RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
उस रोज मुझे ऐसा लगा कि पॉर्न फिल्मों और असली लाइफ सेक्स में बहुत डिफ़रेंस होता है। पॉर्न में तो सब कुछ इतना खुला-खुला दिखाते हैं और यहाँ दो हंसों का जोड़ा लिहाफ़ के अंदर ही एक दूसरे के साथ चिपका हुआ है। जिस लाइव सेक्स शो की मैं कल्पना करके बैठी थी वो तो मुझे खाक में मिलता नज़र आ रहा था और सोच रही थी कि अरे बाबा जब मैं सो रही हूँ तो फिर आप लोगों को मुझसे इतना शरमाने की क्या ज़रूरत है? और दूसरे, वोही मेरी फूटी किश्मत कि मुझे फुसफुसाकर कही हुई बातें समझ में नहीं आती थीं। मैं जानती थी कि एक कामयाब बीवी और बहू के लिये कानों का तेज होना बहुत ज़रूरी है, वरना लोग चुगलियाँ खाते रहेंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा।
मैं खयाली दुनियाँ से तब निकली जब बाजी जल्दी से बेड से उतरीं और अलमारी से कुछ निकालकर फौरन फिर से लिहाफ़ में घुस गईं। अलमारी में ऐसा क्या है, जो बाजी बार-बार जा रही हैं? ये सवाल मेरे जेहन में उठ रहा था, लेकिन अचानक ध्यान बाजी की तरफ गया क्योंकी वो लिहाफ़ के अंदर अली भाई का लंड चूस रही थीं। डोगी पोज़ीशन में उनका आधा जिश्म लिहाफ़ से बाहर निकला हुआ था और गान्ड की पोज़ीशन मेरी तरफ थी। बाजी लंड चूसे जा रही थीं, जबकि अली भाई का हाथ बाजी की गान्ड की तरफ आ चुका था और वो पीछे से उनकी चूतड़ों की दराजर और चूत में उंगलियाँ फेर रहे थे।
बाजी जिस अंदाज में लंड चूसते-चूसते कुछ देर बाद गान्ड को झटका दे रही थीं तो मैं समझ पा रही थी कि उंगली उनकी गान्ड के अंदर जा रही है, क्योंकी जब मेरी दोस्त मेरी गान्ड में इस तरह उंगली देती थीं तो मुझे भी झटके लगते थे। जैसे-जैसे अली भाई अपनी उंगलियाँ बाजी के छेदों में अंदर करते जा रहे थे बाजी की लंड चूसने की स्पीड भी बढ़ती जा रही थी।
मैंने अंदाज़ा लगा लिया था कि लिहाफ़ के दूसरे साइड से यकीनन बाजी ने चेहरा बाहर निकाला होगा, क्योंकी इस तरह तो दम घुट जाता है। कुछ मिनटों बाद अली भाई झटके से उठे और फौरन लंड बाजी के मुँह से निकाल लिया। इसके साथ ही बाजी एक सेकेंड जाया किये बगैर टांगें खोलकर बेड पे लेट गईं और अली भाई उनके ऊपर चढ़ गये। उन्होंने लंड बाजी की चूत में डाला और जोर-जोर से उन्हें चोदने लगे।
पहली दफा मैंने बाजी के मुँह से निकले हुए शब्द साफ-साफ सुने जब उन्होंने कहा-“जोर-जोर से करो, पूरा अंदर करो। जल रहा है जिश्म मेरा…”
अली भाई ने बाजी की एक टाँग अपने बाजू से उठाई और कवी पोज़ीशन में ऊपर रहकर बाजी की चुचियाँ चूसने लगे। बाजी की आवाज़ तेज होती जा रही थी और मुझे अब लंड चूत में अंदर बाहर होने की आवाज़ें भी सुनाई दे रही थीं। अली भाई अपना एक हाथ बाजी की कमर के नीचे ले गये और बाजी ने अपने दोनों चुचियों को हाथों में पकड़कर उन्हें अली भाई के मुँह में देना शुरू कर दिया। बाजी की एक टाँग हवा में लहरा रही थी और उनका जिश्म चुदाई के दौरान बहुत तेज़ी से झटके खा रहा था।
अली भाई की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी, लेकिन बाजी अब पॉर्न फिल्मों की तरह आवाज़ें निकाल रही थीं। लिहाफ़ बेड से नीचे गिर चुका था और वो दोनों रूम में मेरी मौजूदगी से बेनिया ज हो चुके थे। मुझे अली भाई का लंड देखने का शौक हो रहा था, लेकिन वो ऐसी पोज़ीशन में थे के मुझे दिख ही नहीं पा रहा था।
पॉर्न में तो बहुत सारे लंड मैंने देखे थे और बाद में जब भी मैं सेक्सुअल हीट महसूस करती थी तो उन लंडों को कल्पना में ही चूस-चूसकर खुश होती रहती थी, लेकिन आज लाइव शो में लंड दिख ही नहीं रहा था। दूसरी तरफ बाजी ने भी अब अपनी टांगें अली भाई की कमर के गिर्द लपेट ली थीं और अली भाई के झटकों के साथ वो भी नीचे से अपनी चूत को ऊपर करके झटके मार रही थीं। मैं सामने के मंज़र में इस कदर खो चुकी थी कि मुझे एहसास ही नहीं हो सका की किस लम्हे मेरी उंगली मेरी चूत में गई और कब मेरी जांघें चूत के पानी से गीली हो गईं।
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