RE: Sex Story सातवें आसमान पर
उसकी उन्माद में ऊपर नीचे होने की गति बढ़ने लगी तो अचानक लंड फिसल कर बाहर आ गया। इस से पहले कि राज लंड को फिर से अन्दर डालता डॉली ने करवट लेकर उसको अपने मुँह में ले लिया और अपने थूक से अच्छे से गीला कर दिया। और फिर अपनी चूत लंड की सीध में करके चुदने के लिए तैयार हो गई। राज ने डॉली को फिर से पीठ के बल लेटने को कहा और आसानी से गीले लंड को फिच से अन्दर डाल दिया।
डॉली आराम से लेट गई और राज भी उसके ऊपर पूरा लेट गया। लंड पूरा अन्दर था और राज का वज़न थोड़ा डॉली के बदन पर और थोड़ा अपनी कोहनियों पर था। राज के सीने के नीचे डॉली के सख्त बोबे पिचक रहे थे और तनी हुई चूचियां राज को छेड़ रहीं थीं। रह रह कर राज अपने कूल्हे ऊपर उठा कर अपने लंड को अन्दर बाहर करता रहता पर ज्यादातर बस डॉली पर लेटा रहता। वह बस इतनी ही हरकत कर रहा था जिस से उसका लंड शिथिल ना हो। उसने डॉली से पूछा कि वह ठीक है या उसे तकलीफ हो रही है ? जवाब मैं डॉली ने ऊपर हो कर उसके होटों पर पुच्ची दे दी।
राज अब बहुत आराम से सम्भोग का मज़ा ले रहा था। उसने डॉली की भुजाओं को पूरा फैला दिया था और उसकी टांगों को जोड़ दिया था जिस से उसके लंड को योनि ने और कस लिया। जब राज मैथुन का धक्का मरता तो उसे तंग और कसी हुई योनि मिलती। राज को ऐसा लग रहा था मानो वह किसी कुंवारी बाला का पहला प्यार हो। उधर डॉली को टांगें बंद करने से राज का लंड और भी मोटा लगने लगा था। दोनों के मज़े बढ़ गए थे। कुछ देर इसी तरह मगरमच्छ की तरह मैथुन करने के बाद राज ने डॉली कि टांगें एक बार फिर खोल दीं और नीचे खिसक कर उसकी योनि मटर पर जीभ फेरने लगा।
डॉली को मानो करंट लग गया.वह उछल गई। राज ने उसके मटर को खूब चखा। डॉली की चूत में पानी आने लगा और वह आपे से बाहर होने लगी। यह देखकर राज फिर पूरे जोश के साथ चोदने लगा। पांच-छः छोटे धक्के और दो लम्बे धक्कों का सिलसिला शुरू किया। एक ऊँगली उसने डॉली की गांड में घुसा दी एक अंगूठा मटर पर जमा दिया। राज को यह अच्छा लग रहा था कि उसे स्खलन का संकेत अभी भी नहीं मिला था। उसे एक नई जवानी का आभास होने लगा। इस अनुभूति के लिए वह डॉली का आभार मान रहा था। उसी ने उसमें यह जादू भर दिया था। वह बेधड़क उसकी चुदाई कर रहा था।
डॉली अब चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रही थी। उसका बदन अपने आप डोले ले रहा था उसकी आँखें लाल डोरे दिखा रही थी, साँसें तेज़ हो रहीं थीं। स्तन उफ़न रहे थे और चूचियां नई ऊँचाइयाँ छू रहीं थीं। उसकी किलकारियां और सिसकियाँ एक साथ निकल रहीं थीं। डॉली ने राज को कस के पकड़ लिया और उसके नाखून राज कि पीठ में घुस रहे थे। वह ज़ोर से चिल्लाई और एक ऊंचा धक्का दे कर राज से लिपट गई और उसके लंड को चोदने से रोक दिया। उसका शरीर मरोड़ ले रहा था और उसकी आँखों में ख़ुशी के आँसू थे। थोड़ी देर में वह निढाल हो गई और बिस्तर पर गिर गई।
राज ने अपना लंड बाहर निकालने की कोशिश की तो डॉली ने उसे रोक दिया, बोली कि थोड़ी देर रुक जाओ। मैं तो स्वर्ग पा चुकी हूँ पर तुम्हें पूरा आनंद लिए बिना नहीं जाने दूँगी। तुमने मेरे लिए इतना किया तो मैं भी तुम्हें क्लाइमेक्स तक देखना चाहती हूँ। राज ने थोड़ी देर इंतज़ार किया। जब डॉली की योनि थोड़ी शांत हो गई तो उसने फिर से चोदना शुरू किया। उसका लंड थोड़ा आराम करने से शिथिल हो गया था तो राज ने ऊपर सरक कर अपना लंड डॉली के मम्मों के बीच में रख कर रगड़ना शुरू किया। कुछ देर बाद डॉली ने राज को अपने तरफ खींच कर उसका लंड लेटे लेटे अपने मुँह में ले लिया और जीभ से उसे सहलाने लगी।
बस फिर क्या था। वह फिर से जोश में आने लगा और देखते ही देखते अपना विकराल रूप धारण कर लिया। राज ने मुँह से निकाल कर नीचे खिसकते हुए अपना लंड एक बार फिर डॉली की चूत में डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा। उसकी गति धीरे धीरे तेज़ होने लगी और वार भी पूरा लम्बा होने लगा। डॉली भी साथ दे रही थी और बीच बीच में अपनी टांगें जोड़ कर चूत तंग कर लेती थी। राज ने अपने शरीर को डॉली के सिर की तरफ थोड़ा बढ़ा लिया जिससे उसका लंड घर्षण के दौरान डॉली के मटर के साथ रगड़ रहा था। यह डॉली के लिए एक नया और मजेदार अनुभव था। उसने अपना सहयोग और बढ़ाया और गांड को ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगी। अब राज को उन्माद आने लगा और वह नियंत्रण खोने लगा। उसके मुँह से अचानक गालियाँ निकलनी लगीं," साली अब बोल कैसा लग रहा है? ... आआअह्ह्ह्हाअ अब कभी किसी और से मराएगी तो तेरी गांड मार दूंगा .... आह्हा कैसी अच्छी चूत है !! ..... मज़ा आ गया .... साली गांड भी मराती है क्या? ..... मुझसे मरवाएगी तो तुझे पता चलेगा ..... ऊओह ." कहते हैं जब इंसान चरमोत्कर्ष को पाता है तो जानवर हो जाता है। कुछ ऐसा ही हाल राज का हो रहा था। वह एक भद्र अफसर से अनपढ़ जानवर हो गया था। थोड़ी ही देर में उसके वीर्य का गुब्बारा फट गया और वह ज़ोर से गुर्रा के डॉली के बदन पर गिर गया और हांफने लगा। उसका वीर्य डॉली की योनि में पिचकारी मार रहा था। राज क्लाइमेक्स के सुख में कंपकंपा रहा था और उसका फव्वारा अभी भी योनि को सींच रहा था। कुछ देर में वह शांत हो गया और शव की भांति डॉली के ऊपर पड़ गया।
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