Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
03-29-2019, 11:25 AM,
#21
RE: Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
मैंने उसे छेड़ने के लिए अनजान बनते हुए पूछा,"ऐसा क्या दिख गया तुमको जो तुम्हें रात भर नींद नहीं आई । वैसे मुझे पता है कि तुम असली बात छुपा रही हो, असल में तुम राजेश का इंतज़ार कर रही थी और …...." मैं आगे कुछ कहूँ इससे पहले ही वह बोल उठी।

"बच्चू, मैंने कल रात सब देख लिया था...तुम और प्रिया मिलकर जो रासलीला रचा रहे थे वो मेरी आँखों से बच नहीं सका। तुम्हें क्या लगता है...वो सब खेल देख कर मुझे नींद आ जाएगी...वैसे कब से चल रहा है ये सब..." रिंकी ने मुझे लाजवाब कर दिया और मुझसे पूरी तरह खुलकर बातें करने लगी... 

"वो मैं...मम्म..." मेरे मुँह से कोई शब्द ही नहीं निकल रहा था... 

"अब शरमाना छोड़ भी दो, मैं सारा राज़ जानती हूँ तो बेहतर है कि एक अच्छे दोस्त की एक तरह अपनें दिल की सारी बातें शरमानें के बजाय हम एक दूसरे से बेबाकी से शेयर किया करें!" रिंकी ने बड़ी सहजता से कह दिया। 

मैं बस एक टक उसे देखता रहा और सोचता रहा कि क्या बोलूं...आज मैं रिंकी की बेबाकी से हैरान हो गया। दोनों बहनें कमाल की थीं। इतने दिनों से उनके साथ एक ही छत के नीचे रह रहा था लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि वो इतनी बोल्ड और इतने खुले विचारों की होंगी।

मैनें राजेश की थोड़ी तारीफ करते हुये उससे कहा, "मुझे नाज है अपने काबिल दोस्त पर जिसे तुम जैसी अप्सरा मिली।" 

मेरी बात सुनकर रिंकी के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान बिखर गई......लेकिन तुरन्त फिर से उसके चेहरे पर गहरी उदासी छा गई। मैंने सोचा कि वो शायद राजेश के न आ पाने की वजह से दुखी है। लेकिन इसके आगे उसने जो कुछ कहा उसने भूचाल ला दिया। 

आवेश में वह बोल उठी “कोई काबिल-वाबिल नहीं है वो, उसमें है क्या जो उसे अप्सरा मिलेगी। ये तो बस अन्धे के हाथ बटेर लग गई, बिल्ली के भाग से छींका टूटा।” उसके शब्दो में दुख पीड़ा ओर क्रोध का मिश्रण साफ झलक रहा था। मुझे अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था। मैं आवाक था। सोच रहा था कि कहाँ मै राजेश की तारीफ इस लिये करनें निकला था कि उसको अच्छा लगेगा और कहाँ वह ज्वालामुखी सी फट पड़ी थी। मै समझ ही नहीं पा रहा था कि जो कुछ अब तक हुआ उसे मै सच मानू या फिर जो कुछ अब सुन रहा था उसे। मै सोच रहा था कि या तो यह लड़की पूरी तरह से पागल है या फिर बहुत चालाक, सच जाननें की मेरी जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी।

उसके थोड़ा शान्त हो जाने के बाद मैंनें धीरे से उससे पूछा “तो फिर अब तक जो हुआ वह सब क्या था? अगर राजेश तुमको पसंद नहीं था तो यह सब करने की क्या मजबूरी थी।” 

और वह बोल उठी “इन सबकी वजह सिर्फ और सिर्फ तुम हो” अब उसने काली और दुर्गा का रूप ले लिया था।

मैनें धीरे से चौक कर पूछा “मैं?” अपने उपर इतना बड़ा इल्जाम लगते देख कर मेरी तो सिट्टी-पिट्टी गुम थी। ये कहानी कभी ऐसा भी मोड़ ले सकती है इसकी तो मैनें कभी कल्पना भी नहीं की थी। मेरे मुह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था। कमरे में चारो ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसे मे बस टीवी की हल्की हल्की सी आवाज आ रही थी।

वह फिर से बोल उठी “हाँ, इन सबकी वजह सिर्फ और सिर्फ तुम हो” इस बार उसकी आवाज में गुस्सा कम और शिकायत का भाव अधिक था। वह बोलती चली गई “ओह सोनू! मैं तो तुम पर मरती थी लेकिन तुमने कभी दाद ही नहीं दी” इतना कह कर उसने अपना हाथ मेरे हाथों पर रख दिया। जो कुछ हो रहा था वह मेरी समझ से परे था।

“अगर ऐसा सब था तो तुमने मुझसे कभी कुछ कहा क्यों नहीं?” मैनें धीरे से उससे पूछा। उसके जवाब में उसने जो कुछ कहा उसे सुन कर मैं दंग रह गया। 

वह बोली “मैनें तो बहुत संकेत दिये, बहुत इशारे किये। तुमको अगर मेरी भाव-भंगिमाओ, मेरी चाहत भरी निगाहों से कुछ पता नहीं चला तो मैं क्या करू?” 

