RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
स्नेहा ड्रिंक पी रही थी. ये बात सुनते ही वो खिलखिलाकर हँस पड़ी. आस पास के लोग उनकी तरफ देखने लगे तो उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया.
"आइ'म सॉरी" वो अभी भी हल्की सी हँस रही थी.." फिर?"
"वही दिन था जब मैं और सुप्रिया दी पहली बार इंटिमेट हुए थे." अरुण ने अपनी ड्रिंक लेते हुए कहा. "मेरा पॉइंट है कि सेक्स या इंटिमेसी कभी कभी बहुत ज़्यादा एंबॅरसिंग भी हो जाती है. ज़रूरी नही है हर टाइम पर्फेक्ट हो. उपर से ये तो मेरा गुड लक है कि मुझे ऐसी बहनें मिली जिन्होने शुरुआत मे होने वाली ग़लतियों को नज़रअंदाज़ कर दिया."
स्नेहा ने बात को समझते हुए हां मे सिर हिला दिया. तब तक उनका खाना भी आ गया तो दोनो उसी को एंजाय करने लगे. खाते खाते अरुण ने पूछा.
"तो दी, डोंट टेक इट रॉंग, लेकिन क्या आपको सेक्स से रिलेटेड कोई एक्सपीरियेन्स नही है?"
"नोप. मैं आज तक किसी के साथ इंटिमेट नही हुई. जितना कुछ हुआ है बस तुम्हारे और आरोही के साथ हुआ है. बाकी कुछ नही. इनफॅक्ट तुम्हारे साथ वाला किस वाज़ माइ फर्स्ट किस. आंड बिलीव मी इट वाज़ पर्फेक्ट." स्नेहा बिना एक पल गवाए जवाब दे दिया.
"ओह माइ गॉड, येस्स्स्स, येस्स्स्स, तेरी सभी बहनें वर्जिन हैं. एसस्स्स्स्सस्स, अगर तू अंदर होता तो मैं तुझे किस कर लेता. आइ लव यू मॅन.." दिमाग़ में उस आवाज़ ने अपनी खुशी प्रकट की
"यक...और कोई बात कह देता" अरुण ने अपने मन में कहा
अरुण उसे देख कर बस मुस्कुरा दिया और खाना ख़ाता रहा.
"वेल, आप मुझसे जो चाहो पूछ सकती हो.."
फिर स्नेहा ने उसकी बात को पकड़ते हुए पूछ ही लिया, "तो हमारी सारी बहनों मे से तुम्हारी फॅवुरेट कौन है?"
अरुण को ये क्वेस्चन सुनकर ठन्सका लग गया. उसने तुरंत ही सामने रखा पानी पी लिया.
"सॉरी," स्नेहा हँसते हुए माफी माँगने लगी.
अरुण हाथ हिला दिया.."कुछ नही दी, बस वो ऐसे ही.."
फिर उसने कुछ पल सोचा. क्या सही मे उसकी कोई फॅवुरेट है भी? आज से पहले तो उसने कभी इस बारे मे सोचा भी नही था.
"बेसिकली, मेरी कोई फॅवुरेट नही है." उसने सच बताते हुए कहा. फिर अपनी आवाज़ को कम करके और आगे झुक गया जिससे आस पास के लोग उनकी बातें ना सुन सकें.."सबकी अपनी अपनी खूबी हैं. जैसे सुप्रिया दी बेस्ट ब्लोवजोब देती हैं. आरोही ईज़ सो वाइल्ड आंड अग्रेसिव," और फिर बहुत ही धीमे से बोला.."और सोनिया, सोनिया के साथ सेक्स नही सिर्फ़ प्यार होता है. ऐसा लगता है जब हम दोनो साथ मे होते हैं तो दो नही एक ही हों."
स्नेहा उसकी आखो मे देखे देखे बात सुन रही थी.
"तो जब तुमने सुप्रिया दी के साथ सेक्स किया, तो क्या...वो...उनका फर्स्ट टाइम था?" स्नेहा भी उतने ही धीरे से पूछती है.
अरुण हां मे सिर हिला देता है.
"दी को क्या तक़लीफ़ हुई थी?" स्नेहा ने एक गंभीर स्वर मे पूछा.
अरुण ने उसकी तरफ देखते हुए अपना सिर हिला दिया. "नही दी, एग्ज़ॅक्ट्ली ऐसा नही है. मेरे हिसाब से ये डिपेंड करता है कि आप किसके साथ हो. मैं जानता था कि अगर मैने जल्दबाज़ी करी तो उन्हे तक़लीफ़ होगी, तो मैने ध्यान रखा, और सब कुछ आराम से किया. माना कि मैं उतना एक्सपीरियेन्स्ड नही हूँ इन मामलो मे लेकिन आइ रियली केयर अबाउट यू ऑल, तो दी को तक़लीफ़ कैसे दे सकता था जहाँ तक मेरा बस चलता."
