RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
सचिन- ये लो अशोक लगा लो घूँट और चोद दो साली को यही है वो मस्त रंडी, जिसके कारण हमारे लौड़े तन्ना रहे हैं।
अशोक- हाँ आज मैं इसकी चूत और गाण्ड का मज़ा लूँगा।
सचिन- हाँ भाई मैं भी इसकी जवानी के मज़े लूँगा। चलो इसे ऊपर ले चलते हैं।
ये दोनों रचना को उठाने ही वाले थे कि शरद बाहर आ गया।
शरद- तुम दोनों पागल हो गए हो क्या… कहाँ ले जा रहे हो इसे….!
अशोक- मैं आज इसको चोद कर इसका काम लगा दूँगा।
शरद समझ गया कि दोनों नशे में चूर हो रहे हैं। अब इनको प्यार से ही समझाना होगा।
शरद- मेरी बात मानो, तुम ऊपर चलो मैं तुम्हें सब समझाता हूँ। ये उठ गई तो सब गड़बड़ हो जायेंगी।
अशोक- नहीं शरद, तुमने तो इन्हें चोद कर मज़ा ले लिया और हमें अब तक बताया भी नहीं कि सिमी के साथ हुआ क्या था? लगता है तुम्हारा मन बदल गया है..!
शरद- प्लीज़ धीरे बोलो…. मैं सब बताता हूँ ओके… चलो इसको रूम में सुला दो। ऊपर चलो…. पक्का सब बताता हूँ भाई प्लीज़…!
अशोक मान जाता है, तब शरद और सचिन रचना को वापस रूम में बेड पर सुला देते हैं और बाहर से डोर लॉक करके ऊपर के रूम में चले जाते हैं। जहाँ शरद अब गुस्सा हो जाता है।
शरद- तुम दोनों नशे में पागल हो गए हो, अगर मेरी आँख नहीं खुलती तो मेरा पूरा प्लान चौपट हो जाता, अशोक तुमने क्या कहा कि मेरा मन बदल गया है..! साले तू अच्छी तरह जानता है, कि मेरा इरादा क्या है?
अशोक- लेकिन यार तुम ना तो कुछ बताते हो और ना ही हमें कुछ करने देते हो।
शरद- ओके यहाँ बैठो, मैं बताता हूँ कि क्या बात है..!
सचिन- हाँ भाई बताओ सिमी अशोक की सग़ी बहन थी, पर मेरी भी सग़ी से कम नहीं थी। दिल से उसको बहन मानता था, अब बताओ प्लीज़…!
शरद- ओके, सुनो जिस दिन सिमी ने खुदकुशी की, उसके 20 मिनट पहले उसने
मुझे फ़ोन किया और वो बहुत रो रही थी। मेरे लाख पूछने पर उसने बताया कि शरद मैं तुम्हारे क़ाबिल नहीं रही, मैं बरबाद हो गई हूँ मेरी बेस्ट-फ्रेंड ने मेरे साथ धोखा किया है। मैं अब जीना नहीं चाहती हूँ।
मैंने बहुत ट्राइ किया, पूरी बात जानने के लिए, पर बस उसने रचना का नाम बताया और कहा कि उसके दो दोस्तों ने मुझे खराब कर दिया, मैं मर रही हूँ।
अशोक- ओ माई गॉड… ऐसा कहा उसने…!
शरद- हाँ यार मैं मजबूर था, उसे रोकना चाहता था, पर उसने फ़ोन काट दिया और खुद को आग लगा ली। इसी लिए मैंने फ़ौरन तुमको फोन किया कि जल्दी घर जाओ, सिमी की जान को खतरा है, उसको बचाओ।
अशोक- ओह्ह मेरी बहन ओह्ह सिमी आई मिस यू.. मैं जब आया तो सब खत्म हो चुका था.. आह.. मैं तुमको बचा ना पाया।
शरद- प्लीज़ अशोक रो मत, ये वक़्त रोने का नहीं है, उनको रुलाने का है। अब बस एक बार उन दो हरामियों के बारे में पता चल जाए।
सचिन- भाई हम रचना को चोद-चोद कर इतना तड़पायेंगे, अपने आप सब बता देगी साली रंडी…!
शरद- नहीं ऐसा करना होता, तो पहले दिन ही कर लेता मैं, पता है सिमी की मौत के बाद मैं टूट गया था, पर उसका बदला लेना था, सो मैं इंडिया आ गया और रचना का पीछा करने लगा। इत्तफ़ाक़ देखो अमर मेरा दोस्त निकला। अब मैंने सोचा आसानी से रचना को प्यार के जाल में फँसा कर बदला लूँगा, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, इसका भाई इतना बड़ा हरामी निकला, साला अपनी ही बहन को चोदने के लिए मेरी हेल्प ले ली और मेरे जाल में खुद फँस गया। अब बस कल देखो मेरे गेम का आखरी दांव मैं खेलूँगा और उन दो कुत्तों के बारे में पता चल जाएगा।
सचिन- हाँ भाई और कल हम भी दोनों बहनों को चोदेंगे।
शरद- हाँ चोद लेना, ला यार बियर ला, मूड खराब हो गया सारा…!