वह बोलती चली गई “मै लड़की हूँ और मुझमें उतनी ही शर्म और हयाँ है जितनी किसी भी भले घर की लड़की में होती है तु्म्ही बताओ मै और क्या करती? मैं अपनें सारे कपड़े उतार का नंगी हो कर तुम्हारे सामनें नाचती तब जा कर तुमको पता चलता? लगातार काफी कोशिशों के बाद भी जब तुम्हारी ओर से कोई रिस्पोन्स नही मिला तो मैनें सोचा या तो तुम नासमझ हो या फिर तुमकों मुझमें इनंटरेस्ट नहीं है”। अब वह मेरे हाथों को अपने कोमल हाथों से हल्के हल्के सहलाने लगी।

“इसी बीच मैं देख रही थी कि तुम्हारे और प्रिया के बीच नजदीकियाँ बढ़ती जा रही थी किसी न किसी बहानें वह तुम्हारे चारो ओर मँडराती रहती और तुम दोनों के बीच हमेशा कोई न कोई शरारत, कोई न कोई हँसी मजाक और ठिठोली चलती रहती तो मैने सोचा तुमको मैं नहीं बल्कि शायद प्रिया पसंद है”। मेरी जांघ पर उसने अपने हाथ से एक हल्की सी थपकी लगाते हुए कहा और फिर अपने हाथ को वहाँ से हटाया नहीं। 

“प्रिया की तरफ तुम्हारा झुकाव देख कर मुझे जलन भी होती थी। लेकिन बचपन से आज तक हमेशा ऐसा हुआ है कि अगर कभी उसको मेरी कोई चीज पसंद आ गई तो मैं वह वस्तु उसके लिये खुशी खुशी छोड़ देती थी। तो आज तो परीक्षा की असली घड़ी थी और मै अपने मन को इस त्याग के लिये तैयार करने लगी और मैं तुम्हारी ओर से अपना ध्यान हटाने की कोशिश कर ही रही थी कि इसी बीच राजेश नें मुझ पर डोरे डालने शुरू कर दिये और मै बहक गई”।

मैनें उसके सामने प्रिया और अपना खुलासा करते हुए सफाई दी कि “तुमको मेरी बात पर शायद यकीन नहीं होगा पर पिछली सुबह तक मेरे और प्रिया के बीच ऐसा कुछ भी नहीं था। प्रिया का मुझे नहीं पता पर मेरा यकीन करो कम से कम मेरे दिल मे तो सच मे ही कुछ नहीं था और कल की पहल भी मेरी ओर से नहीं थी” । लेकिन मैं उससे यह नहीं कह सका कि जिस तरह राजेश ने उस पर डोरे डाल कर उसे बहका दिया था ठीक वैसा ही प्रिया ने मेरे साथ किया था। 

फिर मैंने उससे एक कठिन सवाल किया “लेकिन क्या मेरा नहीं मिल पाना ही तुम्हारे जैसी भले घर की लड़की के राजेश के बहकावे में आ जाने के लिये काफी था?” 


“तुम नहीं समझोगे सोनू, क्या लड़को जैसी आजादी हम लड़कियों के पास है? कुछ शर्म, कुछ संकोच और कुछ गलत समझ लिये जाने का डर हम लड़कियों के विकल्पो को बहुत सीमित कर देते हैं। बस नजरों, हाँवो-भावों और इशारों से ही काम चलाना पड़ता है। फिर सब कुछ करके भी, दिखावा यही करना पड़ता है कि जो कुछ हो रहा है उन सबके पीछे हमारा कोई इरादा या मकसद नहीं है। जब तक हमारे संकेतो का कोई ठोस जवाब न मिले तब तक इस बात का पूरा ख्याल रख कर ही आगे बढ़ना पड़ता है कि दाव उल्टा पड़ जाने या रंगे हाथो पकड़े जानें की स्थिति में अपनी ओर से किये गये सारे संकेतो से साफ मुकर जाते हुये, अपनी सारी पहल को पूरी तरह से फिर से समेट कर बड़ी ही मासुमियत से बेदाग निकला जा सके। हमारे लिये तो यह लकड़ी की तलवार से लड़ा जाने वाला युद्ध है”। 


