03-01-2019, 11:16 AM,
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sexstories
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RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“क्या बकवास कर रही हो तुम, तुम रात भर एक गैर मर्द के साथ रंग रेलिया मनाती रही हो,और वो मर्द भी जो कि एक हिंदू है,शरम आनी चाहिए तुम्हें सायरा” मेरी बात को सुन कर यासिर अब एक गरत मंद शौहर की आक्टिंग करते हुए एक दम गुस्से में मुझ से बोला.
“ ये बात तुम को उस वक्त याद नही आई, जिस वक्त तुम खुद मुझे तैयार करवा कर विनोद के पास इसी कम के लिए ले गये थे,और फिर अपनी जवान बीवी को अकेला एक गैर मर्द के साथ छोड़ कर तुम खुद शराब के नशे में धुत हो कर उसी हिंदू आदमी की बीवी की चूत के मज़े लेते रहे हो, और अब मुझे हिंदू मर्द के साथ सोने के ताने देते हुए तुम्हें खुद शरम आनी चाहिए यासिर” अपने शौहर की बात सुन कर मुझे भी एक दम गुस्सा आया. और मैने शादी के बाद पहली बार इस तरह की ज़ुबान इस्तीमल करते हुए, इस लहजे में अपने शौहर को तुर्की बा तुर्की जवाब दिया.
मुझे इस तरह के लहजे में पहली दफ़ा इस तरह के इलफ़्ज़ अपनी ज़ुबान से अदा करते हुए देख कर यासिर बहुत हैरानी से मेरा मुँह देखने लगा.
इसी दौरान मैने महसूस किया कि यू मेरी बात सुन कर हैरान होते हुए यासिर चोरी चोरी मेरे नंगे जिस्म का जायज़ा लेने में भी मसरूफ़ था.
ज्यूँ ज्यूँ यासिर की नज़रें विनोद के लंड से रात भर चुदे हुए मेरे नंगे और गरम वजूद का जायज़ा लेती रही .
त्यु त्यु मुझे ऐसा लगा कि मेरे नंगे वजूद का दीदार करते हुए ना सिर्फ़ यासिर का गुस्सा एक दम कम होता चला गया था.
बल्कि इस के साथ साथ मुझे यूँ महसूस होने लगा था. कि विनोद के हाथों पमाल हुए मेरे नंगे वजूद को देखते और मेरे मुँह से पहली बार इस तरह के अदा करे नंगे अल्फ़ाज़ को सुनते हुए मेरे शौहर यासिर का लंड उस की पॅंट में खड़ा होने लगा था.
“हाईईईईईईईईईईई में तो समझी थी, एक गैर मर्द से चुदे हुए मेरे इस नंगे वजूद को देख कर,एक गैरत मंद शौहर की हैसियत से यासिर तो फॉरन मुझे गोली मार देगा , मगर लगता है कि यहाँ तो मामला ही कुछ और है, क्योंकि विनोद से मेरी चुदाई का सुन कर,मुझे मारने या मुझ पर गुस्सा करने की बजाय, ऐसे लगता है कि यासिर तो एक दम गरम होने लगा है” यासिर की अपने जिस्म पर बहकती नज़रों और उस की पॅंट में मची हलचल को देख कर मेरे जेहन में ये ख्याल आया. और में अपने शौहर के इस रवैये पर खुद भी हैरान रह गई.
अभी में अपनी तवकको के बिपरीत यासिर के यूँ एक दम गरम हो जाने पर हैरान हो रही थी.कि इतने में मेरे नंगे जिस्म को देखते हुए यासिर एक दम आगे बढ़ कर मेरे नज़दीक आ गया.
“हाईईईईईईईईईईई यासिर मेरी बे वफ़ाई पर मुझे कोई सज़ा देने के मूड में है शायद” यासिर को यूँ अपने नंगे वजूद को देखते हुए एक दम गरम होता देखने के बावजूद भी, गुस्से से यासिर को जवाब देने पर मुझे अपने शौहर से अभी तक एक ख़ौफ़ महसूस हो रहा था.
इसी लिए यासिर को अपने इतने नज़दीक पा कर डर के मारे मैने अपनी आँखे एक दम बंद कर लीं.
इधर यासिर के डर की वजह से भीगी बिल्ली बनते मैने अपनी आँखे मीच लीं.
तो दूसरी तरफ मुझ पर हाथ उठाने की बजाय मेरे करीब आते ही यासिर ने अपना मुँह आगे कर के मेरे बड़े और गुदाज मम्मे के उपर ऐन उसी जगह पर अपने गरम होंठ पेवश्त कर दिए.
जहाँ रात को मेरी चुदाई के दौरान विनोद ने मेरे मम्मे के नरम गोश्त को अपने दाँतों से काट कर अपने प्यार की मोहर लगाई थी.
मेरी गोश्त भरी छाती पर अपने गरम मुँह को रख कर यासिर किसी भूके बच्चे की तरह मेरे दोनो मम्मे के उन्ही हिस्सो को उसी तरह अपने दाँतों से काटने लगा.
जिस तरह चुदाई के दौरान जोश और मस्ती में पागल हो कर विनोद ने रात को मेरे मम्मो को काटा था.
“हाईईईईईईईईईईईई मेरा अंदाज़ा तो वाकई ही सही निकला, एक गैर मर्द से चुदे हुए अपनी बीवी के वजूद को देख कर यासिर तो सच में गरम होने लगा है” यासिर की गरम ज़ुबान को अपने मोटे मम्मो के उपर विनोद की बनाई हुई हिकीस वाली जगह पर महसूस करते ही मेरे ज़हन में ये ख्याल आया.
तो मेरा ख़ौफ़ ख़तम होने के साथ साथ,थोड़ी देर पहले यासिर पर आने वाला मेरा गुस्सा भी एक दम ठंडा पड़ने लगा. और इस के साथ ही मेरी चूत भी फिर से गरम होने लगी थी.
“देखो तुम्हारे दोस्त विनोद ने तुम्हारी प्रमोशन के बदले किस तरह बे दरदी से तुम्हारी बीवी के फूल जैसे बदन को नोच नोच कर तुम्हारी बीवी के जिस्म की क्या हालत की है यासिर ” अपने शौहर को यूँ गरम हो कर मेरे मम्मो पर अपनी ज़ुबान फेरते हुए देख कर मैने यासिर को अपने जिस्म से अलग किया.
और एक बार फिर अपने नंगे जिस्म के अंग अंग को अपने शौहर यासिर की नज़रों के सामने करते हुए यासिर से कहा.
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