RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
मोहित का लंड जो अभी-2 डर के कारण बैठ गया था….सामने का नज़ारा देख कर फिर खड़ा होने लगा…जिस तरह से नेहा अपनी टाँगो को फोल्ड करके चारपाई पर लेट कर फेलाए हुए थी….उससे उसकी चूत सॉफ दिखाई दे रही थी….और अब तो उसकी चूत की फांके फेली होने के कारण उसकी चूत का गुलाबी रसदार छेद भी सॉफ दिखाई दे रहा था…..
नेहा: बोल ना क्या सोच रहा है. या फिर कमला को बता दूं….
एक तो मोहित का बुरा हाल था….ऊपेर से वो अपनी टाँगो को खोल कर अपनी खुली हुई झांतो भरी चूत को मोहित को दिखाते हुए ये सब पूछ रही थी.
मोहित: वो आंटी वो में….
नेहा: हां-2 बोल ना….
मोहित: आंटी आप गुस्सा करेंगे….
नेहा: अगर नही बताएगा तो फिर तेरी मा गुस्सा करेगी…चल में नही करती.
मोहित: आंटी वो आपकी वो दिखाई दे रही है….इसीलिए मेरा खड़ा….
इससे आगे मोहित सेना बोला पाया…और ना ही उसकी हिम्मत हो रही थी.. नेहा चारपाई पर लेटे हुए ऊपेर छत की ओर देख रही थी…मोहित की बतो को सुन कर नेहा ने किसी तरह अपनी हँसी को रोका….”क्या देख कर खड़ा हो गया तेरा…मेरा क्या दिख रहा है…..” नेहा ने अपने नज़रे मोहित की ओर डालते हुए पूछा….
मोहित: वो वो आपकी सलवार….
मोहित की तो जैसे गान्ड फॅट रही थी….ये सब बोलने में….वो इतना ही बोल कर चुप हो गया….”क्या हुआ मेरी सलवार को अर्रे सलवार देख कर भी खड़ा होता है क्या….सच-2 बता….” अब मोहित की गान्ड ऐसे फॅट रही थी… जैसे वो कोई चोरी करके पोलीस के सामने खड़ा हुआ हो….” नही आंटी आपकी सलवार नही वो देख कर”
नेहा: (अपने फेस को दूसरी तरफ कर मुस्कुराते हुए) क्या देख कर सॉफ -2 बोल में तुझसे गुस्सा नही होउंगी….
मोहित: वो आंटी आप की फुद्दि दिखाई दे….
नेहा: (जान बूझ कर चोन्कने का नाटक करते हुए उठ कर बैठ जाती है) हाए हाए क्या कह रहे हो….तुझे कैसे दिखाई दी मेरी फुद्दि….
मोहित: वो वो आपकी सलवार फटी है….
नेहा: (फिर से चोन्कने का नाटक करते हुए) कहा ओह्ह हाई ओई….में भी ना ज़रा भी ध्यान नही दिया….सारी ग़लती मेरी है… और मेने बेकार में तुझे डांटा….चल इधर आ घबरा मत…
मोहित नेहा की तरफ बढ़ा, जैसे ही मोहित नेहा के करीब पहुँचा….नेहा ने उसका हाथ पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया….अब नेहा चारपाई पर नीचे पैर लटका कर बैठी थी….जैसे कि पहले भी बता चुका हूँ कि, चारपाई पर बहुत से सारे बिस्तर एक के ऊपेर एक बिछे हुए थे…इस लिए नेहा काफ़ी ऊपेर बैठी थी….
जैसे ही नेहा ने मोहित को अपने गले से लगाया, नेहा की 38 साइज़ की चुचियाँ मोहित की छाती में धँस गई…वो उसको अपनी बाहों में लिए हुए, अपनी चुचियों को उसकी छाती में रगड़ने लगी…मोहित तो जैसे सवर्ग में पहुँच गया था…फिर बाहर अचानक बदल गर्जने लगे….और तेज बारिश शुरू हो गई..ठंडी-2 हवा स्टोर रूम में आने लगी…
बादलो के गर्जने की आवाज़ सुन कर नेहा ने मोहित को अपने से अलग करते हुए, बाहर की ओर देखा तो, बाहर बारिश जोरो पर थी…अब इतनी तेज बारिश में उसके घर पर किसी के आने का सवाल भी नही था…नेहा अब थोड़ा रिलॅक्स फील कर रही थी…फिर उसने मोहित के सर पर हाथ फेरते हुए बोला…
नेहा: तू घबरा मत कमला को नही बताउन्गि….पर तू ना अब बहुत शरारती हो गया है….अपनी आंटी की फुददी को ऐसे छुप कर देख रहा था. और अपना लंड भी खड़ा कर लिया….
