RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
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दोस्तो अब मैं जिन किरदारों के बारे मे आपको बताने जा रहा हूँ. उनका इस कहानी मे बहुत बड़ा रोल है….शीला ने पार्टी मे अपने दोनो भाइयो को बुलाया था…उसके दोनो भाई शादी शुदा था…शीला के बड़े भाई का नाम कुलवंत सिंग था. कुलवंत सिंग शीला से उमेर मे दो साल बड़ा था…उसकी पत्नी का नाम नेहा था…नेहा की उमर लगभग 30 साल के करीब थी…उनकी शादी को लघ्भग 10 साल हो चुके थे…..
कुलवंत और नेहा की शादी के एक साल बाद ही, उनके घर एक बेटे ने जनम लिया…पर उनकी खुसिया ज़यादा दिन तक कायम ना रही, 3 साल के बाद एक आक्सिडेंट मैं उनके बेटे क़ी मौत हो गयी….उसके बाद उनकी किस्मेत ने ही मानो उनसे मूह फेर लिया हुआ, नेहा उसके बाद कभी मा नही बन पाई…कुलवंत सिंग का छोटा भाई भी उस के साथ रहता था, तीन साल पहले कुलवंत के छोटे भाई रवि की शादी हुई थी….और शादी के एक साल बाद ही उनके घर एक बेटे ने जनम लिया था….रवि की पत्नी बहुत तेज तरार औरत है……उसका नाम पायल है…
जिसे अब 6 महीने हो चुके है….दोनो भाई और उनकी पत्नियो के अलावा उनके घर मे कुलवंत सिंग की मा भी रहती है…जो अब काफ़ी बूढ़ी हो चुकी है…जब कुलवंत सिंग के बेटे की मौत हुई थी, तो कुलवंत सिंग ने अपने छोटे भाई और पत्नी से मिल कर यह फैंसला किया था कि, वो अपने बेटे की मौत का जिकर अपनी मा से नही करेंगे…..
क्योंकि कुलवंत सिंग की मा अपने पोते से बहुत प्यार करती थी….और कुलवंत सिंग ये जानता था कि, अगर उसकी मा को ये खबर पता चली तो, उसकी मा उसी वक़्त दम तोड़ देगी…क्योकि उसकी मा को पहले ही दो बार हार्ट अटॅक आ चुका था….इसलिए उन्होने अपनी मा को यही बता कर रखा था कि, उनका बेटा अपनी बुआ (यानी शीला के पास सहर मे रह कर पढ़ाई कर रहा है) कुलवंत सिंग भी दोबारा संतान ना होने के कारण बहुत दुखी था.
चलिए अब आगे बढ़ा जाए….तो शीला साहिल के घर आने को लेकर बहुत ही खुस थी…..जिसके लिए उसने इतनी बड़ी पार्टी अरेंज की थी…कुलवंत सिंग ने जो झूट अपनी मा से बोला था….वो शीला और उसका पति भी जानते थी. इसलिए कुलवंत सिंग अपनी मा को साथ लेकर नही आया था……साहिल के घर आने की ख़ुसी मे बहुत धूम धाम से पार्टी की गयी….उस दिन के बाद तो शीला और मुकेश की जिंदगी ही बदल गयी…..मुकेश तो अपने काम के लिए सुबह घर से चला जाता, और रात को घर आता….पर शीला एक पल के लिए भी अपनी आँखों से साहिल को दूर नही होने देती…….
उसके बचपन के खेल देख कर खुस होती रहती…..जल्द ही साहिल का अड्मिशन स्कूल मे करवा दिया गया…घर पर उसके लिए प्राइवेट ट्यूशन भी रखी गयी ताकि वो जल्द ही अपनी हमउमर बच्चो की क्लास मे पहुच सके….साहिल ने भी उनको निराश नही किया…और एक साल मे ही वो अपनी उमर के बच्चो की क्लास मे पहुच गया…
साहिल की भी जैसे जिंदगी बदल गयी हो….हर तरह की सुख सुविधा, पैसे और किसी चीज़ की कमी नही थी…मोहल्ले मे उसके कई दोस्त बन चुके थे…जिनके साथ वो शाम को क्रिकेट खेलता था….साहिल अब 8थ क्लास मे पहुच गया था…साहिल रोज स्कूल से आता और अपने दोस्तो के साथ क्रिकेट खेलन लग जाता……
साहिल जिन दोस्तो के साथ खेलता था…..उनमे से कुछ उससे दो तीन साल बड़े थे. शीला का घर बहुत बड़ा था…..घर के पीछे की तरफ बहुत सी खाली जगह थी….जैसे कि आप जानते है कि, उस उमर मे बच्चो के अंदर बहुत जिग्यासा होती है, वैसे ही साहिल के अंदर भी थी…एक दिन जब साहिल सब बच्चो के साथ क्रिकेट खेलते-2 थक गया…तो सब बैठ कर आराम करने लगे…उनमे से एक लड़का था विजय जो अक्सर गालियाँ निकाल कर बातें करता था…..
विजय:ओये लोडीये तेरी बेहन दी साले….तुझे कल कहा था कि, मेरे लिए वो मैथ की बुक ला देना तूँ लेकर आया नही….
साम: यार क्या करूँ…..कल भूल गया….
विजय: चल फुद्दि दिया…साले कल ज़रूर मूठ मार रहा होगा…..तभी भूल गया तूँ….
साहिल ये शब्द पहली बार सुन रहा था, क्योंकि ये लड़के उसके स्कूल के नही थे..”विजय ये लोड्ा और फुद्दि क्या होता है”
विजय: (हंसते हुए) क्या नवाब साहिब आप को फुद्दि लंड का भी पता नही..
साहिल: नही मुझे नही पता….
विजय: देखेगा क्या होता है…..
साहिल: हां दिखाओ…
विजय ने एक बार साहिल और साम के तरफ मुस्करा कर देखा और फिर चारो तरफ देखाते हुए अपनी पेंट की ज़िप खोल कर अपने 6 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल लिया…और अपने हाथ से पकड़ कर साहिल को दिखाते हुए बोला “ये देख इसे लंड कहते है” साहिल हैरत भरी नज़रों से कभी साम के तरफ़ देखता, और कभी विजय के लंड की तरफ….
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