RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
साना अपने बेटे का यह असीम , निश्चल और बे-इंतहा प्यार देख निहाल हो उठ ती है ..
सॅम का सर उठाती है , उसके चेहरे को चूमती हुई कहती है " मैं जानती थी बेटा तू कितना खुश होगा इस बात से ..चल उठ ...इस बात पर अब ज़रा सीरियस्ली बात करते हैं..."
सम , मोम के बगल बैठता है ... और कुछ सोचता हुआ कहता है .." ह्म्म्म्म.. सीरीयस बात ..? अब इस में सीरीयस सी बात क्या है मोम ...बस चलिए कल कोर्ट में शादी कर लेते हैं ..अरे जब मियाँ बीबी राज़ी तो क्या करेगा काज़ी..??"
" अरे भोले राजा ...." साना उसके गाल में हल्की सी चपत लगाती हुई कहती है .."मुझे काज़ी का डर नही बेटा ,.दुनियावालों का डर है..हम मा-बेटा हैं ना..लोग क्या कहेंगे...क्या इस रिश्ते को समाज मानेगा ..? चलो समाज को मारो गोली..हमारे बच्चो का क्या होगा..उन्हें कितनी बदनामी झेलनी पड़ेगी ...? "
" तो आप ही बताइए ना मोम क्या करें..? "
" एक रास्ता है..हमें किसी ऐसी जगेह जाना होगा जहाँ हमें कोई नही जानता ..वहाँ हम कोर्ट-मॅरेज कर लेंगे .."
"पर मा ऐसी जागेह इंडिया में तो शायद ही मिले जहाँ हमें कोई नही जानता ... "
तभी म्र्स डी'सूज़ा हाथ में चाइ की ट्रे लिए आती है..आते वक़्त उसके कानों में भी उनकी बातें आती है...
म्र्स. डी' सूज़ा ट्रे टेबल पर रखती है और कहती है..
" सॅम बेटा ऐसी जागेह इंडिया में ही है ..और उस जगेह को मैं अच्छी तारेह जानती हूँ, वहाँ तुम्हें कोई नही जानता और वहाँ के लोग भी दूसरों के मामले में ज़्यादा टाँग भी नही अड़ाते.." सौज़ी मोम ने सॅम की ओर देखते हुए कहा...
" अरे सौज़ी मोम ,..फिर देर किस बात की बताइए ना ऐसी कौन सी जगेह है.कहाँ है ...जल्दी बताइए ना...." सॅम बेचैन सा होता हुआ पूछता है..
" बेटा , गोआ के जिस गाओं में मैं पली बढ़ी ना..वो गोआ से दूर समुद्रा के किनारे बसा है ....दुनिया से बिल्कुल अलग थलग ...शहेर से कोसों दूर ..वहाँ तुम्हें कोई नही पहचानेगा .कोई कुछ नही पूछेगा ..वहाँ अभी भी पुर्तगाली तौर तरीक़े ही चलते हैं .. बहोत खूबसूरत जागेह है ...और अभी भी वहाँ एक पुर्तगाली ज़मींदार का आलीशान बांग्ला खाली पड़ा है ..कोई खरीद दार वहाँ मिलता नही ..अभी कुछ दिन पहले ही मेरे एक जान ने वाले ने मुझसे उसे बेचने की बात कही थी .. .क्यूँ ना हम उसे खरीद लें और वहीं बस जायें और फिर तुम दोनों शादी कर वहाँ चैन से बाकी की जिंदगी गुजारो ..? " सूज़ी मोम , सॅम को समझाती हुई कहती है.
साना ने सारी बात ध्यान से सूनी और समझी और फिर कहा " हां बात तो ठीक है आंटी ,,मैं भी जानती हूँ अभी भी गोआ में ऐसी जगहें हैं ....पर हमारे बिज़्नेस का क्या होगा ,,? "
" ओह मोम ...डॉन'ट यू वरी अबाउट दट.. यहाँ बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स सारा काम संभालेंगे और मैं ऐज दा चेर्मन ऑफ दा बोर्ड महीने में एक बार आता रहूँगा और उन पर निगरानी रखूँगा और फिर तुम भी तो ऐज आ मेंटर ऑफ दा बोर्ड अपनी सलाह देती रहोगी ,,क्यूँ है ना ठीक ..तुम यहीं रहना हमेशा ,,हमारे बच्चों की देखभाल का काम तुम्हारे ज़िम्मे.. हा हा हा हा हा !!!!" सॅम ठहाके लगाता हुआ कहता है ...
सॅम की बात सून कर साना कुछ बोलती उसके पहले ही म्र्स डी'सूज़ा बोल उठ ती है ..
" खबरदार जो कोई मेरे होनेवाले ग्रॅंडचिल्ड्रन को हाथ भी लगाया..अरे मैने साना को, सॅम को , तुम दोनों को अपनी गोद में पाला पोसा और अब जब तुम दोनों के बच्चे होंगे तो कोई और उसे पालेगा ..चाहे वो साना ही क्यूँ ना हो..मैं बर्दाश्त नही कर सकती ...समझे तुम दोनों ....मैं उन्हें पालूंगी ..बड़ा आया अपनी मोम को पालने पोसने को बोलने वाला ... ! " म्र्स. डी'सूज़ा ने सॉफ सॉफ लफ़्ज़ों में अपनी मंशा जाहिर कर दी.
सॅम आगे बढ़ कर अपनी सौज़ी मोम को गले लगा लेता है उसके गाल चूमता है और कहता है
" उफ़फ्फ़..सौज़ी मोम ..सॉरी सॉरी ,ग़लती हो गयी बाबा ..चंदे की ज़ुबान है ना बस फिसल गयी ....फर्गिव मी सौज़ी मोम , भला आप के होते हमें किसी और की ज़रूरत ही क्या ..है ना मोम..?" सॅम अपनी मोम की ओर आँखें मारता हुआ कहता है ..
साना खीलखिलाती हुई कहती है " ऑफ कोर्स सॅम ....यू आर आब्सोल्यूट्ली राइट ..."
म्र्स. डी'सूज़ा भी हंस पड़ती है और कहती है." तो ठीक है ..चलो अब तुम दोनों जूट जाओ और मुझे जल्दी से जल्दी ग्रांडमोम बनाने की तैयारी करो ..नो डिले ...समझे..??"
और फिर प्लान के मुतबीक सब कुछ होता जाता है ...
साना और सम म्र्स. डी'सूज़ा के गाओं के उस आलीशान बंगले में शिफ्ट हो जाते हैं ... बांग्ला बड़ा ही खूबसूरत था ..एक छोटी सी पहाड़ी के उपर बना ..समुद्रा के किनारे....बड़ी ही मनोरम छटा थी वहाँ की.
साना और सॅम शादी कर लेते हैं ...और हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे के हो जाते हैं ..
एक दूसरे में खो जाते हैं ... जहाँ सिर्फ़ उन दोनों के अलावा था तो सिर्फ़ सामने विस्तृत सागर और सागर की लहरें , उन ल़हेरो की पहाड़ी के तले से टकराने की आवाज़ और फिर उनके प्यार की निशानी ...जी हां एक खूबसूरत बेटी .... जिसका नाम था संवेदना .....
म्र्स. डी'सूज़ा प्यार से उसे साना बूलाती....
तो मित्रो ये कहानी भी यही ख़तम होती है वैसे मैं एक और नई कहानी शुरू कर चुका हूँ आशा करता हूँ ये कहानी आपको पसंद आई होगी
दा एंड
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