RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
मैने अपना लंड बाहर को खींचा और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया मेरा आधे से भी ज़्यादा लंड इस धक्के से मिली की गान्ड मे समा चुका था
"ओह्ह..मम्मी मर गई रीए....छोड़ दे राजू छोड़ दे मुझे , मुझे नही करना ये सब मैं अब तुझे कभी भी मना नही करूँगी रीना से मिलने को प्ल्ज़ छोड़ दे मुझे" मिली रोते हुए बोली
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था मैने अपना लंड फिर बाहर खींचा और एक आख़िरी ज़ोर का धक्का और लगा दिया इस धक्के ने मेरा पूरा लंड मिली की गान्ड मे उतार दिया
"उफ्फ....साले कुत्ते क्या मेरी गान्ड फाड़ के ही मानेगा भाई है या कसाई" मिली के मूह से एक दर्द भरी चीख और निकली लेकिन मैने कोई जवाब नही दिया और वैसे ही उसकी कमर थामे खड़ा रहा
3-4 मिनट तक मैने कुछ नही किया और वैसे ही मिली की गान्ड मे अपना पूरा लंड घुसाए रुका रहा अब मिली की सिसकिया भी बहुत कम हो गई थी "अब कैसा लग रहा है मिली" मैं बोला
"कुत्ते कहीं के पहले तू क्या बोला था कि दर्द होते ही लंड बाहर निकाल लेगा और किया क्या?" मिली गुस्से से हान्फते हुए बोली
"मिली मेरे पूरा लंड तेरी गान्ड मे घुस चुका है ज़रा भी बाकी नही है जितना दर्द होना था हो चुका अब बता कि तेरा दर्द कैसा है" मैने फिर पूछा
"क्याअ... सारा लंड अंदर चला गया बाप रे कहीं मेरी गान्ड ना फट गई हो राजू देख तो कहीं खून तो नही निकल रहा जलन बहुत हो रही है" वो चौुक्ति हुई बोली उसे उम्मीद नही थी कि दो ही धक्को मे सारा लंड उसकी गान्ड मे था
"नही कोई खून नही निकला और थोड़ी देर जलन तो होगी ही लेकिन तुझे दर्द तो नही हो रहा अब" मैं बोला
"दर्द तो हो रहा है लेकिन बहुत कम" वो गहरी गहरी साँस लेते हुए बोल रही थी
"तो ठीक है मैं पंपिंग शुरू करता हूँ अब" मैं बोला और धीरे धीरे उसकी गान्ड मे धक्के लगाने लगा
"आहह...उउन्न्ह...उउफफफ्फ़......" जैसी सिसकारियाँ उसके मूह से निकलने लगी धीरे धीरे मेरे धक्को से वो दर्द भरी आहें अब मादक हो चुकी थी क्योंकि अब मैं उसकी गान्ड मारने के साथ साथ उसकी चूत मे अपनी दो उंगलिया भी अंदर बाहर करने लगा था
"मिली मज़ा आरहा है ना?" मैने पूछा
"आहह..अब ठीक लग रहा है राजू मज़ा भी आ रहा है ज़रा स्पीड तो बढ़ा अपनी उंगली की" वो बोली
"तू बोले तो गान्ड से निकाल कर लंड तेरी चूत मे डाल दूं" मैं अपने लंड और उंगली दोनो की ही स्पीड बढ़ाते हुए बोला
"ना बाबा ना इतना ही बहुत है आज के लिए और वैसे भी मैं तेरा लंड अपनी चूत मे नही लूँगी तेरे लिए मेरी गान्ड ही बहुत है" मिली मस्ती भरी मादक सिसकिया लेते हुए बोली
15-20 धक्को बाद ही मुझे लगने लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने अपनी स्पीड फुल कर दी मिली भी इन झटको और मेरी उंगली की कारस्तानी से झड़ने लगी थी मेरी सारी हथेली उसके यौवन रस से सराबोर हो चुकी थी और ऐसा होते ही मेरे लंड ने भी उसकी गान्ड मे पिचकारियाँ छोड़नी शुरू कर दी थी आज मेरे लंड ने इतना माल निकाला कि वो मिली की गान्ड मे भी नही समाया और बाहर निकलने लगा
झड़ते हुए मैं बुरी तरह थक चुका था इसलिए मैने मिली की कमर छोड़ी और उसकी गान्ड मे लंड घुसाए हुए ही उस पर ढेर गया मिली भी मेरे वजन की वजह से बेड पर धराशायी हो गई हम दोनो ही गहरी गहरी साँसे लेते हुए बेड पर पड़े थे..
मैं और मिली बहुत देर तक ऐसे ही बेड पर पड़े रहे मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे मैं अभी अभी जन्नत की सैर करके आया था कितना मज़ा आया था मिली की टाइट गान्ड मारने मे मैं बयान भी नही कर सकता था
जबकि शायद मिली की हालत मुझसे जुदा थी जो उसके चेहरे से सॉफ दिखाई दे रही थी उसे बहुत दर्द हुआ था शायद पहली बार गान्ड मरवाने मे
"मिली तू ठीक तो है ना?" मैने पूछा
"हूंम्म्म..." उसके मूह से निकला
"दर्द बहुत हो रहा है क्या?" मैने फिर पूछा
"दर्द तो कम हो गया है लेकिन कुछ जलन सी हो रही है वहाँ" वो बोली
"तू रुक मैं अभी कुछ करता हूँ" कहते हुए मैं उठा और बोरो प्लस का ट्यूब उठा लाया
"मैं ये क्रीम लगा देता हूँ तुझे आराम मिल जाएगा" मैं उसे वो ट्यूब दिखाता हुआ बोला
"लेकिन ये तो और भी जलन करेगा" वो बोरो प्लस को देखती हुई बोली
"बस एक बार फिर तो आराम मिल ही जाएगा" मैं बोला और मिली को फिर उल्टा लिटा दिया और उसकी गान्ड के छेद पर क्रीम लगाने लगा
|