RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
अब हम दोनो ही खुले शब्दो मे बाते कर रहे थे
"तूने तो मेरी सील तोड़ने मे कसर ही नही छोड़ी थी यदि हम लेट कर ये सब कर रहे होते तो शायद अभी तक तेरा लंड मेरी चूत फाड़ चुका होता" कहते हुए मिली ने मेरा लंड पकड़ लिया
"लेकिन तू चीखी क्यों थी" मैने पूछा
"जब भी कोई लड़की पहली बार चुदवाती है तो सील टूटने के कारण उसे दर्द होता ही है वो तो अच्छा हुआ कि तेरा धक्का इतना तेज नही था वरना मेरी चीख इतनी तेज होती कि सारा मोहल्ला जाग जाता क्योंकि उस वक्त मैं चुदाई के लिए तैयार नही थी" मिली मेरे लंड की मूठ मारती हुई बोली
मैं एक बार फिर आनंद के सागर मे डूबने के लिए उतरने लगा था अब मैं मिली से और भी ज़्यादा खुल जाना चाहता था इसलिए मैं बोला "मिली मैं एक बार तेरी चूत को अच्छे से देखना चाहता हूँ प्ल्ज़ देखने देना"
"अब तो हम लगभग रोज ही ये सब करेंगे इसलिए तुझे भी पता होना चाहिए कि चूत कैसी होती है इसलिए मैं तुझे मना नही करूँगी देखले जो भी देखना चाहता है" कहते हुए मिली ने मेरा लंड छोड़ दिया और अपनी टाँगे अच्छे से फैला ली
अब मैं भी उठ कर उसकी टाँगो के बीच मे आ गया था मिली की चूत मेरी आँखो के सामने थी
गोरी चिकनी बाल रहित कुवारि चूत जिसके होठ कभी कभार कंपकपा रहे थे क्या नज़ारा था मुझसे रहा नही गया और मेरा एक हाथ उस जन्नत के दरवाजे जैसी चूत पर चला गया मिली एक बार फिर सिहर उठी
कुछ देर मैं उसकी चूत पर ऐसे ही हाथ फेरते रहा फिर मेरी एक उंगली मिली की चूत की फांको के बीच तैरने लगी थी मिली के मुँह से एक बार फिर सिसकारिया निकलने लगी थी उसकी चूत फिर गीली होने लगी थी
अब मैं उठ कर मिली के बाजू मे लेट गया और उसकी चूत को अपने एक हाथ मे भर कर भिचते हुए उसके होंठो को चूसने लगा मिली ने मस्ती मे आँखे बंद कर ली थी और मेरे लंड के साथ खेलने लगी थी
अब मैने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी से आज़ाद कर के अपनी एक उंगली उस मे अंदर बाहर करनी शुरू कर दिया था मेरी हरकतों से मिली का बदन झटके पर झटके खा रहा था थोड़ी ही देर मे मिली एक बार फिर झड गई थी और इधर मेरे लंड का बुरा हाल हो चुका था अब मैं भी शांत हो जाना चाहता था इसलिए मैने मिली को इशारे से अपने लंड की तरफ देखने को कहा वो मेरे इशारा समझते हुए मुस्कुरई और उठ कर मुझे चित लेटा दिया और खुद मेरे लंड के पास बैठ गई और मेरे लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ चलाने लगी
अपनी बहन की जीभ का स्पर्श अपने लंड पर होते ही मेरा खून दोगुनी रफ़्तार से दौड़ने लगा था मेरे आनंद की कोई सीमा नही थी मिली मुझे आज मेरे जीवन की सबसे नायाब चीज़ दे रही थी कुछ ही देर मे मिली ने मेरे मूह को अपने मूह मे भर लिया था और उसे चूसने लगी थी उसके मूह की गर्मी से मेरा लंड लगातार फूले जा रहा था वैसे भी मिली को मेरा लंड पूरी तरह मूह मे भरने मे परेशानी हो रही थी
थोड़े ही समय बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ मैने मिली को बताया तो उसने मेरे लंड को मूह से निकाल दिया और अपने हाथ से ही ज़ोर ज़ोर से मेरी मूठ मारने लगी
10-12 झटको के बाद ही मेरा लंड अपना लावा उगलने लगा था जो मिली के हाथ पर गिर रहा था जब मेरा लंड पूरी तरह शांत हो गया तो मिली ने उसे छोड़ा और बोली "च्चिि... गंदे मेरा हाथ खराब कर दिया" और उठ कर बातरूम जाने लगी मैं उसकी मटकती गान्ड देखता रहा
मिली के बाद मैं भी बाथरूम से होकर आचुका था तब तक मिली अपने कपड़े पहन कर बेड पर लेट गई थी
"चल मिली दोनो एक ही बेड पर सोते है" मैं बोला
"नही भाई आज के लिए इतना ही काफ़ी है दो बार झड़ने के कारण मैं बहुत थक गई हू और वैसे भी मुझे तुझ पर भरोसा नही है कही सोते मे ही तूने मेरी इज़्ज़त लूट ली तो, और वैसे भी तू चुदाई करने के लिए मरा जा रहा है इसलिए अब तू भी अपने बेड पर लंड पकड़ कर सो जा ज़्यादा इच्छा हो तो वही मूठ मार लेना" मिली हँसते हुए बोली
मैं अपना सा मूह लेकर रह गया मुझे पता था कि एक बार वो जो बोल देती है वही करती है इसलिए उसे फोर्स करना ठीक नही था वरना वो बिदक भी सकती थी
"ठीक है लेकिन कल तो ये प्रोग्राम फिर होगा ना?" मैने पूछा
"कल की कल से देखेंगे अभी तू लाइट ऑफ कर और सो जा" उसने जवाब दिया और अपनी आँखे बंद कर ली
मैं भी थके हुए कदमो से आगे बढ़ कर लाइट बंद करके सो गया...........
अगले दिन मैं और मिली साथ ही कॉलेज गये वहाँ जानबूझ कर मैं खाली टाइम मे मिली के साथ ही रहा और रीना से मिलने की कोशिश भी नही की हालाकी रीना ने मुझे कई बार फोन किया मिलने के लिए लेकिन हर बार मैने उसे बहाना बना कर टाल दिया मिली मुझमे आए इस बदलाव से बहुत खुश थी
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