Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
03-29-2019, 11:25 AM,
#26
RE: Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
रिंकी के शब्दों ने जैसे आग में पेट्रोल का काम किया और मैंने ताबड़तोड़ अपने लंड को उसकी चूत में पेलना शुरू कर दिया। अब तक रिंकी और मैं चुदाई के सबसे साधारण आसन से चुदाई किये जा रहे थे लेकिन मैंने अब उसे दूसरे तरीके से चोदने का मन बनाया। मैंने एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकल लिया। लंड बाहर निकलते ही रिंकी ने चौंक कर मेरी तरफ देखा और मुझसे पूछने लगी,"क्या हुआ...? बाहर क्यूँ निकाला... इसे जल्दी से अन्दर डालो ना !" इतना कहकर रिंकी ने अपने हाथ बढ़ाये और मेरे लंड को पकड़ कर खींचने लगी। लंड चूत के रस से बिल्कुल गीला था तो रिंकी के हाथों से फिसल गया। लंड हाथों से फिसलते ही रिंकी उठ कर बैठ गई और पागलों कि तरह मुझसे लिपट कर मेरे ऊपर चढ़ने लगी। मैं सोच रहा था कि उसे घोड़ी बनाकर उसके पीछे से उसकी चूत को चोदूँगा लेकिन उसने मुझे धकेल कर लिटा दिया और खुद बैठ कर मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ लिया और मुठ मारने लगी।

"हम्म्म्म...आज मैं तुझे नहीं छोडूंगी...कच्चा चबा जाऊँगी तुझे...हुन्न्न..." रिंकी मेरे लंड से खेलते हुए कह रही थी और अचानक से झुक कर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया। 

मैंने कई बार ब्लू फिल्मों में ऐसा देखा था कि लड़की चुदवाते चुदवाते लंड बाहर निकाल कर फिर से चूसने लगती है और फिर चूत में डालकर चुदवाती है। रिंकी की इस हरकत ने मुझे यह सोचने पे मजबूर कर दिया और मुझे यकीन हो चला था कि उसने जरुर ब्लू फ़िल्में देखीं हैं और वहीं से यह सब सीखा है। 

खैर मेरे लिए तो उसकी हर हरकत मज़े का एक नया रूप दिखा रही थी। मैं मस्त होकर अपना लंड चुसवाने लगा। थोड़ी देर मज़े से लंड को चूसने के बाद रिंकी उठी और मेरे दोनों तरफ पैर करके मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ा और अपनी चूत के मुँहाने पे रख कर उस पर बैठने लगी। चूत तो पहले से ही गीली और खुली हुई थी तो मेरा सुपारा आसानी से उसकी चूत के अन्दर प्रवेश कर गया। सुपाड़ा घुसने के बाद रिंकी ने लंड को हाथों से छोड़ दिया और दोनों हाथ मेरे सीने पे रख कर धीरे धीरे लंड को चूत के अन्दर डालते हुए बैठने लगी। जैसे जैसे लंड अन्दर जा रहा था, रिंकी के चेहरे के भाव बदल रहे थे। आधा लंड अन्दर हो चुका था...रिंकी ने मेरी आँखों में देखा और अपने होंठों को दांतों से दबा कर एकदम से बैठ गई।

"आअह्ह्ह्ह...माँ......बड़ा ही बेरहम है ये... मेरे अन्दर की पूरी दीवार छील के रख दी तुम्हारे लंड ने...उफ्फ्फ..." रिंकी ने मादक अदा के साथ पूरा लंड अपनी चूत में उतार लिया और थोड़ी देर रुक गई। 

मैं उसे प्यार से देखता रहा और फिर अपने हाथ बढ़ा कर उसकी कोमल चूचियों को थाम लिया। जैसे ही मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ीं, रिंकी ने अपनी कमर को थोड़ी गति दी और हिलने लगी। मैं मज़े से उसकी चूचियाँ दबाने लगा और मज़े लेने लगा। रिंकी बड़े प्यार से अपनी कमर हिला हिला कर लंड को अपनी चूत से चूस रही थी। मैं बयाँ नहीं कर सकता कि कुदरत के बनाये इस खेल में कितना आनंद भरा है। ये तो उस वक़्त या मैं समझ रहा था या रिंकी...। 

"उम्म्मम्म...आह्ह्ह्ह...रिंकी मेरी जान...मैं दीवाना हो गया तुम्हारा......ऐसे ही खेलती रहो..." मैं मज़े से उसकी चूचियाँ दबाते हुए उसे जोश दिलाता रहा और वो उच्चल उछल कर चुदवाने लगी। 

