RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
इधर..
विजय- भाई मैं वो कुर्ता ले आया हूँ रश्मि के लिए..
रश्मि- कैसा कुर्ता.. मैं कुछ समझी नहीं क्या करना है उसका?
जय- अरे मैंने तुम्हें बताया था ना.. रंगीला ने हमको आइडिया दिया.. अगर एक-दो राउंड में हार भी जाऊँ.. तो तुम्हारा जिस्म कोई देख ना पाए।
रश्मि- वो कैसे भाई.. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा..
जय- देख मान ले एक बार मैं हार गया.. तो तू अपनी जींस निकाल देना.. ये कुर्ता इतना लंबा है.. कि तेरे घुटने तक रहेगा.. तो जींस निकल जाने के बाद भी तू सेफ रहेगी।
रश्मि- हाँ समझ गई.. अब दूसरी बार मैं आप मुझे पैन्टी निकालने को कहोगे यही ना?
रश्मि ने यह बात जल्दी से बोली.. मगर जैसे ही उसका ध्यान विजय की तरफ़ गया उसको बहुत शर्म आई और उसने अपने चेहरे पर हाथ लगा लिया।
जय- हाँ सही कहा तूने और ये शर्माना छोड़.. विजय सब जानता है कि वहाँ क्या होने वाला है।
विजय- भाई, एक बात कहूँ.. एक बार और सोच लो.. वहाँ जाकर कहीं आपको पछताना ना पड़े.. रश्मि कोई ऐरी-गैरी लड़की नहीं है.. बहन है आपकी..
जय- अरे कुछ नहीं होगा और ऐसा क्यों बोल रहा है.. ये क्या सिर्फ़ मेरी बहन है.. तेरी कुछ नहीं क्या?
विजय- सारे फैसले आपके.. बहन आपकी.. मुझे बीच में मत लाओ.. आप अगर मेरी बहन होती तो मैं ऐसी शर्त कभी ना लगाता।
जय- अच्छा अच्छा.. ज़्यादा जज्बाती ना हो.. निकलने की तैयारी कर और हाँ तू अलग गाड़ी में आना.. आते समय रानी को भी साथ ले आना.. वहाँ पर थोड़ा मनोरंजन उसके साथ भी कर लेंगे।
रश्मि- ये रानी कौन है भाई?
जय- अरे गाँव की एक लड़की है.. घर के काम करती है।
रश्मि- भाई आप कितनी लड़कियों को जानते हो.. पहले तो आप ऐसे ना थे।
विजय- पहले तुम भी कहाँ इतनी ओपन थीं इसके साथ.. अब जब ओपन हुई हो तो आगे-आगे देखो क्या-क्या होता है तुम्हारे साथ?
विजय की बात सुनकर रश्मि और जय दोनों अचम्भित हो गए। उनको लगा जैसे उसके सामने उनका राज फास हो गया हो.. मगर दोनों ने कुछ नहीं कहा और वहाँ से निकलने की तैयारी में लग गए।
उधर रंगीला सीधा जेम्स के पास गया.. उसको साथ लेकर साजन के पास पहुँचा.. जहाँ वो तीनों के साथ कोमल भी मौजूद थी। साजन ने उसको सारा गेम समझा दिया कि कैसे सब करना है और रंगीला के बारे में भी सब कुछ बता दिया।
कोमल ने लाइट पिंक स्लीब लैस टॉप और ब्लैक शॉर्ट स्कर्ट पहना हुआ था.. जिसमें उसका यौवन और भी अच्छा लग रहा था।
रंगीला- वाह यार.. साजन तेरी बहन तो बड़ी सेक्सी बन कर आई है.. साला जय तो इसको देख कर ही घायल हो जाएगा।
साजन- क्या बॉस.. कुछ भी मत बोलो.. ये साली रंडी मेरी बहन कैसे हुई?
कोमल- अबे ओ भड़वे.. रंडी होगी तेरी माँ.. साले बहनचोद.. मैंने पहले भी कहा था.. मुझे गाली मत देना.. नहीं तो अच्छा नहीं होगा।
रंगीला- अरे लड़ो मत तुम दोनों.. मेरे कहने का मतलब है नाटक में तो ये तुम्हारी बहन का किरदार निभा रही है ना।
साजन- हाँ सही कहा बॉस.. ओके मेरी प्यारी बहनियां मुझसे ग़लती हो गई.. माफ़ कर दो मुझे..
कोमल- अच्छा ठीक है.. ठीक है.. ये नया मुर्गा कौन है.. पहले तो नहीं देखा मैंने कभी.. ये कुछ बोल क्यों नहीं रहा.. गूंगा है क्या?
