RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
‘उई माँ…’ उसके मुंह से निकला और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा दिये जोर से!
शुरूआती धक्के तो मैंने आराम से धीरे धीरे लगाए, जब चूत थोड़ी खुल गई और लंड सरपट दौड़ने लगा तो मैंने टॉप गियर में चुदाई शुरू की.
जल्दी ही बहूरानी की चूत गीत गाने लगी… फच फच फचाफाच की मुधुर ध्वनि से कमरा गूँज उठा.
मुश्किल से दो मिनट ही बीते होंगे कि रानी का बदन अकड़ने लगा.
‘मेरे राजा सुनो, धक्के लगाना बन्द करो और चुपचाप पड़े रहो चूत में लंड फंसाए, आप हिलना नहीं बिल्कुल. मैं बस आ ही गई; इस पल को अच्छे से महसूस करना चाहती हूँ; लंड की धड़कन को, इस सुखद अनुभूति को अपनी यादों में बसा लेना चाहती हूँ हमेशा के लिए!’ वो मेरा माथा चूमती हुई बोली और अपनी चूत ऊपर की ओर उठा दी.
उसकी बात सुनकर मैंने धक्के लगाना बन्द कर दिया और चुपचाप उसके ऊपर लेटा रहा.
‘हाँ… ऐसे ही अपना लंड मेरी चूत में दिये पड़े रहिये… मैं झड़ने वाली हूँ… लेकिन आप नहीं हिलना बस… थोड़ा सा ऊपर हो जाओ ताकि मैं अपनी चूत ऊपर उठा के दे सकूं आपको… इसे उलीच सकूँ आपके लंड पे!’ वो कामाग्नि में जलती हुई बोली.
उसकी बातें सुनता हुआ मैं शान्त चुपचाप पड़ा रहा उसके ऊपर!
‘राजा तुम धक्के मत लगाना… हाँ मैं आई… आ गई… मेरे दूध कस के पकड़ लो… मैं चुद रही हूँ अपने स्वप्न पुरुष से… झड़ रही हूँ अब… ये लो ये लो आह… आज मैं तृप्त हुई अंकल राजा!’ वो मिसमिसाते हुए ऐसे बोल बोल के झड़ने लगी.
मैंने भी उसके दोनों बूब्स कस के दबोच लिए. उसने मुझे अपने बाहुपाश में पूरी ताकत से जकड़ लिया साथ में अपनी टाँगें मेरी कमर में लपेट के किसी आक्टोपस की तरह मुझे अपनी गिरफ्त में ले लिया.
कोई दो तीन मिनट तक वो यूं ही मुझसे चिपटी रही उसकी चूत की मांसपेशियाँ स्वतः ही मेरे लंड को जकड़ती रहीं. फिर उसका भुजबंधन शिथिल पड़ गया. सम्भोग श्रम से उसके माथे पर पसीना छलकने लगा था.
‘थैंक्स अंकल!’ वो बोली.
मैंने समय देखा तो अभी सिर्फ सात बजकर दस मिनट ही हुए थे. मैंने अंदाज़ लगाया कि उसकी चूत में लंड पेलने के कोई चार पांच मिनट में ही अपने चरम पर पहुँच गई थी, कई महीने बाद चुदी थी शायद इसलिए!
लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था- ये क्या बहू रानी जी, तुम तो इतनी जल्दी निपट लीं. मेरा क्या होगा?’ मैंने उससे शिकायत की.
‘अंकल जी, मैं बहुत हॉर्नी फील कर रही थी. मुझे तो लग रहा था कि मैं बिना चुदे ही झड़ने वाली हूँ. लेकिन मैं हूँ न अभी आपके पास! अभी एक घंटा और है अपने पास जैसे चाहो चोद लो मुझे फिर मेरे भीतर ही झड़ जाना आप! मैं आपके वीर्य को भी महसूस करना चाहती हूँ अपने भीतर, अगर आपका बीज मुझमें अंकुरित हो गया तो मुझे और ख़ुशी होगी.’ वो हर्षित होकर बोली.
उसकी बात सुनकर मैंने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और पेटीकोट से उसकी चूत को और अपने लंड को अच्छे से पोंछा फिर लंड को उसके मुंह के आगे कर दिया.
मेरा इशारा समझ वो सुपारा मुंह में ले गई और इसे खूब गीला करके चूसने लगी जैसे पाइप से कोल्ड ड्रिंक चूसते हैं.
लंड अब अच्छी तरह से टनटना गया था. मैंने रानी कि कमर के नीचे तकिया लगाया, उसके दोनों पैर अपने कन्धों पर रखे और मम्में जकड़ कर लंड को पूरी दम से पेल दिया उसकी चूत में… एक ही वार में लंड जड़ तक फिट हो गया उसकी बुर में.
‘उफ्फ… धीरे… ऐसी बेरहमी मत दिखाओ अपनी रानी पर!’ वो विचलित होती हुई बोली.
लेकिन मैं उसकी बात अनसुनी करके अपने हिसाब से चोदने लगा उसे… मेरे आड़े तिरछे सीधे गहरे शॉट्स उसे पागल किये दे रहे थे और वो तेज आवाज में जोर जोर से चोदने के लिए मुझे उकसा रही थी.
मैंने उसके पैर अपने कन्धों से उतारे और मोड़ कर उसी को पकड़ा दिये इससे उसकी चूत अच्छी तरह से उठ गई; अब मैंने चूत में चक्की चलाना शुरू की… सीधी फिर उल्टी.. फिर सीधी…
इस तरह की चुदाई रानी के लिए एकदम नया अनुभव था. वो भी अपनी कमर हिला हिला कर मुझे प्रोत्साहित करने लगी- अंकल जीईईई… हाँ ऐसे ही… फाड़ डालो इसे… कुचल दो इस हरामन चूत को! बहुत परेशान करती है मुझे ये! हाँ… और तेज… यस… यस मैं फिर से आ रही हूँ मेरे राजा… लो संभालो मुझे!
इस बार वो और खुल के झड़ी जैसे सुनामी आ गई हो उसकी चूत में!
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