RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
‘कॉफ़ी पियोगे अंकल जी?’ उसने पूछा.
मैंने हाँ में सर हिलाया.
फिर उसने मुझे कहा कि वो कॉफ़ी ले के आ रही है. मैं दूर के कोने में दो कुर्सियाँ रख के बैठ गया.
जल्दी ही शालिनी भी कॉफ़ी ले के आ गई और मुझे एक कप पकड़ा दिया और मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गई.
‘हाँ, अंकल जी. अब बताओ ठीक से?’ वो थोड़ा व्यग्र स्वर में बोली.
‘शालिनी, एक बात बताओ. तुमने किसी और लड़की के मुंह पर मुहाँसे देखे हैं पहले?’ मैंने सवाल किया.
‘हाँ अंकल जी, देखे हैं न… बहुत सारी लड़कियों के देखे हैं. मेरी फ्रेंड्स, रिश्तेदार वगैरह बहुत गर्ल्स के देखे हैं!’ वो बोली.
‘तो ये भी देखा होगा कि उन लोगों ने बहुत इलाज किया होगा लेकिन मुहाँसे दूर नहीं हुए होंगे लेकिन जैसे ही उनकी शादी हुई होगी, मुहाँसे गायब हो गये होंगे और चेहरा फूल सा खिल गया होगा.’ मैंने कॉफ़ी का घूंट भरते हुए कहा.
‘हाँ अंकल जी, सच कह रहे हो आप, देखा है मैंने ऐसा. मुझे अपनी कजिन सिस्टर की याद है. उसे भी बहुत मुहाँसे थे बड़े बड़े बहुत भद्दे दिखते थे लेकिन शादी के बाद तो वो पहचान में नहीं आ रही थी, उसका फेस इतना सुन्दर और गाल इतने मस्त चिकने हो गये थे.’ वो जल्दी से बोली.
‘तो फिर सोचो कि शादी के बाद ऐसा क्या होता है जिसके असर से मुहाँसे चले जाते हैं और स्किन चमकने दमकने लगती है?’ मैंने कहा.
मेरी बात का अर्थ समझ के उसके चेहरे पर लाज की लाली दौड़ गई और उसने सर झुका दिया. वो बहुत देर तक सर झुकाये सोचती रही.
अंकल जी, इसका मतलब मेरे मुहाँसे भी शादी के बाद ही जायेंगे? पर मेरी उमर तो अभी बहुत छोटी है मेरी शादी तो कई सालों बाद होगी!’ वो चिंतित स्वर में बोली.
‘अब जो है सो है जो सच है वो मैंने तुम्हें बता दिया!’ मैंने कहा.
‘तो अंकल जी शादी की सिवाय और कोई उपाय नहीं है?’ उसने बेचैनी से पूछा.
‘शालिनी, मैंने यह नहीं कहा कि शादी ही एकमात्र उपाय है. मेरा कहने का मतलब समझने की कोशिश करो.’ मैंने उसे समझाते हुए कहा.
‘अंकल जी, ठीक से कहो न साफ़ साफ़ कि और क्या उपाय है?’ वो बोली.
‘शालिनी, इस विषय को कैसे समझाऊं मैं समझ नहीं पा रहा. अब तुम छोटी बच्ची नहीं रही, मेरी बात का मतलब तुम भी समझती होगी.’ मैंने कहा.
‘हाँ अंकल जी, आपके कहने का अर्थ मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा है लेकिन मुहाँसे चले जाने का कारण समझ नहीं आ रहा. आप अच्छे से समझा कर कहिये न?’ वो सर झुकाये हुए बोली.
‘ठीक है, बताता हूँ, लेकिन वादा करो कि मेरी किसी बात का बुरा नहीं मानोगी और जो बातें हमारे बीच होंगी उनके बारे में तुम कभी भी किसी को नहीं बताओगी?’ मैंने थोड़ा जोर देकर कहा.
‘ओके अंकल जी, आप सब कुछ खुल के कहिये, मैं प्रोमिस करती हूँ कि इस बारे में कभी भी किसी से कुछ नहीं कहूँगी.’ वो बोली.
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