RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
अभी में अपने कपड़े पहन कर फारिग ही हुई थी. कि कुछ देर बाद यासिर टीवी लाउन्ज में एंटर हुआ.
“तुम इधर हो और में तुम्हें सारे घर में ढूंड रहा हूँ,चलो अब घर चलें सायरा” रात को पीने वाली शराब और सपना के शबाब का नशा मुकलमल तौर पर उतर जाने के बाद आज सुबह कमरे में दाखिल होते ही यासिर ने मुझे देख कर बहुत ही पुरसकून लहजे में एक दम ये अल्फ़ाज़ कहे .तो मेरा दिल धक धक करने लगा और मेरे जिस्म से पसीने छूटने लगे थे.
“हाईईईईईईईईई मेरी चूत तो मेरे पास अपने शौहर की अमानत थी,और अब जब विनोद से रात भर चुदवाने के बाद, में इस अमानत में खयानत कर चुकी हूँ,तो अब में किस मुँह से अपने शौहर यासिर का सामना कर पाउन्गि भला” यासिर की इतने पूरसकून लहजे में की गई ये बात सुन कर में इतनी बोखला गई. कि कल रात को अपने शौहर की मुझ से की जाने वाली बे वफ़ाई पर यासिर से नाराज़ होने की बजाय. विनोद के साथ बीते हुए अपने लेम्हात को याद करते ही मुझे पहले से ज़्यादा अपने आप से शरम महसूस हुई. जिस की वजह से मुझे अपने शौहर यासिर की नज़रों का सामना करने में मुश्किल पेश आने लगी थी.
“चलो इधर खड़ी क्या सोच रही हो यार, आज घर जाने का इरादा नही है क्या” मुझे यूँ कमरे में चुप चाप एक बुत बने खड़े देख कर यासिर बोला और फिर मेरे जवाब का इंतज़ियार किए बिना कमरे से बाहर निकल गया.
“उफफफफफफफफफ्फ़ शूकर है यासिर ने मेरे जिस्म की बिगड़ी हालत और चेहरे का उड़ा हुआ रंग नही देखा,वरना विनोद के साथ की गई मेरी चोरी अभी पकड़ी जानी थी” यासिर से कल रात को सपना की चुदाई करने के बारे में पूछने की बजाय मैने यासिर को यूँ एक दम कमरे से निकलते देख कर सुख का साँस लिया. और फिर में भी अपने कपड़ों को ठीक करती बाहर खड़ी अपनी कार की तरफ चल पड़ी.
अपने घर को जाते वक्त हम दोनो मियाँ बीवी ने आपस में मज़ीद कोई बात ना की. जिस की वजह से हमारी कार में एक पुरइसरार किस्म की खामोशी छाई हुई थी.
“कल में एक निहायत ही शरीफ बीवी की हैसियत से अपने शौहर के साथ अपने घर से विनोद और सपना के घर आई थी,और आज जब में अपने घर वापिस जा रही हूँ,तो एक रंडी औरत की हैसियत इकतियार कर चुकी हूँ,जिसे अपने ही शौहर के हिंदू बॉस ने पूरी रात इतने मज़े दार तरीके से चोदा है,कि उस हिंदू लंड का गरम पानी मुझे अभी तक अपनी चूत से बैठा हुआ महसूस हो रहा है” अपने घर की वापसी के पूरे सफ़र के दौरान मेरे जेहन में इसी तरह के ख्यालात आते रहे. और में कल वाले वाकिये पर अपने आप को मुर्दे इल्ज़ाम ठहराते हुए अपने आप से ही शरमांदा होती रही. कि जैसे इस सारे वाकिये में सिर्फ़ में ही कसूरवार थी.
फिर थोड़ी देर में ही हमारी अपार्टमेंट बिल्डिंग आ गई और हम दोनो मियाँ बीवी कार से निकल कर अपने अपार्टमेंट में चले आए.
“मुझे अपने बेड रूम में जा कर जल्दी से पहले शावर लेना चाहिए,और फिर उस के बाद में अपने और यासिर के लिए नाश्ता तैयार करूँगी” अपार्टमेंट में दाखिल होते ही मैने सोचा और अपने बेड रूम की तरफ बढ़ने लगी.
“क्या विनोद ने मेरी प्रमोशन की फाइल पर साइन कर दिया हैं सायरा” में ज्यों ही आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई अपने बेडरूम की तरफ जाने लगी. तो यासिर ने पीछे से मुझ से पूछा.
