RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
मेरी और विनोद की नज़र एक दम से दूसरे सोफे पर बैठे अपने शौहर और सपना की तरफ गई.
तो कमरे में बहुत हल्की रोशनी होने के बावजूद दूसरे सोफे पर होने वाली हरकत और सपना और यासिर के हुलिए को देख कर मुझे काफ़ी हद तक अंदाज़ा हो गया.
कि इस वक्त सपना ना सिर्फ़ मेरे शौहर यासिर की गोद में बैठी हुई है. बल्कि सपना और यासिर दोनो के होंठ एक दूसरे के मुँह से जड़े हुए थे.
जब कि सोफे पर बैठे यासिर के हाथ सपना की कमर और गान्ड की पहाड़ियों पर तेज़ी के साथ फिसल रहे थे.
इधर ज्यों ही मेरी और विनोद की नज़र सपना और यासिर की तरफ गई. तो उधर दूसरी तरफ ऐन उसी वक्त टीवी पर इंडियन मूवी जिस्म का एक गरम सॉंग जादू है नशा है शुरू हो गया.
जिस में बिपासा बसु और जॉन अब्राहम एक दूसरे के साथ अपनी मौज मस्ती में मसरूफ़ थे.
सपना का यासिर की गोद में बैठ कर आपस में किसिंग करना और टीवी पर गरम सॉंग का स्टार्ट होने वाली ये दोनो चीज़ें एक साथ इतनी अचानक हुईं. कि मुझे समझ ही नही रही थी कि में इस सारे सूरते हाल में कैसे और क्या रिक्ट करूँ.
इसीलिए में अपनी साँस रोके कभी टीवी पर बिपाशा और जॉन अब्राहम और कभी अपने सामने अपने शौहर यासिर और सपना की होने वाली गरम हरकत को देखने में मसरूफ़ रही.
वैसे तो अपने शौहर यासिर को अपनी सहेली सपना के साथ कुछ देर पहले डॅन्स करते देख कर मेरे तन बदन में जलन की एक आग भड़क उठी थी.
मगर अब इस अंधेरे कमरे में अपने शौहर को एक दूसरी औरत के साथ अपनी आँखों के सामने यूं खुलम खुल्ला मस्ती करते देख कर ना जाने क्यों गुस्सा आने की बजाय मेरे जिस्म और चूत ने एक दम से गरम होना शुरू कर दिया था.
इस की वजह शायद ये रही हो गी. कि अपने पीरियड्स स्टार्ट होने के बाद मुझे यासिर से चुदे हुए तकरीबन एक वीक हो चुका था.
और आज शाम को नहाने के दौरान अपनी फुद्दि को सॉफ करते वक्त मैने ये ही सोचा था. कि यासिर के घर आते ही में अपने शौहर का लंड अपनी फुद्दि में डलवा कर अपनी चूत की गर्मी निकाल लूँगी.
मगर विनोद और सपना की दावत में शिरकत करने की वजह से मेरी ये ख्वाइश अधूरी रह गई. जिस की वजह से मेरी गरम चूत की अभी तक तसल्ली नही हो पाई थी.
अब शायद ये मेरी चूत में लगी इसी आग का ही ये असर था. कि टीवी के गरम सॉंग के साथ साथ सपना और यासिर के मुँह की “पुच पुच” को सुन सुन कर मेरी फुद्दि ने भी अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ ये मेरे साथ क्या हो रहा है, कि में एक गैर मर्द की मौजूदगी में अपनी फुद्दि का पानी छोड़ने पर मजबूर हो रही हूँ,इस से पहले कि बात हद से आगे बढ़ जाए, ना सिर्फ़ मुझे यहाँ से उठ जाना चाहिए,बल्कि आगे बढ़ कर यासिर को भी रोक लेना चाहिए” अपनी जिस्म की बिगड़ती हालत को संभालते हुए मैने सोचा. और सोफे से उठने का इरादा करने लगी.
इधर जैसे ही मैने अपने दिल में सोफे से उठने का ख्याल सोचा. तो उधर दूसरी तरफ विनोद ने भी शायद जैसे मेरे दिल को पढ़ लिया था.