जेम्स- मेरा नाम जेम्स है और मैं तुम्हें देख कर तुम्हारे हुस्न में खो गया था.. इसलिए चुप था।
कोमल- तेरे जैसे मुझे देख कर ऐसे ही सपनों की दुनिया में खो जाते हैं मगर ये कोमल ऐसे ही किसी के हाथ नहीं आती.. समझे..
रंगीला- कोमल इससे पंगा मत ले.. नहीं तो फार्म पर तू लंगड़ाती हुई जाएगी.. ये तेरी चाल बदल देगा।
कोमल बड़ी अदा के साथ जेम्स के पास जाकर खड़ी हो गई और उसकी पैन्ट के उभार को देखते हुए बोली- अच्छा.. ऐसा क्या खास है इसके पास.. जो मेरी चाल ही बदल देगा।
जेम्स- अब यहाँ सब के सामने दिखाऊँ या अकेले में देखना पसन्द करोगी मेरी जान?
साजन- अरे यार ऐसे माहौल को गर्म ना करो.. एक तो साली तू इतनी सेक्सी लग रही है.. साला लौड़ा पहले ही तुझे सलामी दे रहा है.. अब तेरी ये बातें माहौल को और गर्म कर रही हैं।
कोमल- इतनी आग लगी है लौड़े में.. तो आजा मेरे राजा.. अभी तुझे ठंडा कर देती हूँ.. मगर रोकड़ा जेब में है ना?
रंगीला- अरे बस-बस.. तू यहा धन्धा लेकर मत बैठ.. अब वहाँ जाना भी है.. पहले वो काम हो जाए उसके बाद जिससे चाहे चुदवा लेना।
कोमल- अच्छा अच्छा.. चलो मगर मुझे इसका हथियार देखना है.. इसने ऐसा क्यों कहा कि मेरी चाल बदल देगा ये..
रंगीला- अरे इस सोए हुए नाग को मत छेड़.. एक बार इसने फन उठा लिया ना तो काटे बिना नहीं मानेगा।
जेम्स- अरे यार रंगीला डरो मत.. कुछ नहीं करूँगा.. बस 5 मिनट इसको दिखा दूँ.. नहीं ये सारे रास्ते परेशान रहेगी कि मेरा कैसा है।
रंगीला- जाओ वो सामने कमरे में जाओ यहाँ रहोगे तो हमारी भी नियत बिगड़ जाएगी।
जेम्स ने कोमल का हाथ पकड़ा और उसको कमरे के अन्दर ले गया और अन्दर जाते ही उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
कोमल भी जेम्स का साथ देने लगी.. कुछ देर ये किस चलता रहा उस दौरान जेम्स ने कोमल के मम्मों का और गाण्ड का अच्छे से जायजा ले लिया।
कोमल- अब बस भी करो.. जिस काम के लिए आए हो वो करो.. दिखाओ तो ज़रा अपना साँप.. मैं भी तो देखूँ कितना ज़हरीला है वो?
जेम्स- अब मैं क्या दिखाऊँ.. तू खुद अपने हाथों से उसको आज़ाद कर ले।
कोमल नीचे बैठ गई और जेम्स की पैन्ट को खोल दिया और एक ही झटके में अंडरवियर समेत पैन्ट नीचे को खींच दी।
जेम्स का लंबा लौड़ा एकदम से तना हुआ उसकी आँखों के सामने आ गया।
कोमल- हाए राम.. ये क्या है.. इतना लंबा और मोटा..! ये तो किसी घोड़ी को भी चिल्लाने पर मजबूर कर दे।
जेम्स- अरे डरती क्यों है.. मैं तुझे घोड़ी बना कर ही चोदूँगा।
कोमल- ना बाबा ना.. मैं नहीं लेती इसको.. मेरी चूत तो फट ही जाएगी।
जेम्स- अरे कुछ नहीं होगा.. तू तो खेली खाई है.. मैंने तो कुँवारी लड़की की सील तोड़ी इससे..
कोमल- बाप रे… वो तो मर गई होगी।
जेम्स- अरे पागल.. लौड़े से कोई मरता है क्या.. अब बातें बन्द कर.. तूने साँप को बाहर तो निकाल दिया है.. अब जल्दी से चूस कर इसका जहर भी निकाल दे।
कोमल- हाँ ये तो मैं करूँगी.. इतने प्यारे लौड़े को में चूसे बिना कैसे रह सकती हूँ।
इतना कहकर कोमल ने अपनी जीभ सुपारे पर घुमानी शुरू कर दी.. वो बड़े प्यार से लौड़े को चूसने लगी।
जेम्स- अहहा.. चूस.. मेरी जान.. तेरे होंठ ऐसे हैं तो चूत कैसी होगी..
