RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"मैने उसे ये भी बता दिया कि एश को मेरे और उसके बारे मे पता है, वो थोड़ी नाराज़ हुई लेकिन जब उसने देखा कि एश जानती है कि वो मेरा पास्ट है और उसे इससे कोई प्राब्लम नही है तो वो रिलॅक्स हुई. आइ टोल्ड हर तट आइ'म सॉरी फॉर ऑल ऑफ दिस. अगर उसने मुझे सच मे माफ़ कर दिया हो तो प्लीज़ मेरी फॅमिली दोबारा पूरी कर दे. आइ वान्ट माइ सिस्टर बॅक. पहले तो उसने मना कर दिया बट मैने कहा अभी नही तो सोचे इस बारे मे. आइ टोल्ड हर दट शी वाज़ फर्स्ट लव ऑफ माइ लाइफ बट आइ लव माइ सिस्टर मोर."
"एवेंच्युयली 2 महीने बाद वो घर मे शिफ्ट हो गयी. उसकी और एश की खूब बनती है, आइ'म ग्लॅड फॉर दट. माना कि हम दोनो पहले जैसे बात नही करते हैं लेकिन काफ़ी बातें हो जाती हैं. वी आर अट पीस वित और पास्ट. वो अभी अपने ही कॉलेज के एक लड़के के साथ डेटिंग कर रही है. मैं मिला हूँ उससे, लगता तो ठीक है लेकिन आगे पता नही. सो बेसिकली, आइ'म हॅपी नाउ और उससे ज़्यादा खुश अब हूँ जब मेरा भाई वापस आ गया है." रोहित उसके कंधे को पकड़कर बोला.
अरुण को ये सुनकर काफ़ी तसल्ली हुई कि रोहित की लाइफ नॉर्मल हो गयी है. रोहित कुछ देर बाद बाइ बोलकर एश और निशा के साथ चला गया. उसके बाद सोनिया आई और बोली.."चले भाई..आप मेरे पीछे ही रहना." सोनिया अपनी कार के साथ आगे बढ़ गयी और अरुण उसके पीछे पीछे चलने लगा.
जाने किस वजह से अरुण नर्वस होने लगा. क्या वो सच मे इस लड़के से मिलना चाहता है?
"मैं क्या कहता हूँ, पहले अपने लोग अच्छे बच्चे बनेंगे फिर साले की जान ले लेते हैं अगर कुछ ग़लत हरकत करता है तो." आवाज़ ने कहा
"ओके," अरुण ने सोचा.
सोनिया कार को वहीं ले गयी जहाँ पहले अरुण बीच मे रहने आया था. कार को उसने सेम बिल्डिंग के सामने रोका जहाँ अरुण रहता था. अरुण कन्फ्यूज़ होते हुए कार से उतरा.
"मेरी ही बिल्डिंग मे रहता है?"
"यप,"
"दट'स कूल." अरुण होला.
सोनिया ने उसका हाथ पकड़ा. "कम ऑन," वो हंसते हुए चलने लगी.
वो लोग 5थ फ्लोर पर पहुचे और एक अपार्टमेंट के बाहर आकर खड़े हो गये. "सोनिया, ये मेरा पुराना अपार्टमेंट है."
सोनिया उसे क्यूर्षसिटी से देखने लगी. "नही भाई, आपका वो वाला था." उसने हॉल के दूसरी तरफ उंगली करते हुए कहा.
"नही, इट वाज़ 5ए."
"तो हो सकता है वो यहाँ आ गया हो जब आप चले गये. कम ऑन इन,"
अरुण ने सिर हिलाया और तभी उसे रियलाइज़ हुआ कि कितनी अजीब सिचुयेशन मे वो फस गया है. उसने सोच लिया कि वो अभी कोई बहाना बनाएगा और चला जाएगा, मिलना कभी और भी हो जाएगा. वैसे भी अब वो यही अपना बिज़्नेस स्टार्ट करेगा जैसा कि उसने और रोहित ने सोचा था.
"मैं चेंज करके आती हूँ. फ्रिड्ज मे कुछ ड्रिंक्स हैं. आप आराम से बैठो."
अरुण ने सिर हिला दिया. "आइ डेफनेट्ली नीड वन,"
"क्यू अच्छा नही लग रहा?" उसने उसके पुराने बेडरूम मे जाते हुए पूछा. उसका बेडरूम. उनका बेडरूम."
"थोड़ा," अरुण बोला. वो फ्रिड्ज से बियर निकालकर पीने लगा.
कमरे मे निगाहे दौड़ाते हुए उसे थोड़ा अजीब लगा.
"ड्यूड, ये किसी लड़के के अपार्टमेंट जैसा तो लग नही रहा. तुझे लगता है कि इतने महीनो मे इसने ही सारे डिसिशन ले लिए होंगे, रूम की सजावट के?" आवाज़ ने पूछा.
