तेरी चूँचिया दबाने में क्या मजा आया था.. आह.. तू कितनी गोरी कितनी माल हैं, तेरी गुलाबी चूत कितनी टाइट है मेरी जान!" मैं कह रहा था.
ऐसी उन दोनों की बाते करते करते सारी रात चुदाई और ६९ की पोज़ में सुख लेते और देते हुई निकली.
अगली बार हमने उन दोनोंको अपने घर पर बुलाया, वाइन , डांस और आलिंगन चुम्बन भी हुआ, मगर इसके आगे बात बढ़ नहीं रही थी. मुझे पता था की अगर निकिता मुझसे चुदने के लिए राजी हुई तो सुनीता उसी क्षण नीरज से चुदने को तैयार थी.
मैंने और एक ज़बरदस्त पासा फेंका।
"यार नीरज और निकिता, अब यह बताने की जरुरत नहीं की इस दुनिया में आप दोनोसे बढ़कर हमारा कोई जिगरी यार दोस्त नहीं हैं. मेरी और सुनीता की काफी दिनोंकी एक स्पेशल फोटोशूट करने की तमन्ना हैं. क्या आप दोनों इसमें हमारी मदत करोगे?" मैंने पूंछा.
नीरज बोला, "यार राज, नेकी और पूंछ पूंछ, बोलो कब और क्या करना हैं. आप दोनोके लिए तो जान हाज़िर हैं."
स्पेशल फोटोशूट के नाम से निकिता और सुनीता दोनोकी आँखें नशीली हो गयी थी. नीरज को भी लगा की चलो इसी बहाने सुनीता के सेक्सी अंगोको और अच्छी तरह से देखने को मिल जाएगा. मेरी तो बस यही उम्मीद थी की निकिता की शर्म और कम हो जाए और हो सके तो उसकी नग्न जवानी भी मुझे देखने मिल जाए.
मैं बैडरूम में से एक ख़ास कैमरा और चार लाइट्स लेके आया.
"देखो नीरज, आप दोनोंको मेरी और सुनीता की एकदम कम कपडोंमे सेक्सी पोज़ेस में फोटो लेनी हैं."
नीरज का प्रश्न आया, "तुम इस एल्बम को धुलवाने के लिए दोगे तो कोई और देखेगा नहीं?"
मैंने कहा, "एक फोटो स्टूडियो में किसी लड़की के साथ मेरी पहचान हैं, वह रात को चुपचाप रील को धुलवाके फोटो बनाके मुझे अगले दिन देती हैं.
मैंने सिर्फ सुनीता के कुछ ख़ास फोटो ऐसे खींच कर लाये हैं. मगर हम दोनोके साथ में खींचना मुझ अकेले से संभव नहीं, इसलिए तुम्हारी मदत ले रहा हूँ. मैं उस स्टूडियो वाली लड़की को दुगने पैसे देता हूँ इस ख़ास काम के लिए."
नीरज बोल उठा, "वाह यार, तुम तो बड़े ही उस्ताद हो..कुछ न कुछ तरकीब निकाल ही लेते हो."
निकिता और सुनीता तब तक बैडरूम में चली गयी और कुछ ही क्षण में सुनीता एक गाउन डाल कर आयी. तबतक मैंने और नीरज ने लाइट्स सेटिंग करके कैमरा तैयार कर लिया. फिर मैं सुनीता को लेकर सोफे पर गया, और अपने टी-शर्ट और जीन्स उतार दी. सुनीता ने भी अपना गाउन खोल दिया।
अब मैं सिर्फ काले रंग की फ्रेंची में और सुनीता गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी में थे. अलग अलग पोजेस में हमारी फोटो ली जा रही थी. निकिता भी काफी गर्म हो गयी ऐसा लग रहा था. नीरज तो अपने आप पर कैसे काबू कर रह था उसे ही मालूम. उसका उभरा हुआ लंड उसकी पैंट से साफ़ दिखाई दे रहा था.
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