"यार ये बक्चोदि बंद करो तुम दोनो, जल्दी यहाँ से निकलो और कहीं जाके चुदाई शुरू करो. ये तो मुझे भी पता है कि तुम दोनो यहाँ सब के सामने तो करने वाले हो नही." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने झुंझलाते हुए कहा
"आइ बिलीव, इट हॅड बीन वंडरफुल." स्नेहा ने अपने खाने का एक बाइट लेते हुए कहा.
"हां, मेरे हिसाब से तो ठीक ही था. दी और आरोही काफ़ी एंजाय....." अरुण बोलते बोलते रुक गया, उसके आवाज़ ही गले मे अटक गयी जब उसे रियलाइज़ हुआ कि उसने क्या बोल दिया है. उसने सामने देखा तो स्नेहा की आँखें अचंभे मे प्लेट जितनी बड़ी हो गयी थी.
"बहेन के लौडे....ऐसे ही बता दिया. अब पक्का ये हमारे हाथ से गयी.." अरुण के दिमाग़ में उस आवाज़ ने आवेश मे आते हुए कहा
"आरोही भी तुम्हारे साथ थी, जब तुमने दी के साथ सेक्स किया?" स्नेहा ने पूछा
अरुण अब मना तो कर सकता नही था.
तो उसने सच बताना ही ठीक समझा. "हां, दी, दोनो थी.."
"तो उन लोगो ने आपस मे...?" स्नेहा ने पानी पीते हुए कहना स्टार्ट किया.
अरुण ने कुछ कहा नही बस हां मे सिर हिला दिया.
"ओके, नाउ, अब ये एक वेरियबल है ईक्वेशन मे," स्नेहा किसी साइंटिस्ट की तरह बोलने लगी."वो लोग तुम्हारे साथ ही नही बल्कि एक दूसरे के साथ भी इंटिमेट हैं. वाउ!" फिर कुछ देर वो 'डेटा' को कलेक्ट करती रही फिर दोबारा बोली.."तो अकॉरडिंग टू दिस, इन्सेस्ट रिलेशन्षिप चाहे वो किसी के साथ भी हो इस ऑल्सो इंपॉर्टेंट. दट'स इंट्रेस्टिंग."
अरुण को ज़्यादा कुछ समझ मे नही आया लेकिन फिर भी उसने कंधे उचका कर उसकी बात का समर्थन किया. फिर खाते खाते चारो तरफ देखने लगा कि कहीं कोई आस पास सुन तो नही रहा.
"तो एक और क्वेस्चन, उन्हे तुम्हारे साथ ज़्यादा मज़ा आया या एक दूसरे के साथ?" स्नेहा ने फिर पूछा
"शिट, आख़िर यही क्वेस्चन पूछना था? बता दे तेरे साथ." दिमाग़ मे आवाज़ गूँजी
दोबारा, अरुण के पास कोई जवाब नही था. उसने खुद इस बारे मे कुछ नही सोचा था. और सच तो ये था, कि उसे खुद नही पता था. वो अपने ख़यालो मे खोया हुआ इधर उधर तकने लगा.
आख़िर मे उसने कंधे उचकाकर जवाब दिया.."आइ डॉन'ट नो. हां अगर इस बात को देखा जाए कि वो दोनो ही मुझे पसंद करती हैं, तो दोनो को दोनो कंडीशन मे एक जैसा ही मज़ा आया होगा. या फिर आप दोनो मे से किसी से पूछ सकती है. वैसे आपको बता दूं अभी मैने आरोही के साथ कुछ नही किया है. हम दोनो करते अगले दिन, लेकिन फिर मैने ये शर्त लगा ली."
"चूतिए पक्का तेरे साथ ज़्यादा मज़ा आया होगा. अगर तेरे साथ ज़्यादा मज़ा नही आता तो तुझे एग्ज़ाइट करने की जगह खुद आपस मे अभी तक लेज़्बीयन सीन नही चालू कर देती." अरुण के दिमाग़ में उस आवाज़ ने कहा
इधर स्नेहा अपने ही ख़यालो मे खोई हुई थी. फिर कुछ मिनिट के बाद वो नॉर्मल हुई और अपना खाना ख़त्म करने लगे. वेटर बाद मे आया और बिल देकर आख़िरी बार स्नेहा के क्लीवेज के दर्शन करे और चला गया.
"अब ये बात मुझे क्लियर नही है. अब जब बिल आया है तो क्या मुझे अपने पार्ट्नर के साथ बिल स्प्लिट करना चाहिए या फिर उसे ही पूरा बिल पे करने देना चाहिए? और मान लो अगर मैने उसे पे करने दिया, तो क्या वो रिटर्न मे कुछ नही माँगेगा?"
