RE: Porn Story चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी
अपने स्टाप पर हम बस से उतरे, प्रीति जल्दी उतरी और घर की तरफ चलने लगी, मेने देखा की प्रीति की सलवार आगे से गीली हो रही हे, मुझे लगा की कहीं ये प्रीति की चूत का डिस्चार्ज तो नहीं क्या प्रीति बस में गरम थी। घर पहुंचते ही प्रीति ने मुझसे कहा "हट मुझे कपडे चेंज करने दे " मैं हट गया। प्रीति जाने लगी और मम्मी से बोला "मम्मी में नहा के कपडे चेंज करके आती हु आप सब्जी बना लो रोटी मैं सेक दूँगी, नहाने से कम से कम मूड तो फ्रेश हो जायेगा " मम्मी ने कहा " ठीक है नहा ले " और फिरप्रीति अपने रूम में गयी अपने घर के कपडे निकाले टॉवल लिया और नहाने चली गयी मैंने पापा मम्मी से नजरे बचा के प्रीति के रूम में गया और प्रीति के बाथरूम के दरवाजे में जो छेद मैंने किया था उसमे से पेपर का टुकड़ा निकाला और बाथरूम के अंदर देखने लगा वेसे मुझे प्रीति को वापस नंगी देखने की इच्छा नहीं थी क्योंकि अभी अभी मेरा मुट प्रीति ने निकाला था मैं तो बस अपने 1 सवाल का जवाब ढूँढने के लिए बाथरूम में देख रहा था और वो सवाल था “क्या बस मेंप्रीति गरम थी ? ' जो भी मैंने प्रीति के साथ किया उस सेप्रीति को केसा लगा मैं बस ये जानना चाहता था
मैंने देखा बाथरूम में प्रीति ने पहले अपने बालो का जूडा बनाया फिर अपने कुर्ते पे से अपने कन्धों पे से चुन्नी पे लगी दोनों पिने हटाई फिर अपनी चुन्नी उतार के रखी फिरप्रीति ने अपना कुरता उतारा अब प्रीति मेरे सामने अपनी ब्रा में आगयी थीप्रीति ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगाप्रीति की ब्रा और उसके स्ट्रैप्स पूरी तरह से टेड़े मेढे और मुड़े हुए थेप्रीति की ब्रा की ऐसी हालत देख के मुझे बस का पूरा सीन याद आ गया की मैंने किस तरह से प्रीति के कुर्ते में हाथ डाल के प्रीति के बोबो को मसला था ये मुड़ी हुई ब्रा उसी की गवाही दे रही थी फिरप्रीति ने अपनी सलवार उतारी अब मेरी प्रीति मेरे सामने ब्रा पेंटी में खड़ी थी प्रीति ने नेवी ब्लू कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था अब प्रीति अपने दोनों हाथ पीछे लेके गयी और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और अपनी ब्रा भी उतार दी प्रीति के गोरे गोरे मुलायम मुलायम बोबे नंगे होगये थे कितनी सेक्सी लग रही थी मेरी प्रीति आधी नंगी अपनी पेंटी में मेरे सामने खड़ी हुई प्रीति के मोटे मोटे बोबे जिन पे बहुत छोटे छोटे ब्राउन कलर के निप्पल थे मेरे सामने थे मैंने देखा की प्रीति के बोबे थोड़े लाल हो गए थे शायद मैंने बहुत ही ज्यादा मसल दिए थे फिर प्रीति अपनी पेंटी उतारने लगी अब मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलने वाला था की क्या प्रीति गरम थी ?
प्रीति ने अपनी पेंटी उतारी और उसे उलटी करके देखने लगी मुझे समझ में आगया था की प्रीति अपनी पेंटी पे लगे अपनी चूत के डिस्चार्ज को देख रही है प्रीति की चूत बिलकुल चिकनी थी और प्रीति की पेंटी में इतना डिस्चार्ज था की वो उनकी पूरी चूत पे लग गया था। प्रीति की चूत गीली होने के कारण चमक भी रही थी अब मुझे समझ में आ गया था की प्रीति भी गरम थी बस में मैं जो भी कर रहा था उसमे उन्हें भी मजा आ रहा था। मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलते ही बहुत अच्छा सा लगने लगा प्रीति ने अपनी ब्रा तो अपने सूट के नीचे डाल दी लेकिन पेंटी को उसी समय धोने लगी। प्रीति ने अपनी पेंटी धोके रखी फिर नहाने लगी प्रीति ने धीरे धीरे नहाना चालू किया और मैंने धीरे धीरे वापस अपना लंड हिलाना चालू किया फिर प्रीति ने मग्गे मैं पानी भरा और 2 - 3 बाद अपनी चूत के अंदर मारा और हाथ डाल के भी अपनी चूत को अंदर से साफ़ किया मैं प्रीति को ऐसे ही नहाते हुए देखता रहा और अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया । मैंने अपना लंड अंदर किया और वापस छेद में से प्रीति को नहाते हुए देखने लगा।
जैसे ही प्रीति बाथरूम से निकली मैं बाथरूम में घुस गया। मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया और अपने कपड़े खोलने शुरू किए। मुझे जोरो की पेशाब लगी थी। पेशाब करने के बाद मैं अपने लंड से खेलने लगा।
एकाएक मेरी नज़र बाथरूम के किनारे प्रीति के उतरे हुए कपड़ों पर पड़ी। वहाँ पर प्रीति अपनी नाइटगाऊन उतार कर छोड़ गई थी। जैसे ही मैंने प्रीति का नाइटगाऊन उठाया तो देखा कि नाइटगाऊन के नीचे प्रीति की ब्रा पड़ी थी।
जैसे ही मैंने प्रीति की काले रंग की ब्रा उठाई तो मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा। मैंने प्रीति का नाइटगाऊन उठाया तो उसमें सेप्रीति के नीले रंग का पैंटी भी नीचे गिर गई। मैंने पैंटी भी उठा ली। अब मेरे एक हाथ मेंप्रीति की पैंटी थी और दूसरे हाथ में प्रीति की ब्रा थी।
ओह भगवान ! प्रीति के अन्दर वाले कपड़े चूमने से ही कितना मज़ा आ रहा है यह वही ब्रा है जिसमें कुछ देर पहले प्रीति की चूचियाँ जकड़ी हुई और यह वही पैंटी हैं जो कुछ देर पहले तक प्रीति की चूत से लिपटी थी। यह सोच सोच करके मैं हैरान हो रहा था और अंदर ही अंदर गरमा रहा था। मैं सोच नहीं पा रहा था कि मैं प्रीति की ब्रा और पैंटी को लेकर क्या करूँ।
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