“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ रात भर सपना की चूत के मज़े लेने के दौरान यासिर मुझे तो भूल ही चुका था,अब होश में आने के बाद भी अपनी कल वाली हरकत पर शर्मिंदा होने या मुझ से मेरी ख़ैरियत पूछने की बजाय,मेरे शौहर को सिर्फ़ अपनी फाइल की फिकर लगी हुई है” ये बात सोचते हुए मुझे कल वाले वाकिये पर कुछ देर पहले जो एक गिल्टी महसूस हो रही थी. शर्मिंदगी कि वो सारी केफियत यासिर की बात सुनते ही से ना सिर्फ़ एक दम मेरे दिमाग़ से उतर गई.
बल्कि अपने शौहर यासिर से उस की प्रमोशन वाली फाइल की बात सुन कर मेरे तन बदन में एक आग सी लाग गई.
जिस की वजह से गुस्से के मारे मेरे दिमाग़ का पारा एक दम हाइ होने लगा था.
मगर इस के बावजूद मैने खामोश रहने में बेहतरी महसूस की.
“यार बताओ ना,विनोद साइन करने पर राज़ी हुआ या नही” मेरी खामोशी देख कर यासिर ने फिर अपनी बात पर इसरार किया.
“हां विनोद ने कल रात तुम्हारी प्रमोशन की फाइल पर साइन कर दिए है यासिर,अभी देखना पसंद करो गे” यासिर को सिर्फ़ अपनी प्रमोशन के मुतलक फ़िकरमंद होते देख कर बेडरूम में जाते हुए मैने जवाब दिया. और जल्दी से अपने बेड रूम में दाखिल हो गई.
अभी में बेडरूम में पहुँच कर अपने बेड पर बैठी ही थी. कि यासिर एक दम दौड़ता हुआ मेरे पीछे कमरे में दाखिल हुआ और जल्दी से बोला “प्लीज़ मुझे जल्दी से फाइल दिखाओ जहाँ विनोद ने अपने साइन किए हैं सायरा”
“तुम वो फाइल देखना चाहते हो ना,जिधर तुम्हारे बॉस विनोद ने अपने साइन किए हैं,तो ये देख लो यासिर” यासिर की बात सुन कर में बहुत गुस्से से अपने बेड से उठी और एक दम अपने जिस्म पर पहनी हुई फ्रॉक,ब्रेज़ियर और अपनी छोटी सी पेंटी को उतार कर अपने शौहर यासिर के सामने बिल्कुल नंगी हालत में खड़ी हो गई.
कपड़े उतारते ही मेरी नज़र अपने कमरे में लगे शीशे के ज़रिए अपने नंगे जिस्म पर पड़ी. तो कमरे के शीशे में से अपना जिस्म देख कर में तो खुद भी हैरान रह गई.
क्योंकि रात भर विनोद की मस्त चुदाई के दौरान पड़ने वाले निशान के असरात अभी तक मेरे जिस्म पर बाकी थे.
मेरे मम्मो पर विनोद के दाँतों के काटने के निशान जो बहुत साफ नज़र आ रहे थे.
जब कि मेरे मम्मो के लंबे निपल्स भी विनोद की भरपूर सकिंग की वजह से पूरे सूजे हुए थे.
इस के साथ साथ नीचे मेरी रानों पर जगह जगह पर विनोद के दाँतों से काटने के निशान पड़े होने के अलावा विनोद की जबर्जस्त चुदाइ की बदोलत मेरी सूजी हुई फुद्दि का उभार भी बहुत नुमाया हो रहा था.
और सब से भर कर विनोद के लंड का थिक जूस जो कि मेरी चूत से बाहर निकल आया था. वो भी मेरी चूत और रानों पर जमा हुआ सामने नज़र आ रहा था.
“ये क्या हरकत है सायरा, में ने तुम से वो फाइल देखने का कहा है,जिधर विनोद ने मेरी जॉब प्रमोशन के साइन किए हैं, और तुम अपने कपड़े उतार कर मेरे सामने नंगी हो गई हो” यासिर ने मुझे अपने सामने कमरे में यूँ नंगा खड़े देखा. तो वो भी थोड़ा गुस्से में मुझ से मुखातिब हुआ.
“तुम को वो फाइल ही तो दिखा रही हूँ, ये देखो मेरी चूत,ये ही तो वो जगह है, जहाँ विनोद ने अपने लंड की सफेद इंक के साथ रात भर दिल खोल कर तुम्हारी तरक्की के दस्तख़त किए हैं,और इस के साथ साथ विनोद ने अपने दाँतों की मोहर (स्टंप) भी मेरी चुचियों और रानों पर लगा कर तुम्हारी जॉब पक्की कर दी है यासिर” अपने शौहर की बात सुन कर में रात भर की चुदाई की वजह से सूजी हुई अपनी फुद्दि और अपने निशान जदा मम्मो की तरफ इशारा किया. तो मेरी ये बात सुन कर यासिर के मुँह का रंग ही उड़ गया.
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