RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
सुबह फिर से वही रोज वाला प्रोग्राम शुरू हो गया और हम लोग अब फिर से भाई बहन वाली ज़िंदगी जीने लगे लेकिन मिली मेरे अंदर सेक्स की ज्वाला भड़का चुकी थी और अब मैं सेक्स मे इंट्रेस्ट लेने लगा था दोस्तो के साथ पॉर्न फिल्म देखने लगा था और राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर चुदाई की स्टोरी भी पढ़ने लगा था अब मेरे दिल मे चुदाई करने की इच्छा बढ़ती जा रही थी लेकिन चुदाई किसके साथ करूँ ये प्राब्लम थी जिसका हल भी मैने जल्द ही ढूँढ लिया कॉलेज की बहुत सी लड़किया मुझ पर फिदा थी मैने उन्ही मे से किसी एक को पटा कर चोदने का प्लान बनाया लेकिन उसमे भी अड़ंगा ये था कि मैं पहले ही सबको बता चुका था कि मिली मेरी गर्लफ्रेंड है फिर मैने सोचा कि जिस वजह से मैने उसे अपनी गर्लफ्रेंड बताया था वो प्राब्लम तो सोल्व हो चुकी थी अब क्या फ़र्क पड़ता है इस लिए मैने एक लड़की जिसका नाम रीना था उसे पटाने की सोची क्योंकि वो एकदम मस्त माल थी और ढेरो लड़को को बदल चुकी थी उसके बारे मे मेरे दोस्त कहते थे कि वो अपने कई बाय्फ्रेंड से चुदवा भी चुकी है इसलिए वो मेरे बहुत काम की थी मुझे उसे चोदने के लिए राज़ी करने मे कोई मेहनत नही करनी थी और अपने प्लान के हिसाब से मैं उसके साथ अपनी नज़दीकिया बढ़ाने लगा ऐसा करते हुए कोई 15 दिन हो चुके थे मेरी और मिली की घर पर ज़्यादा बात नही होती थी और कॉलेज मे तो हम साथ होते ही नही थे धीरे धीरे मैं रीना के बहुत करीब आचुका था कई बार उसे किस कर चुका था और एक दो बार तो उसके बूब्स भी दबा चुका था लेकिन मेरी किस्मत पर मिली नाम का ग्रहण लगा हुआ था जो मुझे चुदाई के सुख से दूर रखे हुए था
हुआ यूँ कि मेरे और रीना के चक्कर के बारे मे मिली को पता चल गया कुछ लड़कियो ने उसे बता दिया था कि उसका बॉय फ्रेंड किसी और लड़की से नैन मटक्का कर रहा है जिस दिन उसे ये पता चला उस दिन मैं कॉलेज नही गया था और घर पर बैठा राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर सेक्स स्टोरी पढ़ते हुए मूठ मार रहा था और सोच रहा था कि रीना को कहाँ ले जाकर चोदु दोपहर के 3.30 बज रहे थे और मैं अभी मूठ मार कर फारिग हुआ ही था कि डोर बेल की आवाज़ ने मेरे कान खड़े कर दिए और मैं जल्दी मे नेट से हिस्टरी भी नही हटा पाया और जल्दी जल्दी सब ठीक कर के गेट खोल दिया सामने मिली खड़ी थी और मुझे घूर रही थी मैं समझ नही पाया कि वो मुझे क्यों घूर रही है और मैं पलट कर अंदर आ गया मिली भी गेट बंद कर के मेरे पीछे पीछे अंदर आ गई और रूम मे चली गई मैं भी हॉल मे बैठ कर टीवी देखने लगा
10 मिनिट बाद मिली चेंज कर के हॉल मे आई और मेरे साइड वाली कुर्सी पर बैठ गई उसने टीवी का साउंड कम कर दिया और मुझे घूरते हुए बोली "ये रीना वाला क्या चक्कर है"
"तुझे उससे क्या मतलब वो मेरी गर्लफ्रेंड है" मैं बोला
"लेकिन पूरा कॉलेज जानता है कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड मैं हूँ"
"लेकिन हम तो जानते है ना कि हम भाई बहन है और गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड तो बदलते ही रहते है"
"लेकिन यदि वो लड़का तुम्हे रीना के साथ देखकर मुझे फिर तंग करने लगा तो"
"मैं उसे फिर से ठीक कर दूँगा"
"तब तुम कारण क्या बताओगे कि मैं तुम्हारी बहन हूँ, लेकिन अब तुम ये भी नही बोल पाओगे क्योंकि गर्लफ्रेंड बहन कैसे हो सकती है"
ये बात तो मिली सच कह रही थी मैं अब उसे अपनी बहन नही बता सकता था थोड़ी देर तक मैने सोचा और बोला "तू चिंता मत कर जैसे इस बार तू मेरी गर्लफ्रेंड बनी थी अगली बार मेरे किसी दोस्त की बन जाएगी दोस्त को मैं समझा दूँगा"
"लेकिन तुम रीना का पीछा छोड़ क्यों नही देते मेरी दोस्त मुझे बता रही थी कि वो अच्छी लड़की नही है और बहुत चालू है" मिली परेशान होते हुए बोली
"वो बहुत चालू है इसीलिए तो मैने उससे दोस्ती की है" मैं बोल तो गया लेकिन मुझे ये अहसास नही था कि इसके बाद मैं मिली के अगले सवाल का क्या जवाब दूँगा
"क्या मतलब उसके चालू होने से तुम्हे क्या हासिल होगा" मिली हैरानी से बोली
अब मुझसे जवाब देते नही बन रहा था इसलिए मैने बात घुमाने की कोशिश की और उठते हुए बोला "तू नही समझेगी, अब मैं ज़रा एक काम से अपने एक दोस्त के पास जा रहा हूँ तू घर का ध्यान रखना वैसे भी थोड़ी देर मे पापा मम्मी आजाएँगे मैं दो घंटे बाद वापस आ जाउन्गा"
इससे पहले कि मिली और कुछ बोलती मैं उठा और अपनी बाइक की चाबी उठा कर घर से बाहर निकल गया....
मैं घर से बाहर आ गया था लेकिन मुझे पता था कि उधर मिली बहुत हैरत मे होगी मेरे इस तरह से घर से बाहर आने से
मैं वैसे भी अभी उससे ज़्यादा बाते नही करता था और फिर उसे ये बताना कि सिर्फ़ चुदाई करने के लिए मैं रीना को पटा रहा हूँ मुझे अच्छा नही लगा था
लेकिन मुझे पता था कि मुझे वापस घर जाना ही पड़ेगा और फिर बाद मे मिली के सवालो का जवाब देना ही पड़ेगा लेकिन इस वक्त मे मैं मिली को क्या जवाब दूं ये सोचना चाहता था मेरी बाइक शहर की सड़को पर यू ही घूम रही थी आख़िर रात के 8 बज गये लेकिन मुझे कुछ नही सूझा और मैने वापस लौटने की सोची क्योंकि खाने का वक्त हो चुका था और रात मे सभी लोग साथ ही खाना खाते थे जैसे तैसे मैं घर पहुचा सभी लोग खाने पर मेरा इंतज़ार कर ही रहे थे शायद मिली ने बता दिया होगा कि मैं कहाँ गया हू इसलिए मुझसे किसी ने कोई सवाल नही पूछा और सभी लोग खाना खाने लगे मैने गौर किया कि मेरे आने के बाद से ही मिली मुझे कुछ अजीब सी नज़रो से देख रही थी और उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान खेल रही थी
|