RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अजब प्रेम की गजब कहानी --3
गतान्क से आगे......
अवी- अच्छा दीदी अब मैं चलता हू और 4 बजे आपका वेट करूँगा और अवी डिंपल के पास जाता है और उसका हाथ एक बार
पकड़ कर उसकी आँखो मे देखता हुआ अपने मन मे आइ लव यू दीदी कह कर बाहर निकल जाता है,
डिंपल अवी को बिल्कुल सीरीयस चेहरा करके देखती ही रह जाती है पर उसे समझ नही आता कि आख़िर अवी इतना एक ही दिन मे
बदल कैसे गया, और डिंपल अपने आप से बाते करती हुई, आख़िर कुछ तो चल रहा है अवी के दिमाग़ मे, कुछ तो ऐसा हुआ
है जिसके कारण अवी एक दम से इतना बदल गया, पर आख़िर क्या चल रहा है अवी के मन मे, खेर जो भी है मेरा भाई
सुधर तो गया, भगवान करे अब वह ऐसा ही रहे फिर से ना बदले
दिन के 9 बज रहे थे और डिंपल अपने काम मे लगी हुई थी तभी उसके दरवाजे की डोर बेल बजती है और वह जाकर कौन
है , अरे जानेमन मैं हू स्वीटी, डिंपल दरवाजा खोल कर
डिंपल- अरे इतनी सुबह-सुबह आज तू कैसे आ गई
स्वीटी- यार घर पर मन नही लग रहा था, भैया और भाभी सुबह 7 बजे शिर्डी के लिए निकल गये है और मैं अकेली
बोर हो रही थी सो सोचा तेरे पास ही चला जाए फिर इधर से ही कॉलेज भी चल देंगे
डिंपल- आ बैठ पर तू नही गई शिर्डी, तू भी साई के दर्शन कर आती
स्वीटी- अरे यार मुझे कबाब मे हड्डी बनने का कतई शौक नही है, और वैसे भी मईन तो सिर्फ़ एक ही देवता को मानती हू
उनका मंदिर होता तो ज़रूर चली जाती
डिंपल- क्यो तू कौन से देवता को मानती है
स्वीटी- मुस्कुराते हुए मेरे सबसे पसंदीदा भगवान कामदेव
डिंपल- उसकी बात सुन कर उसकी पीठ पर मारती हुई तू कभी नही सुधर सकती है, साली भगवान को भी नही छ्चोड़ती है
स्वीटी- सच मेरी जान मुझे तो सबसे ज़्यादा पसंद काम देव ही है सच मे कितने सेक्सी होंगे ना
डिंपल- मुस्कुराते हुए चल चुप कर और ये बता चाइ पिएगी या कुछ खाने के लिए बनाऊ
स्वीटी- अरे डार्लिंग खाने का बनाने की ज़रूरत नही है मैं तेरे लिए भी खाने का लेकर आई हू हम कॉलेज मे खा
लेंगे, बस थोड़ी-थोड़ी चाइ हो जाए तो मज़ा आ जाएगा, वैसे भी सुबह-सुबह आज कल ठंड लगने लगी है
डिंपल- अच्छा ठीक है तू बैठ मैं अभी चाइ बना कर लाती हू
स्वीटी- चल मैं भी तेरे साथ किचन मे चलती हू और फिर दोनो किचन मे आ जाती है
स्वीटी- एक बात बता डिंपल तू घर मे भी सलवार शूट मे पूरी धकि रहती है कुछ हल्के फुल्के कपड़े पहना कर
डिंपल- मुझे तेरे जैसी नंगी होकर घूमने का शौक नही है
स्वीटी- अरे यार कम से कम टीशर्त स्कर्ट या पाजामा पहन लिया कर वह सब आराम दायक होते है और तुझे भी रिलॅक्स
लगेगा
डिंपल- ठीक है इस सनडे हम शॉपिंग करने जाएगे तब तू ही अपनी पसंद के दिला देना
स्वीटी- ये हुई ना कुछ बात, अड्वान्स जमाना है जानम अड्वान्स बन कर रहा करो
स्वीटी- अरे तुझे एक बात पता है
डिंपल- क्या
स्वीटी- हमारे कॉलेज का एक लड़का कुछ दिनो से तेरे पीछे-पीछे घूम रहा था और तुझे फसाने के चक्कर मे था
लेकिन तेरे भाई को उसके बारे मे किसी ने कॉलेज मे बता दिया कि वह तेरी दीदी के बारे मे किसी से गंदी बाते कर रहा था
तब तेरे चिकने भाई ने उसकी जम कर धुनाई कर दी
डिंपल- लेकिन तुझे किसने बताया
स्वीटी- अरे अपने कॉलेज की आरती है ना उसी को कही से पता चला था और उसने मुझे फोन करके बताया था, भाई कमाल
है तेरा भाई तो कॉलेज मे ना होकर भी तुझ पर पूरी नज़र रखता है कि कौन तेरे आजू बाजू फटक रहा है और कौन
नही, मानना पड़ेगा तेरे चिकने को बहुत ख्याल है उसे अपनी प्यारी दीदी का
डिंपल- मुझे पता था कि उसने किसी को मारा है पर यह नही पता था कि उसका कारण मैं थी
स्वीटी- भाई इससे तो यह ही पता चलता है कि तेरा भाई नही चाहता कि कोई लड़का तुझे छुए भी, कही वह ही तो तुझे
छूना नही चाहता है
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