मोहित नेहा के मुँह से ऐसे लंड और चूत जैसे शबाद सुन कर एक दम चोंक गया…वो आँखे फाडे नेहा को देखने लगा…..नेहा ने फिर से वही कातिल मुस्कान के साथ उसकी तरफ देखा और बोली “अच्छा सच-2 बता तुझे मेरी वो अच्छी लगती है….” नेहा के इस सवाल ने मानो जैसे मोहित पर बॉम्ब फोड़ दिया हो….वो एक दम सुन्न हो गया….और अपना मुँह खोल कर नेहा की ओर देखने लगा…
नेहा: बता ना…तुम्हे अच्छी लगती है वो…
मोहित: (घबराते हुए) हां आंटी…..
नेहा: (अपना मुँह बनाते हुए) अच्छा सिर्फ़ वही अच्छी लगती है तुझे में अच्छी नही लगती….
मोहित नेहा की ये बात सुन कर थोड़ा खामोश हो गया….फिर उसको कुछ ना बोलता देख कर, नेहा फिर से बोली…..”अच्छा तुझे अपनी आंटी की वो देखने में मज़ा आता है ना ?” मोहित तो जैसे सुन्न हो चुका था…उसका तो वो हाल हो रहा था कि, काटो तो खून ना निकले…..पर फिर भी उसने हिम्मत करके, उसने हां में सर हिला दिया…
नेहा: (अपने होंठो को दांतो में दबाते हुए) अच्छा तो फिर इतना क्यों घबरा रहा है…मेने कुछ कहा क्या तुमसे….?
मोहित: नही आंटी जी…
नेहा: तो फिर घबरा मत….अच्छा चल छोड़ ये सब तुझे मेरी वो देखने में अच्छा लगता है ना..बोल फिर से देखे गा…
मोहित: नही हां आंटी…..
नेहा: देखेगा….? (नेहा की साँसे भी अब तेज होने लगी थी…भले ही वो ऊपेर से मोहित पर हावी होने की कॉसिश कर रही थी….पर अंदर से उसका भी मोहित जैसा हाल हो रहा था….
मोहित: हां आंटी….
नेहा फिर एक बार उसकी तरफ वासना भरी मुस्कान से देखा, और फिर से वैसे ही लेट गई…उसने लेटते हुए अपनी टाँगो को मोड़ कर फिर से पैरो को चारपाई के किनारों, पर टीकाकार अपनी जाँघो को फेला लिया….एक बार फिर से नेहा की चूत का रस से भीगा हुआ छेद और उसकी काली झांते मोहित की आँखो के सामने आ गई….
मोहित का लंड ये देख कर पेंट में झटके खाने लगा…मोहित अपनी आँखो खोले काफ़ी हद तक नेहा की चूत की ओर देख रहा था….और नेहा मुस्कुराते हुए, मोहित के चेहरे को देख रही थी….दोनो का अब बुरा हाल था…ये सोच कर ही नेहा की चूत पानी छोड़ने लगी थी, उसके बेटे की उम्र का लड़का उसकी चूत को ऐसे देख रहा है…
और उसे भी खुद पर हैरानी हो रही थी कि, वो अपनी चूत की आग को लेकर इतनी बेबस कैसे हो गई कि, वो अपने बेटे के दोस्त को इस तरह अपनी चूत के दर्शन करवा कर ही गरम हो रही है…
नेहा भी अब एक दम चुदासी हो गई थी….उसकी चूत के फांके फड़फदा रही थी….मोहित नेहा के बिकुल करीब खड़ा ये सब देख रहा था….नेहा की चूत से कामरस निकल कर बहता हुआ उसकी गान्ड के छेद की तरफ जा रहा था….जिसे देख मोहित और जोश में आने लगा….
नेहा को भी मोहित की हालत का अंदाज़ा हो गया..उसने लेटे हुए अपनी आँखें बंद किए हुए, मोहित से कहा….”सिर्फ़ देखने का ही मन है ना….छूने का दिल तो नही कर रहा”
मोहित: (एक दम चोन्कते हुए) नही आंटी हां आंटी….
नेहा: नही या हां ?
मोहित: हां आंटी….
नेहा: तो छू ले ना….मेने कब मना किया है….
नेहा की बात सुन कर मोहित का दिल जोरो से धड़कने लगा….वो धीरे-2 नेहा की टाँगो के बीच में पहुँच गया….और अपने काँपते हुए हाथ को उसकी चूत की तरफ बढ़ा दिया….नेहा ने एक बार अपनी आँखे खोल कर मोहित की ओर देखा, और फिर से अपनी आँखो को बंद करके उस लम्हे का इंतजार करने लगी. जब मोहित उसकी चूत को छुएगा….
क्रमशः................................
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