"हाँ...सोनू, तुमने तो मुझे ज़न्नत दिखा दिया...मैं तुम्हारी गुलाम हो गई राजा...उफ्फ्फ...उम्म्म्म..." रिंकी अपने मुँह से तरह तरह की आवाजें निकलती रही और लगातार कूद कूद कर लंड लेती रही। 

मैं थोड़ा सा उठ गया और मैंने उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर लिया। उसकी चूचियों को चूसते हुए मैंने अपने हाथों को पीछे ले जाकर उसके कूल्हों को पकड़ लिया और उसे अपनी ओर खींच कर खुद से और भी सटा लिया। अब उसकी चूत और मेरा लंड और भी चिपक गए थे और एक दूसरे की चमड़ी को घिस घिस कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे। रिंकी ने अपनी बाहें मेरे गले में डाल ली थीं और मैं उसकी चूचियों का रस पान करते हुए अपनी तरफ से भी धक्के लगा रहा था। 

काफी देर तक इसी अवस्था में चोदने के बाद मैंने रिंकी को पकड़ कर पलट दिया और अब मैं उसके ऊपर था और वो मेरे नीचे। मैंने अब फिर से पोजीशन बदलने की सोची और रिंकी के ऊपर से उठ गया। 

रिंकी ने फिर से सवालों भरे अंदाजा में मेरी तरफ देखा। मैंने मुस्कुरा कर रिंकी का हाथ थमा और उसे बिस्तर से नीचे उतार दिया। हम दोनों खड़े हो चुके थे। मैं रिंकी के पीछे हो गया और उसे दीवार के उस तरफ घुमा दिया जिस तरफ आदमकद आइना लगा था। अब स्थिति यह थी कि मैं रिंकी के पीछे और रिंकी की पीठ मेरी तरफ थी और हमारे सामने बड़ा सा आइना था जिसमे हम दोनों मादरजात नंगे दिखाई दे रहे थे। रिंकी ने एक नज़र आईने पे डाली और उस दृश्य को देखकर एक बार के लिए शरमा सी गई। मैंने अपने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियों को फिर से थामा और उसकी गर्दन पर चुम्बनों की बरसात कर दी। रिंकी ने भी मेरे चुम्बनों का जवाब दिया और अपने हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और अपने चूतड़ों की दरार के बीच में रगड़ने लगी। मैंने धीरे धीरे उसे आगे की तरफ सरका कर आईने के एकदम सामने कर दिया और अपने हाथों से उसके हाथों को आगे ले जाकर शीशे पर रखवा दिया और उसे थोड़ा सा झुकने का इशारा किया। रिंकी ने आईने में मेरी तरफ देख कर एक मुस्कान के साथ अपनी कमर को झुका लिया और अपनी गांड को मेरी तरफ बढ़ा दिया। मैंने उसके चिकने पिछवाड़े पे अपने हाथ रखे और सहला कर एक जोर का चांटा मारा।

"आऔच...हम्म्म्म...बदमाश...क्या कर रहे हो...?" रिंकी ने एक सेक्सी आवाज़ में मुझे देखते हुए कहा। 

मैंने भी मुस्कुरा कर उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और अपने लंड को उसकी गांड की दरार में सरकाते हुए चूत के मुँहाने पे रख दिया। चूत पूरी चिकनाई के साथ लंड का स्वागत करने के लिए तैयार थी। मैंने अपना अंदाजा लगाया और एक जोर का झटका दिया। गच्च...की आवाज़ के साथ मेरा आधा लंड उसकी चूत में समां गया और रिंकी ने एक मादक सिसकारी भरी और आईने में अपनी चूत के अन्दर लंड घुसते हुए देखने लगी। मैंने बिना किसी देरी के एक और करारा झटका मारा और पूरे लंड को उसकी चूत की गहराई में उतार दिया।

"ओह्ह्ह्ह...मेरे राजा...चोद डालो मुझे...फाड़ डालो आज इस हरामजादी को...रात भर लंड के लिए टेसुए बहा रही थी..." रिंकी ने मज़े में आकर गन्दे गन्दे शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू किया और मैं जोश में आकर उसकी जबरदस्त चुदाई करने लगा। 

"फच्च...फच्च...फच्च...फच्च उह्ह्ह...आअह्ह्ह्ह...उम्म्मम्म..." बस ऐसी ही आवाजें गूंजने लगी कमरे में।

