RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
फिर कोई सत्रह अठारह दिन बाद उसका फोन आया. उस टाइम मैं ऑफिस में था- हाँ, शालिनी बिटिया. कैसी है तू? बहुत दिनों बाद फोन किया?
‘ठीक हूँ अंकल. कल मम्मी पापा एक शादी में जा रहे हैं. मेरे मामा के लड़के की शादी है.’
‘अच्छा… फिर?’
‘मैं और गुड्डू भैय्या नहीं जा रहे!’
‘अच्छा क्यों, तुम लोग भी चले जाओ, तुम्हारे भाई की शादी है खूब एन्जॉय करना!’
‘नहीं अंकल जी, मेरा मन नहीं कर रहा जाने का इन मुहाँसों की वजह से मुझे इन्फीरियरिटी काम्प्लेक्स फील होता है. किसी से ठीक से बात भी नहीं कर सकती क्योंकि सबकी नज़र मेरे इन मुहाँसों पर ही होती है. कई लोग तो कमेंट्स भी पास करते हैं. इसलिए मैंने पापा से मना कर दिया है कि मेरे टेस्ट्स हैं कॉलेज में… इसलिए मैं नहीं जा रही!’
‘चलो ठीक है, तो फिर पढ़ाई करो अच्छे से!’ मैंने उसकी बातों का मतलब समझते हुए भी भोला बना रहा.
‘पढ़ाई तो ठीक है अंकल जी, वो आपसे उस दिन आपके ऑफिस के पास हम लोग बात कर रहे थे न…’
‘अच्छा, हाँ… वो वाली बात. अब याद आया मुझे!’
‘अंकल जी मैंने सोचा है कि एक बार वो भी ट्राई करके देख लूं जो आप कह रहे थे…’ वो बड़ी मुश्किल से कह पाई.
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