अशोक- हाँ सचिन ला मुझे भी बियर दे और वो वीडियो शरद को दिखा, साली ने कैसे अपने भाई से गाण्ड मरवाई थी। शुरू से लगाना हा हा हा मैंने भी शुरू से नहीं देखा था।
सचिन भी ज़ोर से हँसने लगता है और वो वीडियो लगा कर बैठ जाता है।
दोस्तों आपको समझ आ जाए, इसलिए स्टोरी थोड़ा रिपीट कर रही हूँ।
जब अमर रचना को कहता है कि तेरी गाण्ड बड़े प्यार से मारूँगा, जैसे पूनम की मारी थी। ये सीन देखकर शरद के साथ-साथ अशोक और सचिन भी हैरान हो गए और उन दोनों की पूरी बात सुनकर अशोक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। वो उठकर बाहर जाने लगा।
शरद- सचिन पकड़ो इसे…!
सचिन जल्दी से अशोक को पकड़ लेता है।
अशोक- छोड़ दो मुझे, उस हरामी ने मेरी बहन के साथ इतना गंदा काम किया, छोडूँगा नहीं कुत्ते को…!
शरद- अशोक तू बैठ, मेरी बात सुन… हम साथ मिलकर उसको ऐसा सबक सिखायेंगे कि न वो जिन्दा रहना चाहेगा और न मर सकेगा। तू बात तो सुन, अब तो उन दोनों के बारे में भी पता चल गया है। अब तू देख हम मिलकर कल इनका क्या हाल करते हैं।
सचिन- भाई में उन दोनों को जानता हूँ। अंकित और सुधीर दोनों एक नंबर के हरामी हैं।
शरद- गुड सचिन कल सुबह किसी भी तरह उन कुत्तों को यहाँ ले आओ और उस रंडी ललिता को तो इतना तड़पाऊँगा कि जिन्दगी भर याद करेगी वो, अब बस वो कुत्ते आ जाएं, पूरी बात उनसे पता चलेगी कि आख़िर वहाँ हुआ क्या था और उसके बाद इन सब का वो हाल करेंगे कि दुनिया देखेगी।
अशोक- हाँ शरद सचिन के साथ उन को लाने मैं जाऊँगा।
शरद- नहीं अशोक तू कहीं नहीं जाएगा… तेरा गुस्सा बहुत तेज है, कहीं कुछ कर देगा तू..! सचिन अकेला लाएगा उनको, समझे..! तू यहीं रहेगा, इसी कमरे में… ओके…!
अशोक- मैं कुछ नहीं करूँगा, मुझे जाने दो। वो दो हैं सचिन अकेला उनको कैसे लाएगा..!
सचिन- मैं ले आऊँगा यार, वो मुझे जानते हैं कई बार उनके साथ हरामीपन्थी की है, एक नम्बर के लड़कीबाज हैं साले… बड़े आराम से ले आऊँगा उनको…!
अशोक- फिर भी यार साथ जाने में क्या हर्ज़ है…!
शरद- नहीं बोला ना.. बस सचिन को जाने दो ओके…!
अशोक- ओके…!
शरद- सचिन तुम पहले धरम अन्ना से मिल लेना। उसको ये बोलना कि सुबह अमर आएगा उसको वहीं रोकना है और देखना उन कुत्तों को पता ना चले समझ गए न… कैसे लाना है…!
सचिन- हाँ भाई आप बे-फिकर रहो मैं सब सम्भाल लूँगा।
शरद- ओके, अब तुम दोनों भी सो जाओ। कल बहुत काम करना है, मैं भी जाकर सोता हू।
शरद वहाँ से वापस रूम में आ जाता है और वो दोनों भी सो जाते है।
सुबह जल्दी उठकर सचिन बाहर चला जाता है अशोक अभी भी सो रहा था।
उधर शरद उठ गया था और बाथरूम में फ्रेश होने चला गया।
शरद के आने के बाद अमर की आँख खुली। तब शरद कपड़े पहन रहा था। उस
समय करीब 9 बजे होंगे।
अमर- गुड मॉर्निंग शरद, वाउ यार तुम तो नहा भी चुके..!
शरद- उबासी लेना बन्द करो, जाओ फ्रेश हो जाओ, उसके बाद इन रण्डियों को भी
उठा देना, साली कैसे चूत खोले सो रही हैं।
अमर- हा हा हा अभी डाल दूँ क्या लौड़ा चूत में.. आपने आप उठ जायेंगी।
शरद- अबे बस भी कर साले, बाद में डाल देना, आज फिल्म की शूटिंग है, धरम अन्ना अपनी टीम के साथ आता ही होगा।
अमर- ओ हाँ सॉरी, अभी गया बस, रेडी होकर आता हूँ।
शरद- ओके तुम रेडी होकर इनको भी उठा देना, सामने वो अल्मारी में कपड़े रखे हैं तुम सब के लिए। मैं थोड़ी देर में आता हूँ।
शरद वहाँ से सीधा ऊपर के रूम में जाता है, जहाँ अशोक अब तक सो रहा था।
शरद- अशोक ओ अशोक उठ यार, समय बहुत हो गया है, चल जल्दी फ्रेश हो जा सचिन भी आता ही होगा।
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