क्योंकि मेरे उठने से पहले ही विनोद ने एक दम मेरी तरफ झुकते हुए मेरे कान में फिर सेरगोशी की “ लगता है आप के शौहर पर शराब का नशा कुछ ज़्यादा ही चढ़ गया है सायरा भाभी, इसी लिए हमारी मौजूदगी में ही वो मेरी बीवी के साथ रंग रलियाँ मनाने में मसरूफ़ हो गया है”.
“आप केसी बात कर रहे हैं,यासिर और शराब, ,मैने तो उन को सारा वक्त कोक पीते ही देखा है, नही वो शराब नही पीते” विनोद की बात सुन कर में एक दम चोन्क्ते हुए जवाब दिया.
तो सोफे पर बैठे बैठे मेरा चेहरा एक दम खुद ब खुद विनोद के चेहरे की तरफ घूमता चला गया.
विनोद तो पहले ही मेरी तरफ देख कर बात कर रहा था. इसीलिए ज्यों ही मैने अंजाने में अपने चेहरा विनोद की तरह घुमाया. तो विनोद और मेरा चेहरा एक दूसरे के बिल्कुल आमने सामने आ गये.
इस छोटे से सोफे पर इतने नज़दीक बैठे होने की वजह से हम दोनो के मुँह अब इतने नज़दीक हो गये थे, कि हम दोनो ना सिर्फ़ एक दूसरे की सांसो की आवाज़ सुन सकते थे.
बल्कि विनोद को मेरी और मुझे विनोद की गरम साँसे अपने मुँह और होंठों से टकराती हुई महसूस होने लगी थी.
“कोक तो सिर्फ़ दिखावा थी,असल में तो यासिर कोक में विस्की डाल कर पी रहा था मेरी जान” विनोद ने ये बात कहते और मुझे “भाभी” एक दम “जान” मुखातिब करते हुए मुझ पर हैरत का एक प्रहार किया.
और फिर दूसरे ही लम्हे एक दम मेरे गरम वजूद को अपनी बाहों में भरते हुए अपने मुँह को हल्का से आगे बढ़ा कर मेरे गुदाज होंठों पर अपने होंठ चिस्पान कर दिए.
“उफफफफफफफफफफ्फ़ छोड़िए मुझे ये क्या कर रहे है आप” ज्यों ही विनोद के मोटे होंठों ने मेरे गरम गुलाबी होंठों को पहली बार छुआ. तो में शरम के मारे पसीना पसीना हो गई.
और एक दम किसी मछली की तरह तड़पती हुई अपने आप को विनोद की बाहों से छुड़ाने की कोशिश करने लगी.
अभी में अपने गुदाज जिस्म को विनोद की बाहों में से छुड़ाने का नाकाम कोशिश करने में मसरूफ़ थी. कि कमरे के दूसरे कोने से सपना की गरम सिसकियाँ उस के मुँह से निकल कर कमरे में गूँज उठी.
अपनी बीवी की सिसकियाँ ज्यों ही विनोद के कानों में पड़ी . तो उस ने एक दम से अपने होंठों को मेरे होंठों से अलग करते हुए कमरे की हल्की रोशनी में मेरे खाविंद यासिर की गोद में उपर नीचे होती अपनी बीवी सपना की तरफ देखा और बोला “ लो जी उधर तो चुदाई स्टार्ट भी हो गई हाईईईईईईईई”.
विनोद के मुँह से एक दम खुलम खुल्ला चुदाई का ये लफ़्ज सुन कर मुझे शरम तो बहुत आई.
मगर फिर भी बदस्तूर विनोद की बाहों में कसे हुए मैने एक दम अपने शौहर यासिर की तरफ देखा.
तो हल्की रोशनी के बावजूद सपना और यासिर के जिस्मो की हरकत और उन की आवाज़ों से ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही था.
कि वो दोनो इस वक्त इंडिया और पाकिस्तान की पॉलिटिक्स नही डिसकसस कर रहे, बल्कि सच मूच चुदाई में मसरूफ़ हैं.[url=https://rajsharmastories.com/viewtopic.php?f=12&t=8631&start=25#top][/url]
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