RE: Sex Story सातवें आसमान पर
राज ने ऐसा मैथुनी भूकंप पहले नहीं देखा था। वह पूरी तरह निढाल और निहाल हो चुका था। उधर डॉली भी पूरी तरह तृप्त थी। उसने भी इस तरह का भूचाल पहली बार अनुभव किया था। दोनों एक दूसरे को कृतज्ञ निगाहों से देख रहे थे। राज ने डॉली को प्यार भरा लम्बा चुम्बन दिया। अब तक उसका लिंग शिथिल हो चुका था अतः उसने बाहर निकाला और उठ कर बैठ गया। डॉली भी पास में बैठ गई और उसने राज के लिंग को झुक कर प्रणाम किया और उसके हर हिस्से को प्यार से चूमा।
राज ने कहा- और मत चूमो नहीं तो तुम्हें ही मुश्किल होगी।
डॉली बोली कि ऐसी मुश्किलें तो वह रोज झेलना चाहती है। यह कह कर उसने लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसा मानो उसकी आखिरी बूँद निकाल रही हो। उसने लंड को चाट कर साफ़ कर दिया और फिर खड़ी हो गई।
घड़ी में शाम के छः बज रहे थे। उन्होंने करीब छः घंटे रति-रस का भोग किया था। दोनों थके भी थे और चुस्त भी थे। डॉली राज को बाथरूम में ले गई और उसको प्यार से नहलाया, पौंछा और तैयार किया। फिर खुद नहाई और तैयार हुई। राज के लिंग को पुच्ची करते हुए उसने राज को कहा कि अब यह मेरा है। इसका ध्यान रखना। इसे कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। मैं चाहती हूँ कि यह सालों तक मेरी इसी तरह आग बुझाये।
राज ने उसी अंदाज़ में डॉली की चूत और गांड पर हाथ रख कर कहा कि यह अब मेरी धरोहर हैं। इन्हें कोई और हाथ ना लगाये। डॉली ने विश्वास दिलाया कि ऐसा ही होगा पर पूछा की गांड से क्या लेना देना? राज ने पूछा कि क्या अब तक उसके पति ने उसकी गांड नहीं ली?
डॉली ने कहा- नहीं ! उनको तो यह भी नहीं पता कि यह कैसे करते हैं।
राज ने कहा कि अगर तुम्हे आपत्ति न हो तो मैं तुम्हें सिखाऊंगा। डॉली राजी राजी मान गई। राज ने अगले शुक्रवार के लिए तैयार हो कर आने को कहा और फिर दोनों अपने अपने घर चले गए।
राज अब अगले शुक्रवार की तैयारी में जुट गया। वह चाहता था कि अगली बार जब वह डॉली के साथ हो तो वह अपनी सबसे पुरानी और तीव्र इच्छा को पूरा कर पाए।
उसकी इच्छा थी गांड मारने की। वह बहुत सालों से इसकी कोशिश कर रहा था पर किसी कारण बात नहीं बन रही थी।
उसे ऐसा लगा कि शायद डॉली उसे खुश करने के लिए इस बात के लिए राज़ी हो जायेगी। उसे यह भी पता था कि उसकी यह मुराद इतने सालों से पूरी इसलिए नहीं हो पाई थी क्योंकि इस क्रिया मैं लड़की को बहुत दर्द हो सकता है इसीलिए ज्यादातर लड़कियाँ इसके खिलाफ होती हैं। उनके इस दर्द का कारण भी खुद आदमी ही होते हैं, जो अपने मज़े में अंधे हो जाते हैं और लड़की के बारे में नहीं सोचते। राज को वह दिन याद है जब वह सातवीं कक्षा में था और एक हॉस्टल में रहता था। तभी एक ग्यारहवीं कक्षा के बड़े लड़के, हर्ष ने उसके साथ एक बार बाथरूम में ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी तो राज को कितना दर्द हुआ था वह उसे आज तक याद है।
राज चाहता था कि जब वह अपनी मन की इतनी पुरानी मुराद पूरी कर रहा हो तब डॉली को भी मज़ा आना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो न केवल उसका मज़ा दुगना हो जायेगा, हो सकता है डॉली को भी इसमें इतना मज़ा आये की वह भविष्य में भी उससे गांड मरवाने की इच्छा जताए।
राज को पता था कि गांड में दर्द दो कारणों से होता है। एक तो चूत के मुकाबले उसका छेद बहुत छोटा होता है जिससे लंड को प्रवेश करने के लिए उसके घेरे को काफी खोलना पड़ता है जिसमें दर्द होता है। दूसरा, चूत के मुकाबले गांड में कोई प्राकृतिक रिसाव नहीं होता जिस से लंड के प्रवेश में आसानी हो सके। इस सूखेपन के कारण भी लंड के प्रवेश से दर्द होता है। यह दर्द आदमी को भी हो सकता है पर लड़की (या जो गांड मरवा रहा हो) को तो होता ही है।
भगवान ने यह छेद शायद मरवाने के लिए नहीं बनाया था !!!
राज यही सोच रहा था कि इस क्रिया को किस तरह डॉली के लिए बिना दर्द या कम से कम दर्द वाला बनाया जाए।
उसे एक विचार आया। उसने एक बड़े आकार की मोमबत्ती खरीदी और चाकू से शिल्पकारी करके उसे एक मर्द के लिंग का आकार दे दिया। उसने यह देख लिया कि इस मोम के लिंग में कहीं कोई खुरदुरापन या चुभने वाला हिस्सा नहीं हो।
उसने जानबूझ कर इस लिंग की लम्बाई ९-१० इंच रखी जो कि आम लंड की लम्बाई से ३-४ इंच ज्यादा है और उसका घेरा आम लंड के बराबर रखा। उसने मोम के लिंग का नाम भी सोच लिया। वह उसे "लिंगराज" बुलाएगा !
उसने बाज़ार से एक के-वाई जेली का ट्यूब खरीद लिया। वैसे तो डॉली के बारे में सोच कर राज को जवानी का अहसास होने लगा था फिर भी एहतियात के तौर पर उसने एक पत्ती तडालफ़िल की गोलियों की खरीद ली जिस से अगर ज़रुरत हो तो ले सकता है। वह नहीं चाहता था कि जिस मनोकामना की पूर्ति के लिए वह इतना उत्सुक है उसी की प्राप्ति के दौरान उसका लंड उसे धोखा दे जाये। एक गोली के सेवन से वह पूरे २४ घंटे तक "लिंगराज" की बराबरी कर पायेगा।
अब उसने अपने हाथ की सभी उँगलियों के नाखून काट लिए और उन्हें अच्छे से फाइल कर लिया। एक बैग में उसने "लिंगराज", के-वाई जेली का ट्यूब, एक छोटा तौलिया और एक नारियल तेल की शीशी रख ली। अब वह डॉली से मिलने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए तैयार था। बेसब्री से वह अगले शुक्रवार का इंतज़ार करने लगा।
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