bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:05 AM,
#38
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
जवाब मे स्नेहा ने अपने होठों को अपनी जीभ से लिक्क कर लिया जैसे ही अरुण ने उसे अपने आगोश मे लिया. स्नेहा के शरीर मे 'कुछ' सेन्सेशन सा दौड़ गया और उसका सिर अपने आप ही तिरछा हो गया जैसे ही अरुण के होठ उसके होठों से मिले. अरुण के हाथ स्नेहा की पीठ से होते हुए उसके बालों मे गये और उसने थोड़ा सा प्रेशर डाल के उसके मूह मे अपनी जीभ डाल दी. स्नेहा भी उतने ही जोश के साथ उसे किस करने लगी.

कुछ सेकेंड्स के बाद, दोनो ने धीरे धीरे होठ अलग किए. फिर स्नेहा उसकी ओर देखती हुई उस से अलग हुई.

"हाउ वाज़ इट?" स्नेहा ने साँस को रोकते हुए पूछा.

अरुण ने पहले तो एक गहरी सास ली फिर उसकी ओर मुस्कुरा आँख मार दी.."दी, यू आर आ वंडरफुल किस्सर. कहाँ से सीखा?" स्नेहा ने भी हँसते हुए कहा."तुम भी ठीक ही थे.." फिर दोनो हँसते लगे और दोबारा एक छोटा सा किस लिप्स पर किया. 

"थॅंक यू अगेन, माइ बेबी ब्रदर." स्नेहा उसके गले लगकर बोली.

"माइ प्लेषर, माइ स्वीट दी." फिर अरुण ने उसे उसकी कार मे बैठने मे हेल्प करी फिर वो चली गयी. अरुण उसे जाते हुए देखता रहा फिर अपनी घड़ी की तरफ देख कर जल्दी से कार तक पहुचा और अपनी कार मे बैठकर उसके पीछे पीछे चलने लगा.

"अगर एक बार मम्मे दबा दिए होते, तो क्या नुकसान हो जाता?" अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने कहा

घर पहुच कर अरुण स्नेहा के पीछे पीछे ही घर मे एंटर हुआ. लेकिन गेट पर रुककर वो स्नेहा को अपने रूम मे जाते हुए देखने लगा. अपने रूम पर पहूचकर स्नेहा ने एक बार उसकी तरफ देखकर स्माइल दी और फिर बाइ बोलकर अंदर चली गयी.

उसके बाद अंदर चला गया. सीढ़ियों पर पहुचा ही था कि सुप्रिया की आवाज़ आ गयी..

"तो मूवी कैसी थी?" सुप्रिया की आवाज़ अरुण के कानो मे पड़ी.

"डंब" अरुण उसकी तरफ मुड़कर बोला.

तब तक सुप्रिया उसके पास आ चुकी थी. उसके इतने नज़दीक आने पर अरुण ने नोटीस किया कि वो क्या पहने हुई थी. ना, पहनी हुई कहना सही नही रहेगा. उसने एक वाइट शर्ट पहनी थी जिसके आगे के सारे बटन्स खुले हुए थे, और पर्पल कलर की पैंटी के अलावा कुछ नही.

उसने एक बार जी भर के देखा फिर बड़ी मुश्किल से सिर पीछे मोड़ कर उपर जाने लगा. तभी उपर से सोनिया नीचे आती दिखाई दी. उसे देखकर तो उसके कदम वही रुक गये. सोनिया ने उसी की ब्लू शर्ट पहनी थी, उसने भी शर्ट को सामने से पूरा खोल रखा था और पिंक कलर की पैंटी पहन रखी थी.

"ओह शिट," अरुण ने अपने आप से कहा. वो पीछे हटा तो पीछे किसी से टकरा गया. उसने तुरंत ही पीछे मुड़कर उस इंसान को पकड़ने की कोशिश करी तो उसका मूह और ज़्यादा खुलता चला गया.

पीछे आरोही थी और वो भी बाकी दोनो की तरह कपड़े पहने हुई थी. खुली हुई शर्ट और ब्लू पैंटी. वो आगे बढ़ी और उसकी कमर मे अपने हाथ डाल कर अपने दूधों को उसके सीने से रगड़ने लगी. तब पीछे से बाकी दोनो भी आ गयी.

"अगर तूने अब नही चोदा तो समझ लेना..." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण को चेतावनी दी

"ओह, शट दा फक अप." अरुण ने सोचा.

"आ, म..मुझे जाके अपने...दद्दूध...ईमेल चेक करनी है." वो जल्दी से तीनो से दूर हटने की कोसिस करते हुए बोला.

तो आरोही खिलखिला कर हँसते हुए सामने सोफे पर जाके बैठ गयी और अपनी शर्ट को खोल दिया जिससे उसके छोटे लेकिन पर्फेक्ट दूध सामने आ गये और एक सेक्सी से पोज़ मे बैठ कर उसे देखने लगी. अरुण भी बीच रास्ते मे रुक गया. तो सोनिया और सुप्रिया भी आरोही की दोनो साइड बैठ कर उसे अपने दूधों के दर्शन करवाने लगे. और एक दूसरे के शरीरों को छूने लगे.

"भाई प्लीज़ कुछ तो कर ले, चलो आज रात बेट ऑन नही है. तू कुछ भी कर सकता है. अब तो कर ले.." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण को मनाते हुए कहा

"मैने कहा, चुप रहो.." अरुण ने अपनी आँखों को बंद करते हुए कहा.

