RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
डिंपल अपने रूम मे लेटी हुई बहुत परेशान थी और समझ नही पा रही थी कि उसे क्या करना चाहिए, अवी से वह कभी
बात नही करना चाहती थी लेकिन कुछ देर पड़े रहने के बाद ना जाने क्यो उसका दिल फिर से अवी के पास जाने के लिए तड़पने
लगा था और वह बार-बार सोच रही थी कि डिंपल अब अवी को ज़्यादा भाव ना देते हुए उसके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए
और अब शाम तक मैं उसके सामने ही नही जाउन्गि, लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह उठी और फिर से बाहर आकर अवी को पीछे से
देखती है और जो देखती है उसे देख कर डिंपल के होश उड़ जाते है,
अवी डिंपल की तस्वीर को देख-देख कर उसके चेहरे को चूम रहा था और डिंपल उसके पीछे खड़ी हुई उसे आश्चर्या से
देख रही थी, डिंपल जल्दी से पलट कर वापस अपने रूम मे आ जाती है और उसका दिल जोरो से धड़कने लगता है वह बेड
पर लेट कर सोचने लगती है, अवी ऐसा क्यो कर रहा है मैं तो उसकी बहन हू उसके बाद भी वह मेरे बारे मे ऐसा सोच रहा
है, नही-नही यह ग़लत है उसे ऐसा नही करना चाहिए, मैं क्या करू, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है किसी से बता
भी नही सकती, कुछ देर तक डिंपल बेड पर पड़ी-पड़ी अवी के बारे मे सोचती रहती है, तभी अवी अंदर आता है और दीदी
क्या कर रही हो
डिंपल- उठ कर बैठते हुए कुछ नही, उसका चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे सूजा हुआ हो,
अवी- दीदी मुझसे नाराज़ हो
डिंपल- नही
अवी- दीदी मुझे चाइ पीना है
डिंपल- जाकर बना ले
अवी- नही मुझे तुम्हारे हाथ की पीना है
डिंपल- कुछ सोच कर ठीक है लाती हू और उठ कर जाने लगती है
अवी उसका हाथ पकड़ लेता है और डिंपल उसके चेहरे की ओर देखने लगती है
अवी- दीदी सॉरी
डिंपल- किस बात के लिए
अवी- शायद तुम्हे मेरी किसी बात का बुरा लगा है
डिंपल- मेरा हाथ छ्चोड़ मैं चाइ बना कर लाती हू
अवी- खड़ा होकर मुझे माफ़ नही करोगी
डिंपल- ठीक है कर दिया
अवी- ऐसे नही पहले एक बार मुस्कुरा कर कहो मैने तुझे माफ़ कर दिया
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए अवी हर बात मे बच्चो जैसी ज़िद मत करा कर और फिर डिंपल बाहर निकल जाती है और
अवी उसको देखता रह जाता है
कुछ देर बाद डिंपल चाइ बना कर लाती है और अवी को देते हुए ले तेरी चाइ
अवी- मुझे नही पीना
डिंपल- नही पीना तो बनवाई क्यो है
अवी- अब मेरा मूड नही है पीने का तुम ले जाओ यहा से
डिंपल- उसके सामने चाइ रखती हुई पीना है तो पी ले नही तो फेक दे समझे
अवी- डिंपल की बात सुन कर बहुत गुस्से मे आ जाता है और डिंपल जैसे ही जाने लगती है उसका हाथ पकड़ कर मोदते हुए
अवी- तुम अपने आप को समझती क्या हो, मैं पागलो की तरह तुम्हारे लिए 4 दिन से परेशान हू और तुम हो कि सब कुछ
समझते हुए भी मुझे अवाय्ड कर रही हो
डिंपल- गुस्से से अवी को देखती हुई, अवी मेरा हाथ छ्चोड़
अवी- नही छ्चोड़ूँगा, क्या कर लोगि
डिंपल- कुछ नरम पड़ते हुए अवी प्लीज़ मेरा हाथ छ्चोड़ दे मुझे दर्द हो रहा है
अवी- उसके चेहरे पर दर्द की झलक देख कर थोड़ा शांत हो जाता है और धीरे से उसका हाथ छ्चोड़ देता है
डिंपल- अवी तू अपनी दीदी के साथ ऐसा गुस्सा दिखा रहा है, देख तूने मेरा हाथ कितनी ज़ोर से पकड़ा था तेरी उंगलियो के
निशान तक बन गये
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