RE: Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
छोटी मौसी की शादी
“वैसे आप कुछ अच्छी खबर देने वाली थीं..?” मैंने प्रिया को याद दिलाया तो प्रिया की आँखों में एक चमक सी आ गई।
“ह्म्म्म… अच्छी खबर यह है कि हम सब एक हफ्ते के लिए मेरे नानी के घर जा रहे हैं… छोटी मौसी की शादी है।” प्रिया ने एक सांस में बहुत ख़ुशी के साथ कहा।
खबर सुनकर मैं थोड़ा चौंका और सोचने लगा कि इसमें अच्छा क्या है… बल्कि अब तो वो मुझसे एक हफ्ते के लिए जुदा हो जाएगी… मैं ये सोच कर परेशान हो गया।
मेरे चेहरे की परेशानी देखकर प्रिया ने शैतानो वाली मुस्कान के साथ मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर कहा, “अरे बाबा, परेशान मत हो… हम सब मतलब आप और नेहा दीदी भी हमारे साथ आ रहे हो!”
“क्या… यह कब हुआ…प्लान बन गया और मुझे खबर भी नहीं हुई?” मैंने चौंक कर प्रिया से पूछा।
“यह तब हुआ जब आप घोड़े बेच कर सो रहे थे… दरअसल मामा जी आये हैं अभी एक घंटा पहले और सभी लोग ऊपर ही बैठे हैं… नेहा दीदी भी ऊपर ही हैं और काफी देर से हम सब मिलकर प्लान ही बना रहे हैं..” प्रिया ने सब कुछ समझाते हुए कहा।
मैं अब तक भौंचक्का होकर उसकी बातें सुन रहा था.. ‘जाना कब है और शादी कब है?” मैंने धीरे से पूछा।
आज शाम की ट्रेन है और शादी सन्डे को है जनाब, दरअसल मॉम यह सारी प्लानिंग कई दिनों से कर रही थीं और उन्होंने हम सबके लिए टिकट पहले से ही बुक करवा ली थीं। तो अब जल्दी से अपने सारे काम निपटा लीजिये और चलने की तैयारी कीजिये… वैसे आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि हमारे मामा जी के बहुत सारे खेत खलिहान हैं और वहाँ कोई आता जाता नहीं है”। प्रिया ने एक मादक और शरारत भरे अंदाज़ में कहा और धीरे से मेरे नवाब को पकड़ कर दबा दिया।
मैं यह सुनकर बहुत ही खुश हो गया और न जाने क्या क्या सपने देखने लगा… मेरी आँखों के सामने खुले खेत और बाग़ बगीचे के बीच प्रेम क्रीडा के दृश्य घूमने लगे।
प्रिया नें इसे ताड़ते हुये कहा “अभी से खो गए? जनाब ज्यादा सपने मत देखिये, शादी की भीड़-भाड़ में कितना मौका मिलेगा उसका अभी कुछ पता नहीं।”
मैने कहा “आप चिन्ता न करे सपनों को हकीकत में बदलने की कला हमे आती है”।
“एक बार वहाँ पहुँच तो जाइये, फिर देखेंगे कि कितने सपने हकीकत में बदलत पाते है।” प्रिया ने मेरे लंड को जोर से दबा कर मेरा ध्यान तोड़ा।
अपने हाथ से चाय का प्याला नीचे रख प्रिया को जोर से पकड़ कर मैं उसके ऊपर लेट सा गया और जिस लंड को प्रिया ने दबा कर जगा दिया था उसे कपड़ों के ऊपर से उसकी चूत पे रगड़ने लगा।
“ओह सोनू…देखो ऐसा मत करो… एक तो तुमने मेरी मुनिया की हालत बिगाड़ दी है और अगर अभी यह जाग गई तो बर्दाश्त करना मुश्किल हो जायेगा…… और अभी यह संभव नहीं है कि हम कुछ कर सकें… तो प्लीज मुझे जाने दो और तुम भी जल्दी से तैयार होकर ऊपर आ जाओ, मामजी तुमसे मिलना चाह रहे हैं और बाकी सब भी तुम्हारा इन्तजार कर रहे हैं।” इतना कहकर प्रिया ने मुझे ज़बरदस्ती अपने ऊपर से उठा दिया और मेरे लंड को एक बार फिर से सहलाकर जाने लगी।
प्रिया के जाते जाते मैंने बढ़कर उसकी एक चूची को जोर से मसल दिया… यह मेरी उत्तेजना के कारण हुआ था।
“उफ़…ज़ालिम कहीं के…. !” प्रिया ने अपने उभार को सहलाते हुए मुझे मीठी गाली दी और मुस्कुराकर वापस चली गई। मैं मस्त होकर अपने बाकी के कामों में लग गया और जाने की तैयारी करने लगा।
करीब 7.30 बजे मैं तैयार होकर ऊपर नाश्ते के लिए पहुँचा। तो देखा कि सब लोग पहले से ही खाने की मेज़ पर बैठे थे। मैंने प्रिया के मामा जी को देखा और हाथ जोड़ कर उन्हें नमस्ते की। उन्होंने भी प्रत्युत्तर में मुझे हंस कर आशीर्वाद दिया और फिर हम सब नाश्ता करने लगे।
हम सब बातों में खोये थे कि तभी मैंने रिंकी की तरफ देखा, उसने मुझे देखकर एक मुस्कान दी और फिर अपनी आँखें झुका लीं। मेरे दिमाग में उसके साथ बीते हुए कल के दोपहर की हर एक बात घूमने लगी और मैं भी मुस्कुरा उठा।
खैर… हम सबने अपनी अपनी तैयारी कर ली थी और सारे सामान बैग में भर कर स्टेशन जाने के लिए तैयार हो गए। नेहा दीदी ने बताया कि स्मिता आंटी ने मम्मी-पापा से बात कर ली है और उनसे इज़ाज़त भी ले ली है। मेरे मम्मी पापा हमारी गैर मौजूदगी में एक सप्ताह की छुट्टी ले कर घर वापस आ रहे थे और इसलिए हमें घर की कोई चिंता करने की जरुरत नहीं थी।
आज अभी थर्सडे यानि कि गुरूवार है और हम कल शुक्रवार को दोपहर तक मामा जी के घर पहुचेगें, शनिवार को हल्दी की रस्म होगी और शादी 19 नवम्बर सन्डे को है। फिर सोमवार को आराम कर के हमे फिर से मंगलवार की सुबह को वापसी के लिये निकल कर हावडा नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस से उसी रात इलाहाबाद पहुँचना था। पूर्वा एक्सप्रेस शाम चार बजे पटना से निकलती थी और रात पौने दस बजे इलाहाबाद पहुँच जाती थी। जैसा कि प्रिया ने मुझे बताया था, यह हमारा पूरा कार्यक्रम था।
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