RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
निर्मला: (अब निर्मला के दिल मे अजीब सी हलचल मची हुई थी…वो जानती थी कि साहिल इतना समझदार नही है कि, वो इन सब बातों को छुपा कर रख सके…पर वासना के असर के कारण उसने अपनी सारी मान मर्यादा ताक पर रख दी थी) साहिल तूने कभी किसी औरत की फुद्दि नही देखी ना….
साहिल: नही काकी सच मे नही देखी…..
निर्मला: देखेगा ? (निर्मला ने साहिल के लंड को सहलाते हुए धीरे से कहा)
साहिल: क्या….?
निर्मला: मेरे फुद्दि….
साहिल ने शरमाते हुए हां मे सर हिला दया….”जा पहले जाकर मैन डोर चेक करके आ….और अच्छे से सब बंद करके ऊपेर आना….” निर्मला की बात सुनते ही, साहिल ने अपनी निक्कर ऊपेर की, और दौड़ता हुआ नीचे गया. मेन डोर बंद करके सब चेक करके ऊपेर आ गया….निर्मला बेड पर बैठी थी, उसने मुस्करा कर साहिल की तरफ देखा, और अपने पास आने का इशारा किया….साहिल निर्मला के पास जाकर खड़ा हो गया…
निर्मला: साहिल तूँ ये बात किसी से कहेगा तो नही कि, तूने मेरे फुद्दि देखी है….(निर्मला ये पक्का कर लेना चाहती थी कि, साहिल बच्पने मे ये बात किसी को ना कह दे)
साहिल: नही मैं नही बताउन्गा….
निर्मला: पहले कसम खाओ…
साहिल: मा कसम काकी किसी को नही बताउन्गा….
निर्मला ने एक बार फिर से साहिल की ओर देखा, और फिर बेड पर पीठ के बल लेट गयी…उसके पैर नीचे लटक रहे थे….फिर उसने अपनी कमीज़ को अपनी कमर तक ऊपेर उठाया, और अपने दोनो हाथों से अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी…..ये सब करते हुए, वो साहिल की तरफ देखते हुए मुस्करा रही थी…..साहिल बड़े गोर से निर्मला की हर हरकत को देख रहा था.
निर्मला ने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपनी टाँगों को घुटनो से फोल्ड करके पैरों को बेड के किनारे पर रख दिया….फिर अपनी सलवार के जबरन को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी…जैसे ही थोड़ी सी सलवार नीचे हुई, उसने अपने पैरों पर वजन डालते हुए, अपने चुतड़ों को ऊपेर उठा लिया…और फिर सलवार को अपने चुतड़ों के नीचे से सरकाते हुए,अपने घुटनो तक नीचे कर दिया….
अब साहिल के सामने निर्मला लेटी हुई थी….उसकी सलवार उसके घुटनो तक नीचे उतर चुकी थी….उसकी दोनो जांघे आपस मैं सटी हुई थी…और उसकी घनी काले बालो वाली चूत दोनो जाँघो के बीच मे दबी हुई थी…जो सिर्फ़ एक लकीर की तरह साहिल को दिखाई दे रही थी….
निर्मला: (साहिल को अपनी चूत की तरफ देखते हुए देख कर ये देखो बाबू इसे कहते है फुद्दि…..क्या हुआ ऐसे क्यों देख रहे हो…
साहिल: पर काकी ये तो ठीक से दिखाई नही दे रही….
निर्मला: इधर मेरे पास….देख अब मैं अपनी टाँगों को मोड़ कर उठुन्गि, टू अपने हाथों से खोल कर देख लेना…..
साहिल: ठीक है….
फिर निर्मला ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया, और फिर अपनी जाँघो को दोनो तरफ फेला लिया…सलवार उसके घुट्नो मे थी, इसलिए वो अपनी पूरी टाँगों को फेला नही पाई….पर फिर भी दोनो टाँगों के बीच 6-7 इंच का गॅप सा बन गया…जिससे उसकी चूत के फाकें थोड़ी फेल गयी…साहिल जिंदगी मे पहली बार चूत देख रहा था….उसका छोटा सा लंड उसके निक्कर मे एक दम तन गया…..
निर्मला: अब क्या देख रहा है…अपने हाथों से खोल कर देख ले ना,
साहिल निर्मला के पास आ गया, और बेड के साथ नीचे बैठ गया…उसने अपने दोनो हाथों से निर्मला की चूत की झान्टो को साइड मे किया, और फिर उसकी दोनो पंखुड़ियों को अपने हाथों की उंगलयों से फेला दिया….साहिल के हाथ अपनी चूत पर महसूस करते ही, निर्मला एक दम से सिसक उठी.”आह सीयी” साहिल एक दम से घबरा गया..और उसने अपने हाथों को हटाते हुए पूछा.
साहिल: क्या हुआ दर्द हुआ ?
निर्मला: (गहरी साँसे लेते हुए) अर्रे नही गुदगुदी हो रही है.तूँ देख ले, जल्दी से….
साहिल ने फिर अपने काँपते हुए हाथों से निर्मला की चूत की फांको को पकड़ कर फैलाना शुरू कर दिया…और फिर साहिल की आँखों के सामने निर्मला की चूत का गुलाबी छेद आ गया….”काकी तुम्हारी फुद्दि पर इतने बाल क्यों है” साहिल ने पूछा….
निर्मला: अर्रे सब औरतों के होते है….जब तुम बड़े हो जओगे.तो.तुम्हारे लंड के आस पास भी ऐसे बड़े-2 बाल आ जाएँगे….”सीयी ओह्ह्ह साहिल दबा ना इसे”
साहिल: क्या काकी किसे दाबू…
निर्मला: मेरी फुद्दि को दबा धीरे-2 ….
साहिल ने अपनी उंगलयों को निर्मला की चूत की फांको पर रख कर दाबना शुरू कर दिया….और निर्मला एक दम से तड़प उठी”अह्ह्ह्ह साहिल बहुत मज़ा आ रहा है”
तभी अचानक बाहर डोर बेल बजी…..निर्मला एक दम से हड़बड़ा गयी… वो जल्दी से बेड से खड़ी हुई, और अपनी सलवार ऊपेर करके नीचे चली गयी…साहिल ने आज पहली बार किसी के चूत देखी थी….
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