हम दोनों दुनिया से बेखबर होकर अपने काम क्रीड़ा में मगन थे और एक दूसरे को आईने में देख कर लंड और चूत को मज़े दे रहे थे... मैंने अब अपनी स्पीड बढ़ाई और राजधानी एक्सप्रेस की तरह अपने लंड को उसकी चूत में ठोकने लगा। मैं अपने आप में नहीं रह गया था और कोशिश कर रहा था कि पूरा का पूरा उसकी चूत में समां जाऊं... मैंने उसकी कमर थाम रखी थी और उसने आईने पे अपने हाथों को जमा रखा था। मैंने आईने में देखा तो उसकी चूचियों को बड़े प्यार से हिलते हुए पाया, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियाँ पकड़ लीं और उसकी पीठ से साथ लाकर लम्बे लम्बे स्ट्रोक लगाने लगा। 
"आह्ह्ह्हह......सोनू...चोदो...चोदो ...चोद......मुझे..आअज चोद चोद कर मेरी चूत फाड़ डालो...हम्म्म्म... ऊम्म्मम्म...... और तेज़... और तेज़..." रिंकी बिल्कुल हांफ़ने लगी और उसके पैरों में कम्पन आने लगी। 

उसने अपनी गांड को पीछे धकेलना शुरू किया और मुझे बोल बोल कर उकसाने लगी... मैंने भी अपना कमाल दिखाना चालू किया और जितना हो सके उतना तेजी से चोदने लगा। 

"ये लो मेरी रानी...आज खा जाओ अपनी चूत से मेरा पूरा लंड...पता नहीं कब से तुम्हारी चूत में जाने को तड़प रहा था...उम्म्म्म...और लो ...और लो..." 

मैंने भी उत्तेजना में उसकी चूचियों को बेदर्दी से मसलते हुए उसकी चूत का बैंड बजाना चालू किया। अब हम दोनों का वक़्त करीब आ चुका था, हम दोनों ही अपनी पूरी ताक़त से एक दूसरे को चोद रहे थे। मैं आगे से और रिंकी आप को पीछे धकेल धकेल कर मज़े ले रही थी। तभी रिंकी ने अपने मुँह से गुर्राने जैसे आवाज़ निकलनी शुरू की और तेज़ी से हिलने लगी... 

"गुऊंन्न......गुण...हाँ...और और और और... चोदो... आआआ...ऊम्म्मम... और तेज़ मेरे राजा...चोदो... चोदो... चोदो... उफ्फ्फ... मैं गईईई...." रिंकी ने 
तेज़ी से हिलते हुए अपनी कमर को झटके दिए और शांत पड़ गई... उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया था जो मेरे लंड से होते हुए उसकी जाँघों पर फ़ैल गया था, आईने में साफ़ दिखाई दे रहा था। मैं अब भी अपनी उसी गति से उसे चोदे जा रहा था... 

"हम्म्म...मेरी रानी...मेरी जान...ये ले... मैं भी आया... क्या गर्मी है तुम्हारी चूत में... मैं पागल हो गया रिंकी... हम्म्म्म..." मैं अब अपनी चरम सीमा पे था। 

रिंकी थोड़ी सी निढाल हो गई थी इसलिए उसकी पकड़ आईने से ढीली हो रही थी। मैंने एक झटके के साथ उसे पकड़ कर उसी पोजीसन में बिस्तर की तरफ पलट दिया। अब रिंकी की टाँगे बिस्तर से नीचे थी और वो पेट के बल आधी बिस्तर पे थी। मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था। मैंने एक जोर की सांस ली और सांस रोक कर दनादन उसकी चूत के परखच्चे उड़ाने लगा। 

फच्च...फच्च...फ्च... फ्च्च...की आवाज़ के साथ मैंने तेज़ी से उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया और उसे बेदर्दी से चोदने लगा। 

"ओह्ह्ह...सोनू... बस करो... मर जाऊँगी... अब और कितना चोदोगे जान... हम्म्म्म..." रिंकी इतनी देर से लंड के धक्के खा खा कर थक गई थी और झड़ने के बाद उसे लंड को झेलने में परेशानी हो रही थी। उसने अपना सर बिस्तर पे रख कर अपने दोनों हाथों से चादर को भींच लिया और मेरे लंड के प्रहार को झेलने लगी। 

"बस हो गया मेरी जान...मैं आया, मैं आया...ओह्ह्ह्ह...ये लो... ले लो मेरे लंड का सारा रस..." मैंने तेज़ी से चोदते हुए अपने आखिरी के स्ट्रोक मारने शुरू किये...
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