"भाई, हम लोगो के साथ टीवी देखोगे?" सोनिया ने किसी बच्चे की तरह पूछा.

अरुण ने तुरंत ही आँखें खोली और सिर हिलाते हुए कहा.."उम्म मुझे स्षेव करना है.." उसने फिर बड़ी मुश्किल से खुद को पीछे की ओर मोड़ा और उपर जाने लगा. पीछे उसके कानो मे हसी की आवाज़ें आती रही.

अभी सिर्फ़ 11 बजे थे, लेकिन जितना कुछ आज हुआ था उस हिसाब से अब सो जाना सही थी. उसने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ़ बॉक्सर्स मे चादर के अंदर लेट गया.

वो सोचने लगा कि उसकी बहने आगे पता नही किस हद तक जाएँगी. सुबह पता नही क्या मायाजाल फेका जाएगा उसके उपर.

तभी उसके रूम का दरवाजा खुला.

"चूत...चूत....चूओत." दिमाग़ मे उस आवाज़ ने शोर मचाना शुरू कर दिया

बाहर लाइट ऑफ थी लेकिन अरुण समझ गया कि सोनिया है. वो धीरे से आई और उसके साथ चादर मे लेट गयी. जैसे ही अरुण को उसके गरम बदन का अहसास अपने पास हुआ उसकी बॉडी भी रिलॅक्स हो गयी. उसने अपने हाथ से उसके बाल हटा दिए और उसकी गर्दन पर गुड नाइट किस कर दिया.

दोनो को थोड़ी ही देर मे नींद आ गयी. आज की रात अरुण के सपने और ज़्यादा खराब थे. हालांकि उनमे आक्सिडेंट या कोई जोकर नही था, लेकिन उनसे भी ज़्यादा हिला देने वाले सपने थे.

उसने देखा कि सुप्रिया उसका लंड चूस रही है लेकिन झड़ने से जस्ट पहले वो उसके लंड को दाँतों से काट लेती है और काटती ही रहती है. आरोही अपने दूध उसके मुँह मे रखती है लेकिन वो जितनी भी कोशिश करे होठों को दूधों से नही जोड़ पा रहा. सोनिया उसके पास आके लेट जाती है और उससे चोदने के लिए कहती है लेकिन जब अरुण नीचे देखता है तो उसके पास लंड ही नही होता.

अरुण सोया तो ज़रूर लेकिन सुकून से नही.

सुबह अरुण की आँख खुली तो उसका हाथ सोनिया के पेट पर था. उसने आँखे खोल कर अपने पास सोई हो उस मासूम सी लड़की को देखा और उसका सिर चूम लिया. अरुण सोचने लगा कि आज का दिन भी आज सुबह की तरह ही अच्छा बीते तो कितना अच्छा हो.

"मैं अभी भी कह रहा हूँ कल तूने चीटिंग की थी. मैं आसानी से जीत सकता था." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण से शिकायत की

"ओह सर, आज आप बड़ी जल्दी उठ गये." अरुण ने चुटकी ली

"हहा, सो फन्नी. मैं अब तुझसे साँस लेने और खाने के लिए कहने वाला हूँ. तू वो सब करेगा और मैं शर्त जीत जाउन्गा." दिमाग़ की आवाज़ ने भी गुस्से से कहा

"फर्स्ट ऑफ ऑल हम दोनो जानते हैं शर्त मे मेरी बहनों के साथ सेक्स शामिल है. 
और मैं जानता हूँ तुम इतने गुस्से मे इसलिए हो क्यूकी कल मैने तुम्हे उल्लू बना दिया था. आंड सेकेंड दिस विल बी चीटिंग." अरुण ने अपने दिमाग़ मे उस आवाज़ को जबाब दिया

"लो अब चीटिंग के बारे मे मुझे कौन बता रहा है." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण को छेड़ा

"ओये मैने कोई चीटिंग नही की. तुम्हारी बस जल रही है क्यूकी मैं जीत रहा हूँ." अरुण ने गुस्से मे अपने दिमाग़ की आवाज़ को जबाब दिया

"कमऑन, तेरी बहनें पहले से ज़्यादा हर्नि हैं. और ये जो तेरे पड़ोस मे मासूम सी लड़की लेटी हुई है ना ये बस एक कदम दूर है, तुम्हारी जिंदगी हराम करने से. और मैं पक्का कह सकता हूँ कि अगर तुम अभी इस से सेक्स के लिए कहोगे तो मना कर देगी. पक्का बाकी दोनो ने इसे सेक्स करने से मना किया होगा." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण को उकसाते हुए कहा

"नही, नही मना करेगी." अरुण थोड़ा इरिटेट होकर बोला.

"शर्त लगा ले, अभी कुछ करके देख पक्का मना कर देगी." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने उसे उकसाते हुए कहा

अरुण तुरंत ही चादर को सोनिया की गर्दन के नीचे करने लगा लेकिन फिर तुरंत ही अपना हाथ रोक लिया. एक स्माइल भी आ गयी उसके चेहरे पर.

"नाइस ट्राइ.." अरुण समझ गया कि बस एक पल और फिर वो शर्त हार जाता.

"आह, कमीने. अभी जीत गया कोई बात नही. लेकिन जल्दी ही तुझे हारना ही है. चोद दे ना, हमें भी कोई तक़लीफ़ नही उठानी पड़ेगी और ना ही हमारी सेक्सी बहनों को." अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने कहा

"जब हारुन्गा तब देखा जाएगा." अरुण ने जबाब दिया
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