RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी- उसके गालो को सहला कर वाकई दीदी तुम बहुत सेक्सी और रसीली हो, तुम घर तो चलो इस बार मैं तुम्हे अपनी गोद मे उठा कर तुम्हे इतना प्यार करूँगा कि तुम पागल हो जाओगी, अब तो मैं तुम्हारे बिना एक पल नही रह सकता हू, और उसकी ओर मुस्कुराता हुआ उसके गाल को खींच कर आइ लव यू मेरी जान कह कर अवी वापस चारपाई की ओर चल देता है और डिंपल उसे जाते हुए देखती रह जाती है, फिर एक दम से जैसे उसे होश आता है और वह इधर उधर देखती हुई कुछ सोच नही पाती है कि किधर जाए और वही पेड़ के सहारे टिक कर अवी को जाते हुए देखने लगती है और अवी जब खाट पर बैठ कर डिंपल की ओर देखता है तो उसे अपनी ओर देखते हुए पाता है, डिंपल उसकी ओर देखती हुई कुछ सोच कर वापस अवी की ओर चल देती है,
अवी उसको अपनी ओर आता हुआ देख कर खुश हो जाता है, डिंपल उसके करीब आ जाती है और उसके पास चारपाई पर बैठते हुए उसकी और देख कर सीरीयस चेहरा बना कर,
डिंपल- तुझे क्या लगता है तू जो कर रहा है वह ठीक है
अवी- मैं वो सब नही जानता, मैं तो बस इतना जानता हू कि मैं तुम्हे बहुत चाहता हू और तुम्हारे बिना अब रह नही सकता
डिंपल- पर तू समझता क्यो नही मैं तेरी प्रेमिका नही तेरी बहन हू
अवी- मुस्कुरकर तो क्या हुआ, क्या तुम मेरी प्रेमिका नही बन सकती क्या
डिंपल- उसको घूर कर देखते हुए, तो क्या तू मेरे साथ वह सब भी करना चाहता है जो एक प्रेमी प्रेमिका करते है
अवी- मुस्कुरकर, क्या तुम नही चाहती
डिंपल- गुस्से से, देख अवी मैं ऐसा कुछ नही चाहती जो तू सोच रहा है, और यह मैं तुझे आख़िरी बार समझा रही हू, इसके बाद अगर तूने कोई हरकत की तो मुझसे बुरा कोई नही होगा
अवी- क्या करू दीदी तुम जब मेरे सामने आती हो तो मुझे पागल कर देती हो और मेरा दिल करता है कि मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर चूम लू, तुम चाहे मुझे जान से ही क्यो ना मार दो, पर मैं तुम्हे छुए बिना नही रह पाउन्गा और फिर अवी धीरे से अपना हाथ उसकी मोटी-मोटी जाँघो पर रख देता है और डिंपल उसे देखती हुई अपनी नज़रे दूसरी ओर फेर लेती है, कुछ देर दोनो के बीच खामोशी छाई रहती है, उसके बाद
अवी- मुस्कुराते हुए, दीदी तुम कितनी सेक्सी हो ना, आज रात को मे तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर
डिंपल- उसकी ओर घूर कर देखते हुए उठ कर जाने लगती है और अवी उसका हाथ पकड़ कर फिर से बैठा लेता है,
अवी- कहाँ जा रही हो, आज से मैं जो कहुगा वह तुम्हे मानना पड़ेगा
डिंपल- क्यो मैं तेरी गुलाम हू जो तेरी बात मनुगी
अवी- उसके गालो को सहलाता हुआ, गुलाम तो मैं बन गया हू तुम्हारा, थोड़ा करीब आकर बैठो ना
डिंपल- अवी मैं नही जानती थी कि तू इतना बेशरम है
अवी- दीदी मैं भी तो नही जानता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, क्या फिगुर है तुम्हारा, और आज तो जीन्स मे कयामत लग रही हो और फिर अवी उसकी कमर को सहलाने लगता है और डिंपल अपना सर नीचे झुकाए बैठी रहती है तभी सामने से स्वीटी और शालिनी आते हुए नज़र आते है
डिंपल- अवी देख वो दोनो आ रहे है कम से कम दूसरो के सामने तो मेरी बेज़्जती मत करवा
अवी- मुस्कुरकर मैं समझ गया दीदी तुम चाहती हो मैं तुम्हारे साथ जो भी करू अकेले मे करू है ना
डिंपल- उसकी ओर घूर कर देखती है और अपनी आने वाली हसी को पूरी तरह दबा कर फिर से दूसरी ओर मूह कर लेती है
|