RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
आरती देखो अजय मे तुम्हे एक तरकीब बताती हू जब तुम अपनी मा को मा मा कहते हुए उसके गले लगते हो तब तुम अपने सीने को उसकी मोटी चुचियो से कस कर दबाना और उसकी गोरी सुरहिदार गर्देन पर एक दो मिनिट तक अपने होटो से चूमना वह भी तुम्हे अपनी बाँहो मे भर लेगी फिर तुम धीरे से अपना एक हाथ लेजा कर हल्के हाथो से उसकी चूत को साडी के उपर से सहला कर जल्दी से हाथ हटा लेना. अगर तुम्हारी मा तुमसे चुदना चाहती होगी तो तुमसे अलग होकर तुम्हारे चेहरे को देखेगी तब तुम थोड़ा सा मुस्कुरा देना अगर वह भी मुस्कुरा देती है तब तुम समझ जाना कि वह भी तुमसे चुदना चाहती है और फिर मोका देख के तुम आगे बढ़ सकते हो. ओ भाभी क्या आइडिया दिया है आपनी मा की चूत को मे एक बार क्या दो बार सहला दूँगा, हा अजय लेकिन थोड़ा ध्यान से. अपनी भाभी की मस्त प्लानिंग को सुन कर अजाय का लंड फिर से तन चुक्का था और उसने अपनी नंगी पड़ी भाभी को अपने उपर खीच कर अपने लंड पर चढ़ा लिया और दोनो मे चुदाई का एक लंबा दौर फिर शुरू हो गया जो कि इस बार काफ़ी लंबा चला. शाम तक दोनो पूरे मस्ती मार कर वापस घर लॉट आए.
रश्मि अपने कमरे मे नेहा की दी हुई बुक पढ़ रही थी और एक हाथ अपनी सलवार के अंदर डाल कर अपनी चूत भी सहला रही थी लेकिन वह ग़लती से दरवाजा बंद करना भूल गई तभी आरती चुपके से कमरे मे आ गई और रश्मि को अपनी चूत मसल्ते देख लिया तो सीधे जाकर रश्मि के हाथो से बुक छीन ली. रश्मि एक दम से सकपका गई और अपना हाथ सलवार से निकाल लिया, आरती ने किताब के पन्ने खोल कर देखा तो रश्मि भाई और बहन की चुदाई की कहानी पढ़ रही थी, आरती ओहो तो हमारी प्यारी नंद रानी ऐसे गुल खिला रही है रश्मि शर्म से लाल हो चुकी थी और अपनी गर्देन नीचे झुकाए बैठी थी, आरती ने मोके की नज़ाकत देखते हुए रश्मि के पास बैठते हुए उसकी मोटी मोटी चुचियो को अपने हाथो से मसल दिया, रश्मि कसमसा कर रह गई, अरे मेरी लाजो रानी इतना क्यो शर्मा रही है, तू क्या सोचती है कि तू अकेली ऐसी कितबे पढ़ती है अरे मैं तो इनसे भी गंदी कितबे पढ़ चुकी हू जिसमे कही बेटी अपने बाप से चुद रही है मा अपने बेटे से चुड रही है और सच पूछो तो ऐसी कहानिया पढ़ कर चूत सहलाने मे बहुत मज़ा आता है क्यो मे सही कह रही हू ना, ओह भाभी तुम भी ना, आरती अच्छा सच सच बता मे तो तेरी भाभी कम सहेली ज़्यादा हू मुझसे मत छुपा तेरा मन एक मोटे लंड से चुदने का कर रहा है ना, अरी बोल ना नही तो मे ये किताब मा जी को बता देती हू,
रश्मि -अरे नही भाभी ऐसा गजब मत करना,
आरती- तो फिर बता तेरा मन चुदने का कर रहा है कि नही, हा कर रहा है, अच्छा मुझे अपनी सलवार उतार कर दिखा और रश्मि का नाडा खोलने लगी, रश्मि भाभी आप ये क्या कर रही हो, अरे पागल मैं भी तो देखु मेरी ननद कितना पानी छोड़ रही है और एक झटके मे नाडा खोल दिया और रश्मि की मोटी गंद से सलवार नीचे सरका दी, रश्मि की मोटी मोटी केले के तने जैसी गुदज जंघे और मोटे मोटे चूतड़ गुलाबी पॅंटी मे समा नही रहे थे, आरती ने रश्मि की पॅंटी खिच कर उसे भी उतार दिया और उसकी दोनो जंघे फैलाकर उसकी चूत देखने लगी रश्मि शर्म से लाल होने लगी आरती ने उसकी फूली हुई चिकनी चूत पर हाथ फर्टे हुए, तेरी चूत तो बहुत रस छोड़ रही है सच सच बता किताब पढ़ते पढ़ते किसके लंड की कल्पना कर रही थी, और उसकी चूत के खड़े दाने को अपनी दो उंगलियो से मसलने लगी, रश्मि ओह भाभी किसी के लंड की कल्पना नही कर रही थी बस कहानी पढ़ के ही मेरा मन करने लगा, आरती झूठ मत बोल मे जानती हू तू किसके लंड से चुदने की कल्पना कर रही थी, रश्मि आश्चर्या से भाभी को देखते हुए किसके लंड की, आरती अजय के लंड की और किसके लंड की, रश्मि ये क्या बोल रही हो भाभी भला मे ऐसा क्यो सोचूँगी वो मेरा भाई है, आरती अच्छा मेरी गुड़िया रानी जब तुम भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ोगी तो अपने भाई के लंड से चुदने की ही कल्पना करोगी या अपने पापा के लंड की कल्पना करोगी, रश्मि ऐसा कुछ नही है भाभी आप ग़लत सोच रही है, आरती ने रश्मि की चूत मे एक उंगली पेल दी जिससे रश्मि छटपटाने लगी, अरे ननद रानी तुम मुझे चोदना मत सिख़ाओ मे सब समझती हू और वैसे भी अजय भी तुझे चोदने के लिए मरा जा रहा है, अब रश्मि बुरी तरह चौंकते हुए क्या कह रही हो भाभी आप को शर्म नही आती, आरती अरे मे सच कह रही हू, रश्मि क्या सबूत है आपके पास कि अजय मुझे चोदना चाहता है, आरती अरे कल रात को मेने अजय को तेरी पॅंटी की महक शुंघते और तेरा नाम ले ले कर लंड हिलाते हुए अपनी आँखो से देखा है,
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