अरुण सोचने लगा. "लग तो यही रहा है."
उसने सामने कॉफी टेबल देखी. "वेट आ सेकेंड," उसने सोचा. "ये तो मेरी ही टेबल है. इसका कोना भी वैसा ही जैसा मैने जोड़ा था जब रोहित की वजह से ये टूट गया था."
"मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है, बाबा." आवाज़ ने कहा
अरुण भी उसकी बात से सहमत था.
सोनिया तभी बेडरूम से बाहर आई.
अरुण की साँसें वही थम गयी और आँखें चौड़ी हो गयी.
सोनिया अपने एक कूल्हे पर हाथ रख के खड़ी थी. उसके बाल एक रेड रिब्बन से बँधे हुए थे और उसने एक गुलाबी नेग्लिजी पहनी हुई थी.
"आपने मेरे बाय्फ्रेंड को हाई बोला?" वो धीरे धीरे उसके पास चलते हुए आई.
अरुण को कुछ समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है.
"वेट..क्या?" उसके मूह से मुश्किल से निकला.
"यू, ईडियट," वो उसके हाथ को पकड़ते हुए बोली. "कम ऑन," वो उसे बेडरूम की ओर ले जाते हुए बोली.
अरुण को तो होश ही नही था, वो बस साथ मे खिचा हुआ चला गया उसके साथ.
"सोनिया, हो क्या रहा है?" उसने कन्फ्यूज़ होकर पूछा. "मुझे लगा कि तुम किसी के साथ रिलेशन्षिप मे हो. घर पर सबको लगता है कि तुम किसी के साथ कमिटेड हो."
सोनिया ने मुस्कुरा कर कंधे उचका दिए. "आइ आम." वो आगे बढ़कर अपना चेहरा उसके सीने मे रगड़ने लगी. अरुण ने उसे रोक दिया.
"मैं आपके साथ रिलेशन्षिप मे हूँ," सोनिया बोली.
अरुण सिर हिलाने लगा. "दिस इज़्न'ट फन्नी,"
"भाई, मुझे कोई फ़र्क़ नही पड़ता आप क्या सोचते हो कि आपको क्या करना है. मेरी जिंदगी मे अगर कोई है तो सिर्फ़ आप हो. मैं कभी इस रिश्ते को छोड़ने नही वाली."
"सोनिया, स्टॉप दिस."
वो फिर भी मुस्कुराती रही. "कॅन'ट यू सी, भाई. मैं कभी आपको नही छोड़ सकती."
"सोनिया, ये पागलपन है. बहेन हो तुम मेरी."
"आइ डोंट केयर."
"नही, तुम ऐसा नही कर सकती. हम ऐसा नही कर सकते," अरुण जल्दी से बोला.
"आइ लव यू, भाई. मैने उस रात से आपको प्यार किया है जिस रात आपने मुझे पहली बार अपने पास सुलाया था. आप मेरे भाई हो, ये बात सच है, लेकिन मेरे लिए आप उससे कहीं बढ़कर हो, ये बात भी सच है. आप मुझे कंप्लीट करते हो."
"सोनिया..."
"भाई, एक बार मेरी आँखो मे देख के कह दो कि आप मुझे उतना प्यार नही करते जितना यहाँ से जाने से पहले करते थे. मैं खुशी ख़ुसी दूर हो जाउन्गी."
अरुण ने सिर झिटक दिया. "सोनिया, ऑफ कोर्स आइ स्टिल लव यू, लेकिन पॉइंट ये नही है."
"भाई आप कुछ ज़्यादा ही सोचते हो. यहाँ एक लड़की जो नंगी है और आपसे दो इंच की दूरी पर बैठी है, वो लड़की जिसे आपने अभी कहा कि आप प्यार करते हो और आप उसके साथ प्यार नही कर रहे हो."
"पॉइंट है." आवाज़ ने कहा
"नोट हेल्पिंग!"
"यही तो प्लान है." आवाज़ ने कहा
"सोनिया, कम ऑन." अरुण थोड़ा झुंझलाते हुए बोला.
"भाई, अगर आप आज रात ही कहीं चले जाओ और दोबारा 3 साल बाद आओगे तब भी मैं आपका यही इंतजार कर रही होउंगी. आप चाहो तो किसी और से शादी भी कर लेना.
मैं तब भी आपका इंतेज़ार करती रहूंगी. आप सन्यासी बन जाओ, इग्नोर करते रहो मुझे, मैं फिर भी आपका इंतेज़ार करती रहूंगी. आइ जस्ट नो वन थिंग, आइ लव यू," उसने उसका चेहरा पकड़ते हुए कहा.
