RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
सजल अपनी मम्मी से नाराज़ अवश्य था पर वह उसके अपमान में मनीषा का साथ देने को तैयार नहीं था। उसने मनीषा को दूर धकेलने की कोशिश की पर इतने में ही उसकी मम्मी की एक हरकत पर वह ठगा सा रह गया।
“तुम अपने आपको बड़ा गर्म और सेक्सी समझती हो न मनीषा… मैंने तुम्हें अपने शरीर की नुमाइश करते हुए कई बार देखा है। पर अब मैं तुम्हें बताती हूँ कि सजल और सुनील क्यों हमेशा मेरे पास ही वापस आएंगे…”
मनीषा को भी गहरा आश्चर्य हुआ जब उसकी पडोसन ने अपने कपड़े उतारने आरंभ किये। उसने भी यह माना कि कोमल के पास अत्यंत ही लुभावना और आकर्षक जिश्म था। कोमल ने नंगे होने में अधिक देर नहीं लगाई। वो सिर्फ अपनी बात सिद्ध करना चाहती, किसी पर विजय नहीं।
“किसका शरीर ज्यादा सुंदर है, सजल…” उसने मनीषा की तारीफ भरी नज़रों में नज़रें डालकर सजल से पूछा।
सजल को अपनी यह स्थिति पसंद नहीं आ रही थी। अपनी कम उम्र के बावजूद वह समझ गया था कि इन दोनों औरतों की लड़ाई बंद करानी होगी- “आप दोनों रुकिये। आप पर जो पागलपन सवार हो रहा है उसे रोकिये। आप लोग इतने सालों से पडोसी हैं पर एक दूसरे के बारे में आपके खयालात कितने गलत हैं…”
वो दोनों सजल की बात सुन रही थीं। उन्हें इस बात से थोड़ी संतुष्टि हुई कि सजल ने स्थिति पर काबू कर लिया था।
सजल ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा- “मैं इस बात पे कोई वोट नहीं डालूंगा कि आप दोनों में से किसका जिश्म ज्यादा सुंदर है। जहाँ तक मेरा ताल्लुक है, मुझे इससे कोई सरोकार नहीं है। आप दोनों बेहद सेक्सी औरतें हैं। बस…” यह कहते-कहते सजल ने अपने लण्ड को खड़ा होते महसूस किया। उसकी दोनों विजय-पताकाओं के बीच में रहने से उसका झंडा बिना खड़ा हुए न रह सका। सजल ने अपनी बांह अपनी मम्मी की कमर में डाली, उसने मनीषा के साथ भी ऐसा ही किया।
“मैं हमेशा सोचा करता था कि दो औरतों को एक साथ चोदने में कैसा लगेगा। क्या आप दोनों अपनी लड़ाई छोड़कर मुझे यह बात समझायेंगी…” बिना उनके उत्तर का इंतज़ार किये, उसने अपने वस्त्र उतारने शुरू कर दिये। उसका हौसला इस बात से भी बढ़ा कि उन दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। उनकी चुप्पी ने उसे यह समझा दिया कि वो उससे सहमत हैं।
“तुम्हें मनीषा आंटी से जलन नहीं होनी चाहिये मम्मी… अगर मैं इन्हें चोदता हूँ तो इसका यह अर्थ नहीं कि मैं आपको चोदना बंद कर दूँगा…” सजल एक हाथ से अपनी मम्मी और दूसरे हाथ से मनीषा के मम्मों को दबाते हुए बोला।
कोमल ने सजल को मनीषा के मोटे मम्मों से खेलते हुए देखा। उसे ईर्ष्या की जगह एक अभूतपूर्व रोमांच का एहसास हुआ।
सजल ने अपनी मम्मी से कहा- “मम्मी मैं आप दोनों को चोदना चाहता हूँ…” यह कहकर उसने अपनी मम्मी का एक प्रगाढ़ चुम्बन लिया। उसका दूसरा हाथ कोमल की गाण्ड दबाने लगा।
मनीषा जान गई कि आज की दोपहर निराली होगी। उसने अपने स्तन सजल की पीठ पर लगा दिये। उसने अपना हाथ मम्मी-बेटे के बीच से सजल के लण्ड पर पहुंचा दिया और उसे दबाने लगी।
कोमल उसके हाथ को हटाने की कोशिश करने लगी। पर फिर उसने अपने बेटे के शानदार लण्ड को इस औरत के साथ बांटने का निर्णय लिया।
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