मैंने उस वक़्त काटन का एक ढीला सा शाँर्टस पहन रखा था। रिंकी के हाँथो ने थोड़ी थोड़ी हरकत करनी शुरू कर दी और मेरे जांघों को शाँर्टस के उपर से ही धीरे धीरे सहलाने लगी थी।


उसनें आगे कहा “इन्ही मजबूरियों के चलते ज्यादातर लड़कियाँ खुद किसी भी तरह का कोई पहल करने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं ऐसी स्थिति में जो भी विकल्प हमारे पास होते हैं उसमें से ही सबसे अच्छा चुन लेने या फिर इन्तजार करनें के अलावा हमारे पास और चारा क्या है?”। 


“मैंने तुम्हारा इन्तजार किया और फिर जब तुम्हारे और प्रिया के बीच नजदीकियाँ बढ़ती देखी तो तुम्हारी उम्मीद छोड़ दी। लेकिन जब भी तुम्हें देखती मेरे अन्दर की वासना जाग उठती, मेरे शरीर की जरूरतें सर उठानें लगती। इसी बीच राजेश ने पहल कर दी और फिर जो विकल्प उस समय नजरो के सामनें था मेरे मन ने शायद उसे बिना अधिक सोचे समझे चुन लिया और मै राजेश के बहकावे में आ गई। राजेश मेरे शरीर की जरूरतों और तुम्हारी कमी को पूरा करने का जरिया बन गया। अब फिर तुम इसे चाहे जैसा भी समझो”।

“तो जो कुछ हुआ उसमें सारा दोष सिर्फ राजेश का ही है?”

“नहीं नहीं, जो कुछ भी हुआ वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी, लेकिन वह राजेश की जीत नहीं मेरी हार थी और मुझसे भी बड़ी हार तुम्हारी थी”। 

मै चौक गया और बोल उठा “मेरी हार, मेरी हार कैसे?” 

“अगर मैं तुम्हारी थी जो कि थी और अगर मैं तुम्हारी हूँ जो कि हूँ तो जो कुछ हुआ क्या वह सब तुम्हारे लिये गर्व की बात है? मुझे तो तुमको पाक साफ हालत में मिलना चाहिये था लेकिन तुम्हारी अपनी ही नादानियों की वजह से आज मै मैली और आधी जूठी मिल रही हूँ” उसकी आँखों से आत्म-ग्लानि, क्षोभ और गहरी पीड़ा के आँसू बह चले थे”। 

उसनें फिर से तेज आवाज में कहा “इसमें सब गलती तुम्हारी ही है। तुमको खुद आगे आना चाहिये था और मेरा हाथ पकड़ना चाहिये था। मुझे गिरने से बचाना चाहिये था। लेकिन यह सब करने के बजाय तुमने खुद ही मुझे अपने दोस्त के हवाले कर दिया”। यह कहते हुये उसने अपने दोनों हाथों की मुठ्ठियाँ मींच ली और अपने मुक्को से मेरे सीनें पर धड़ा धड़ वार करने लगी और फिर मेरे उसी सीनें पर अपना सर रख फूट फूट कर रो पड़ी।

“ये तो मेरे पिछले जनम के कुछ पुण्य बाकी थे जो काफी कुछ लुट जाने के बाद भी वह बच गया जो बचना चाहिये था। मुझे माफ कर दो सोनू, मुझे माफ कर दो” मेरे सीनें पर अपना सिर रखे हुये ही वह बोल उठी। 

मैंने उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उपर उठाया। उसकी आँखें आंसुओं से भरी हुई थी। फिर उसके होंठों पे अपना हाथ रखते हुये मैने कहा “माफी तो मुझे माँगनी चाहिये। तुमको पा कर तो इन्द्र भी धन्य हो जायेगा।"

“ओह सोनू, मैं तुमसे प्यार करती हूँ। बहुत प्यार करती हूँ। मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हूँ।” और उसने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ के पीछे ले जाकर मुझे जोर से जकड़ लिया और मुझसे चिपक गई।
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का - by sexstories - 03-29-2019, 11:25 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,465,668 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,435 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,217,799 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,899 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,632,829 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,119 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,922,580 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,963,028 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,995,540 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,499 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)