RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
उधर
अंडर वर्ल्ड...मे दहशत बनी हुई थी..एक साथ अपने इतने आदमी मारे जाने से वो एक मीटिंग बुलाते है
इनकी मीटिंग एक बड़े से गोदाम मे होती है..यहाँ वीर ऑर बिस्वा भी पहुँच जाते है..
वीर गोदाम के अंदर एंटर करता है साथ मे बिस्वा भी...
तभी गोदाम मे खड़े गुंडे इनकी तरफ देखते है
....
उनमे से एक पूछता.है.
गुंडा - कौन हो बे तुम..
तभी उनमे से..
गुंडा1 - भाई ये तो वोही है.जिसे हमे मारना है ...वीर.
गुंडा बॉस - ओह्ह्ह ये खुद ही मौत के मूह मे आ गया...
वीर - तुझे ऐसा लगता है..
देखलिया जाए फिर..
तभी बस अपने आदमियो को इशारा करता है..ऑर वो सभी खड़े हो वीर ऑर बिस्वा पर गोलियों की बौछार कर देते है..
पर वीर को गोलियो से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था...
ये देख सभी गुंडे शॉक हो जाते है..
तभी वीर अपने हाथ से आग निकालता है ..
ऑर सिरफ़ इतना बोलता है..
वीर - खेल ख़तम.. स्वाअ हाअ एयेए.
वीर ने इतना ही बोला और तेज़ी से अपने हाथ से आग के गोले गुन्डो पर फेकने लगता है .
देखते ही देखते सब के सब जलने लगते है..
गुन्डो की सिरफ़ चीखे ही सुनाई दे रही थी....
कुछ टाइम बाद ही सब राख हो जाता है....
गोदाम आग मे जल रहा था..
वीर ऑर बिस्वा वहाँ से सीधा अजय के घर जाते है....
वीर घर के पास जाते ही दरवाजे पर लात मारता है..
ऑर दरवाजा टूट जाता है..
सामने से गार्ड आते है ऑर वीर उन्हे भी मार मार कर बेहोस कर देता है..
तभी वीर के सामने सेठ धनराज चन्द आता है..
हम इसे पी डॅड बुलाएगे..
पी डॅड - कौन हो तुम ऑर क्यू तोड़ फोड़ कर रहे हो..
वीर - जिसे मारने के लिए भाड़े के टट्टू भेजता है उसे ही भूल गया..
पी डॅड - ओह वीर ...
तेरी इतनी हिम्मत मेरे घर आ गया...
रुक एक मिनिट..
तभी पी डॅड किसी को फ़ोन मिलाता है..ऑर जो सुनता है उस से उसे साँप सूंघ जाता है.
वीर - क्यू क्या सुन लिया .......
अब कान खोल के सुन ले......
मेरे से पंगा मत ले .....
वरना तेरा बेटा जान से जाएगा......
अभी भी मौका देता हूँ..
या तो दोस्ती करले..
यह अपने बेटे की मौत..
फ़ैसला तेरे हाथ मे है .
वीर की बात सुन पी डॅड डर जाता है
पी डॅड - ठीक है बेटा मैं तुमसे दोस्ती के लिए तैयार हूँ मेरे बेटे को कुछ मत करना..
वीर - देखिए अंकल जी मैं एक अच्छे घर से हूँ.....
खुद का बहुत बड़ा बिजनेस है सिंग कंपनीज़ मेरी है.....
आपके बेटे ने फाइट शुरू की है मैने नही..
आपके बेटे को तो मैं फर्स्ट डे ही ख़तम कर सकता था...
पर मैने ऐसा नही किया..
कॉज़ ये उमर ही ऐसी है मस्ती करने की..
ऑर हाँ मैं आपकी बेटी से प्यार करता हूँ..
ऑर आपकी बेटी भी..
हम दोनो शादी करना चाहते है...
पी डॅड - आम सॉरी बेटा मैने बहुत ग़लत किया.....
मैं शादी के लिए तैयार हूँ....
वीर - तो ठीक है अब मैं चलता हूँ..
तभी वीर की नज़र अजय पर पड़ती है..
वीर - सॉरी भाई मैने तेरी टाँग तोड़ी उसके लिए..
ऑर रही बात तेरी टाँग की तो मेरे डॉक्टर आएगे तुम्हारा इलाज़ करने.
1 दिन मे तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे..चलता हूँ..
फिर वीर घर आ जाता है
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