"सोनिया, ये नही हो सकता" वो बोला.
"मेरी नज़र से हो सकता है," वो बोली.
"मैं तुम्हे वो जिंदगी नही दे पाउन्गा!" वो चिल्ला कर बोला.
"अगर आप इस जिंदगी मे नही तो मुझे नही चाहिए ये जिंदगी!" वो भी चिल्ला कर बोली.
"सोनिया समझने की कोशिश कर, आइ कॅन'ट गिव यू चिल्ड्रेन! सोसाइटी ये आक्सेप्ट नही करेगी."
"किसने कहा? ये छोटी प्रॉब्लम्स हैं भाई. हम लोग इनके सल्यूशन्स निकाल सकते हैं."
"सोनिया..."
"भाई, लिसन टू मी. यू लव मी. मैं जानती हूँ. अगर हम दोनो का प्यार सच्चा है तो ये दुनिया, ये समाज हमें एक होने से नही रोक सकता. अगर मैं आपसे दूर रही तो कभी खुश नही रह पाउन्गी. शादी? शादी बस शब्दो का खेल है. आप बस मेरे साथ रहें यही बहुत है मेरे लिए."
अरुण सिर हिलाने लगा. "आइ डॉन'ट वॉंट टू हर्ट यू!"
"मैं उससे नही डरती भाई. दर्द से ही तो पता चलता है कि हम जो कर रहे हैं वो सही है. यही तो बताता है कि हम उस इंसान से कितना प्यार करते हैं."
वो उसकी आँखो मे देखने लगी.
"अगर आप मुझसे प्यार नही करते तो आप जा सकते हैं, मैं कभी आपसे इस बारे मे बात नही करूँगी."
अरुण भी उसकी ओर देखने लगा. "मैं एक सेकेंड के लिए भी तुम्हे प्यार ने करने के बारे मे नही सोच सकता," उसने अपनी जेब से एक रिब्बन निकाल कर कहा. ये वही रिब्बन था जो सोनिया ने एक रात पहना था और अरुण को दे दिया था.
"भाई, देखो, ये सब चीज़े कह रही हैं कि हम दोनो का एक होना तय है."
अरुण सिर हिलाता रहा.
"भाई, मेरी तरफ देखो." उसने कहा. "आपने उस रात मुझे दो बार जिंदगी दी, एक बार रेप होने से बचाकर दोबारा मुझे अपने साथ मे सुला कर. फिर आपने आरू को बचाया. आपकी फ़ितरत मे है हम लोगो को प्रोटेक्ट करना. आपको क्यूँ लगता है कि आप हम लोगो को हमेशा बचाने की कोशिश करते रहते हो?"
अरुण एक पल के शांत रहा. "बिकॉज़ आइ लव यू ऑल."
"आप हम सबको प्रोटेक्ट करने मे इतने बिज़ी हो गये हो कि आप भूल गये हो, आपको भी प्रोटेक्षन की ज़रूरत है. अब मेरी बारी है आपको बचाने की."
अरुण ने उसे देखा और वो उसके गले लग गयी. इस बार अरुण ने उसे गले लगने से नही रोका.
"मैं आपके अपार्टमेंट का रेंट देती रही क्यूकी मुझे विस्वास था कि आप मेरे पास ज़रूर वापस आओगे," उसने और उसके कंधे पर सिर रख दिया.
"गॉड, आइ'हॅव मिस्ड यू," उसने उसके होंठो को चूमते हुए कहा.
"आइ लव यू," सोनिया सीधे उसकी आँखो मे झाँकते हुए बोली.
"आइ लव यू टू," वो उसे बिस्तर पर उसे लिटाते हुए बोला.
एक एक करके दोनो के कपड़े उतरते चले गये. अरुण बस उसके दूधो पर टूटा ही था कि डोरबेल बजी. तो वो झुंझला के उसे देखने लगा.
"मैं देखती हूँ," सोनिया खड़ी होकर अपना गाउन पहेन कर बाहर गयी. अरुण आराम से नंगा ही बेड पर लेट कर उसके आने का इंतजार करने लगा. कुछ देर बाद सोनिया अंदर आई तो उसके चेहरे पर एक स्माइल थी.
"भाई, कोई कुछ कहना चाहता है," सोनिया उसके पास आके लेटते हुए बोली.
एक नॉटी सी स्माइल वाला चेहरा दरवाजे से झाँकते हुए दिखा. आरोही एक नॉटी स्माइल के साथ दरवाजे से उसे देख रही थी.
"यॅ, आज तो इसे 3 साल की पूरी पनिशमेंट मिलनी चाहिए.."
"लगता है किसी को काफ़ी दिनो से सज़ा नही मिली है." अरुण हंसते हुए उसकी ओर देख कर बोला.
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दा एंड
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