कोमल- इतना बड़ा लौड़ा मेरे मुँह में ठीक से नहीं जा पा रहा.. तो मेरी छोटी सी चूत में कैसे जा पाएगा।
जेम्स- बुरा मत मानना.. मगर तेरा तो पेशा यही है ना.. जाने कितने लौड़े खा चुकी अब तक तू..
कोमल- हैलो.. मैं कोई रंडी नहीं हूँ.. कॉलेज स्टूडेंट हूँ.. वो तो मेरी कुछ जरूरतें है.. जिन्हें पूरा करने के लिए चुदवाती हूँ.. और रही बात बहुत लौड़े खाने की.. तो तुमको बता दूँ आज तक 7″ से बड़ा कभी नहीं लिया मैंने.. और इतनी भी नहीं चुदी जितना तुम सोच रहे हो।
जेम्स- अरे 7 इन्च का ले लिया तो इसमें क्या डर.. चल मान जा तुझे मज़ा ना आए तो कहना..
कोमल- वैसे एक बात कहूँ.. इसको देख कर मन तो मेरा बहुत मचल रहा है.. लेकिन बाहर जो बारात खड़ी है उनका क्या?
जेम्स- तू उनकी फिकर मत कर.. बस हाँ बोल.. बाकी मैं देख लूँगा।
कोमल- नहीं अभी नहीं.. वहाँ फार्म पर कर लेना.. ओके अब चलो यहाँ से!
जेम्स- अरे इसे जगाया है.. अब चूस कर ठंडा तो करो।
कोमल- अब इसको खड़ा ही रखो.. वहाँ वो लड़की की चुदाई करनी है।
जेम्स- अरे उसकी याद मत दिला.. साली उसको तो ऐसे चोदूँगा कि क्या याद करेगी वो..।
बाहर से आवाज आई..
रंगीला- अरे बस बहुत दिखा दिया.. अब आ भी जाओ बाहर.. देर हो रही है।
जेम्स ने कोमल से कहा- बस 2 मिनट रूको.. मैं अभी आता हूँ.. रंगीला को समझा कर.. आता हूँ.. आज तो यहाँ से तेरी ठुकाई करके ही जाऊँगा।
जेम्स बाहर आ गया और रंगीला से कहा- कैसे भी करके मुझको कोमल के साथ थोड़ी देर रहने दो.. मेरा मन आ गया है उस पर।
रंगीला- एक बात कहूँ.. साली राण्ड है तो मस्त.. मन तो मेरा भी आ गया है इस पर.. अब ये तीन लंगूर भी यहीं हैं इनका कुछ इंतजाम करके दोनों साथ में साली की ठुकाई करेंगे।
जेम्स- वाह.. दोस्त.. ये हुई ना बात.. चल तू उनको रास्ते लगा.. तब तक मैं उसको चोदने के लिए रेडी करता हूँ।
रंगीला- ठीक है मैं उनको भेज कर आता हूँ.. तब तक तू साली को नंगी कर.. आज शुरुआत इसी से करते है और एंड रश्मि पर करेंगे ओके..
रंगीला हँसता हुआ वहाँ से चला गया और जेम्स वापस अन्दर कोमल के पास चला गया।
साजन- बॉस क्या हो रहा है.. अब हमें निकलना है या नहीं।
रंगीला- आनंद और सुंदर तुम दोनों सीधे फार्म जाओ.. साजन और कोमल एक साथ आएँगे.. समझ गए ना?
साजन- यह नया फंडा क्या है बॉस?
रंगीला- मैंने जितना कहा उतना सुनो.. अब तुम दोनों निकलो.. बाकी हम बाद में आते हैं तब देखते हैं।
उन दोनों के जाने के बाद रंगीला ने साजन को कहा- तुम जाकर शराब का बंदोबस्त करो.. एक घंटे बाद यहीं वापस आ जाना।
साजन- बॉस क्या लफड़ा है.. एक घंटा आप यहाँ क्या करोगे?
रंगीला- जेम्स को तेरी बहन ने छेड़ दिया है.. अब वो उसकी ठुकाई करे बिना जाने वाला नहीं.. तो अब तू यहाँ से जा.. और आराम से वापस आना।
साजन- बॉस ये क्या अपने बहन-बहन लगा रखा है.. उस साली रंडी को मेरी बहन ना बोलो आप..
रंगीला- अच्छा नहीं बोलता.. अब निकल भी यहाँ से।
साजन- बॉस वो साली आज बहुत मस्त लग रही है.. एक चान्स मेरे को भी दे दो ना..
रंगीला- अबे तेरे को रश्मि नहीं चाहिए क्या.. अब ज़्यादा बहस ना कर.. चल निकल यहाँ से..
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