RE: Real Sex Story मीनाक्षी की कामवासना
मैंने कहा, “तुम टॉवल लपेट कर बाहर आ जाओ। मैं अभी तुम्हारे लिए कपड़ों का इंतज़ाम कर देंगी।” राज एक टॉवल लपेट कर बाहर आ गया। मैंने कहा, “तुम बैठ कर टी.वी देखो, मैं एक-एक पैग और बना कर लाती हैं। उसके बाद मैं तुम्हारे लिए कपड़ों का इंतज़ाम भी कर देंगी।” वो सोफे पर बैठ कर टी.वी देखने लगा। मैंने व्हिस्की के दो तगड़े पैग बनाए और मैंने राज को एक पैग दिया। वो चुप चाप सिप करने लगा। मैं भी सोफे पर बैठ कर पैग पीने लगी।
राज ने मुझसे पूछा, “अब तुम अपनी उदासी की वजह बताओ। मैं तुम्हारी उदासी दूर करने की कोशिश करूनँगा।” मैं उठ कर राज की बगल में बैठ गयी। फिर मैंने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा, “मेरी उदासी की वजह ये है। मेरे पति को गुजरे हुए ६ महीने हो गये हैं और तब से ही मैं एकदम प्यासी हूँ। वो रोज ही जम कर मेरी चुदाई करते थे। ६ महीने से मुझे चुदाई का मज़ा बिल्कुल नहीं मिला है और ये कमी तुम पूरी कर सकते हो।” वो कुछ नहीं बोला। मैंने राज के लंड पर से टॉवल हटा दिया। राज का लंड एक दम ढीला था लेकिन था बहुत ही लंबा और मोटा।
मैंने कहा, "तुम्हारा लंड तो उनके लंड से ज्यादा लंबा और मोटा लग रहा है। मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आयेगा।”
वो बोला, “मैं तुम्हें नहीं चोद सकता।”
मैंने पूछा, “क्यों?” राज ने अपना सिर झुका लिया और बोला, “मेरा लंड खड़ा नहीं होता।” उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गयी। मैंने कहा, “तुम्हारी शादी भी तो २ महीने पहले हुयी है।”
वो बोला, “मेरा लंड खड़ा नहीं होता इसलिए वो अभी तक कुँवारी ही है। मेरी बीवी मुझसे इसी वजह से बहुत नाराज़ रहती है। वो कहती है कि जब तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होता था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की।”
मैंने राज से कहा, "ठीक है, जब मैं अपने लिये कोई अच्छा सा मर्द खोज लँगी जिसका लंड खूब लंबा और मोटा हो और जो खूब देर तक मेरी चुदाई कर सके... उसके बाद तुम एक दिन अपनी बीवी को भी यहाँ बुला लाना, मैं तुम्हारी बीवी को भी उससे चुदवा देंगी। इस तरह तुम्हारी बीवी सुहागरात भी मना लेगी और उसे चुदवाने का पूरा मज़ा आ जायेगा। उसके बाद वो तुमसे कभी नाराज़ नहीं रहेगी। क्यों ठीक है ना?”
राज बोला, “क्या तुम सही कह रही हो कि वो फिर मुझसे नाराज़ नहीं रहेगी?”
मैंने कहा, “हाँ... मैं एक दम सच कह रही हैं लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुछ भी मत बताना।”
राज बोला, “ठीक है।”
दूसरे दिन मैं राज के साथ एक साईट पर गयी। वो साईट मेरे घर से लगभग ८०-८५ कि.मी. दूर थी। उस साईट पर लगभग ४० मज़दूर काम करते थे। उस साईट का मैनेजर उन सब को पैसे दे रहा था। सारे मज़दूर लाईन में खड़े थे। मैं मैनेजर की बगल में एक कुर्सी पर बैठ गयी। सभी ने निक्कर और बनियान पहन रखा था। मैं निक्कर के ऊपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी।
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