RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“क्य्ाआआआआआआ” लेडी डॉक्टर की ये बात सुन कर यासिर के मुँह से ये अल्फ़ाज़ निकले.
मगर उस वक्त तक लेडी डॉक्टर यासिर की ये बात सुने बगैर ही कमरे से बाहर निकल चुकी थी.
लेडी डॉक्टर के बाहर जाते ही यासिर ने मेरी तरफ देखा. और फिर यासिर और में हैरत जदा अंदाज़ में अपना अपना मुँह खोले एक दूसरे की तरफ देखने लगे.
“चलो घर चल कर बात करते है सायरा” थोड़ी देर परेशानी के आलम में मेरा मुँह देखने के बाद यासिर बोला. तो में भी खामोशी से उठ कर यासिर के साथ क्लीनिक से बाहर निकल आई.
घर में वापिस आते ही यासिर टीवी लाउन्ज काए सोफे पर बैठा. और मेरी तरफ देखते हुए एक दम बोला “पाकिस्तानी डॉक्टर ने तो टेस्ट देखने के बाद ये कहा था, कि में कभी बाप नही बन सकता, तो फिर तुम प्रेगनेंट केसे हो गई सायराआ”
“पाकिस्तानी डॉक्टर ने तुम्हारे बाप ना बनने की बात की थी, मगर ये कभी नही कहा था, कि में कभी माँ नही बन सकती यासिर” अपने शौहर को बेताबी से ये सवाल पूछते हुए देख कर में भी यासिर के पास ही सोफे पर बैठते हुए बोली.
“ये ही तो में जाने की कोशिश कर रहा हूँ, कि जब मुझ में बच्चा पेदा करने वाले स्पर्म्ज़ नही हैं, तो फिर तुम माँ केसे बन सकती हो सायरा” मेरी बात को ना समझते हुए यासिर ने गुस्से में मुझे देखते हुए कहा.
“बात ये है कि तुम से शादी से पहले भी और शादी के बाद भी,हर 20 से 22 दिन बाद मेरे पीरियड्स बाक़ादगी से स्टार्ट होते रहे हैं,मगर विनोद से चुदाई के बाद ये पहला महीना है, जब मुझे पीरियड्स नही हुए,और पाकिस्तानी डॉक्टर की रिपोर्ट के मुताभिक अगर तुम वाकई ही बाप नही बन सकते, तो फिर इस का मतलब ये है कि मेरी कोख में जनम लेने वाला ये बच्चा तुम्हारा नही, बल्कि यक़ीनन तुम्हारे दोस्त विनोद का है मेरी जान” यासिर के पहलू में बैठ कर मैने बहुत आराम और सकून से जब ये बात अपने शौहर से कही .
तो एक इंडियन हिंदू मर्द के बच्चे को अपनी पाकिस्तानी मुस्लिम कोख में पालने के तस्व्वुर से ही मेरी चूत एक दम से गरम होने लगी.
“ओह नूऊऊऊ मेरी बीवी और एक हिंदू मर्द के बच्चे की माँ बने ये नही हो सकता, तुम्हें कल ही डॉक्टर के पास जा कर इस बच्चे को गिराना हो गा सायराआआआअ” यासिर ने मेरी बात सुनते ही मेरी तरफ देखा. और एक रवेति शौहर की तरह मुझे हुकम देते हुए बोला.
“ हिंदू मर्द से अपनी बीवी की चूत चुदवाने में कोई मसला नही तुम्हें,मगर उसी मर्द के बच्चे को मेरी कोख में जनम लेने वाली बात सुन कर तुम्हें प्राब्लम होने लगी, में जानती हूँ कि तुम्हें ये खबर सुन कर एक शॉक पहुँचा है, इसीलिए मेरी मानो और आज की रात ठंडे दिल और दिमाग़ से इस मामले के बारे में अच्छी तरह सोचो यासिर” इस के बावजूद के मेरे माँ बनने की ये खबर यासिर की तरह मुझ पर भी एक बिजली बन कर गिरी थी.
मगर फिर भी अपने शौहर के मुँह से बच्चा गिराने की बात सुन कर मुझे ना जाने क्यों अच्छा नही लगा.
इसी लिए में यासिर को समझाने वाले अंदाज़ में ये बात कहती हुई अपने बेड रूम की तरफ चल पड़ी.
मेरे इस रवैये और लबो लहजे को देख कर यासिर को पता चल गया. कि वो मुझ से अबॉर्षन वाला कम जबर्जस्ती नही करवा सकता.
इसीलिए यासिर ने उस वक्त खामोश रहने में ही भलाई समझी.और चुप चाप सोफे पर बैठ कर मुझे अपने बेड रूम की तरफ जाते हुए देखता रहा.
अगले दिन यासिर के ऑफीस जाने के बाद में अपनी बेड पर लेटी इस बात के मुतलक सोचने लगी. कि मुझे अपने पेट में परवरिश पाते हुए विनोद के बच्चे के बारे में अब आगे क्या करना चाहिए.
कल जिस वक्त से मुझे इस बात का ईलम हुआ था. कि मेरी चूत में विनोद का लंड के छोड़े हुए बीज ने एक बच्चे की शकल इकतियार करना शुरू कर दी है.
तो उस वक्त से मेरी चूत में एक हल चल सी मची हुई थी. अब अपने बेड पर लेट कर जब मैने दुबारा इस बात पर गौर करना शुरू किया. तो इस बारे में सोचते सोचते मेरी प्रेगनेंट चूत को अब एक बार फिर विनोद के अनकट लंड की तलब महसूस होने लगी थी.
अपनी इसी सोच में मगन हो कर में अपनी चूत से खेलते हुए आहिस्ता आहिस्ता शलवार के उपर से अपनी उंगली भी अपनी चूत के अंदर डालने लगी थी.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद के लंड की तरह विनोद के लंड का पानी भी कितना ताकतवर है, कि जो काम यासिर का लंड पूरे दो साल में नही कर पाया, वोही काम विनोद के सख़्त लंड के गाढ़े वीर्य ने एक ही रात में कर दिखाया है, दिल करता है ऐसे असल मर्द को बार बार अपनी चूत पेश की जाईययययययी” अपनी चूत को आहिस्ता आहिस्ता सहलाती हुए में ये बातें सोचने में मसगूल थी.
अभी मुझे अपनी चूत से छेड़ छाड़ का ये खेल शुरू किए हुए चन्द मिनट्स ही गुज़रे थे. कि इतने में मुझे अपने घर का मेन दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनाई दी.
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ लगता है यासिर आज जल्दी घर आ गये हैं” घर का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनते ही में एक दम होश में आई. और बिस्तर से उठ कर अपने कपड़ों को ठीक करते हुए बाहर की तरफ जाने लगी.
अपने कमरे से बाहर निकल कर मैने देखा कि वाकई ही यासिर आज घर वापिस आ गये थे.
यासिर के आते ही मैने किचन में जा कर खाना गरम किया और फिर हम दोनो मियाँ बीवी इकट्ठे एक साथ लंच करने लगे.
खाने से फारिग होने के बाद यासिर टीवी लाउन्ज में आया. तो में भी उस के साथ ही टीवी लाउन्ज में आ कर सोफे पर बैठ गई.
अभी हम दोनो मियाँ बीवी टीवी लाउन्ज के सोफे पर बैठे ही थे. कि इतने में घर के दरवाज़े की बेल बज उठी.
“इस वक्त कौन हो सकता है” यासिर ने मेरी तरफ देखते हुए कहा और खुद घर के दरवाज़े की तरफ चल पड़ा.
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