"दी, नॉर्मली तो लड़का ही पे करता है. और इसका मतलब ये बिल्कुल नही है कि आपको कुछ रिटर्न मे देना पड़ेगा. हां आगे वाली डेट्स पे आप चाहो तो पे कर सकती हो, लेकिन अगर एक सही लड़का होगा तो वो कभी भी आपसे शेयर करने को नही कहेगा. उसने आपको डेट पर पूछा है. आप उसकी मेहमान हो."
फिर उसने बिल पे कर दिया और वेटर की टिप भी रख दी, फिर घूम कर स्नेहा की चेयर पीछे की ओर उसे लेकर दरवाजे की तरफ चल दिया. रेस्टोरेंट के हॉल से निकलते वक़्त उसने अपना हाथ स्नेहा की पीठ पर रख दिया और दरवाजे पर पहुच कर उसके लिए गेट खोला और उसे पहले निकलने दिया.
"दी, अभी तो काफ़ी टाइम है. और उपर से अगर मैं जल्दी चला गया, तो दी कभी बिलीव नही करेगी कि मैं 1 घंटे मे ही मूवी देखकर आ गया." अरुण साथ मे चलते हुए बोला.
स्नेहा काफ़ी खुश लग रही थी.."तो फिर क्या करना चाहिए?"
अरुण कुछ पॅलो तक सोचता रहा. कार तक जाते जाते उसने अपने हाथ स्नेहा की कमर पर ही रखे.."आइडिया."
स्नेहा हँसते हुए बोली.."मुझे तो लगा था कि मुझे कुछ नही देना पड़ेगा.."
"हहा, वेरी फन्नी" अरुण ने उसकी कमर पर चिकोटी काटते हुए कहा.."जस्ट ट्रस्ट मी, दी."
"ओह, आइ ट्रस्ट यू, बेबी." स्नेहा ने भी उसी अंदाज़ मे कहा..
अरुण ने स्नेहा के लिए अपनी कार का दरवाजा खोला फिर उसे बंद कर के ड्राइवर सीट पर बैठ गया.."आपकी कार के लिए हम लोग वापस आ जाएँगे."
स्नेहा ने सिर हिला दिया फिर मज़ाक मे बोली.."तो मुझे तुम्हारे इरादो से घबराना चाहिए कि नही?"
अरुण भी हँस दिया.."नही आज नही. आज मैं खुद को कंट्रोल कर लूँगा. लेकिन आगे से आप थोड़ा होशियार रहना." फिर दोनो हँसने लगे.
वो कुछ देर तक गाड़ी चलाता रहा फिर एक बड़े से पार्क के साइड मे कार रोक दी. उसने कार से एक चादर निकाल ली और स्नेहा का हाथ थाम कर उसे उतारा और पार्क के अंदर चले गये.
"मैने सोचा, आप तारों को देखना ज़्यादा पसंद करोगी."
"भाई सही जगह है, कोई है भी नही. आगे देख काफ़ी बड़े पेड़ हैं और घने भी हैं. और ये मस्ती मे भी है चोद डाल यही." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण को सुझाव दिया
"ओये, शांत रह भाई." अरुण ने अपने दिमाग़ मे उस आवाज़ से कहा
स्नेहा बस उसे देख कर मुस्कुराए जा रही थी. वो दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़े आगे गये फिर एक खुला सा एरिया देखकर वही चादर बिछा दी और दोनो सट कर लेट गये. फिर स्नेहा अरुण को कॉनस्टिलेशन्स और तारों के बारे मे फॅक्ट्स बताने लगी और अरुण भी उसकी बतो को ध्यान से सुनता रहा.
धीरे धीरे काफ़ी टाइम बीत गया तो दोनो कार मे वापस आ गये और अरुण कार को वापस रेस्टोरेंट ले गया.
"थॅंक यू, माइ बेबी, फॉर दिस वंडरफुल ईव्निंग. यू वर रियली स्वीट आंड आइ लव यू." स्नेहा अपनी कार के नज़दीक पहुच कर बोली.
"नो दी, इट वाज़ माइ प्लेषर." अरुण बोला."मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगा. आंड आइ लव यू टू."
फिर दोनो एक दूसरे की ओर देखने लगे.
"अब इसी पार्ट के बारे मे मैं थोड़ी घबराती हूँ."
अरुण हँस पड़ा.."दी मैं आपको खा थोड़ी जाउन्गा.."
"क्यू नही, इतनी टेस्टी तो है." अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने चुटकी ली
"मैं लास्ट बार कह रहा हूँ. शट अप." अरुण ने अपने दिमाग़ की आवाज़ को धमकी दी
स्नेहा ने उसके हाथ पर मार दिया.."ये मैं जानती हूँ, डफर. मुझे बस आइडिया नही है कि क्या करना है या फिर सामने वाला इंसान मुझसे क्या एक्सपेक्ट कर रहा होगा?"
"ओके, अगर डेट अच्छे तरीके से होती है और आपको रियली लड़का पसंद आता है तो एक किस काफ़ी है फर्स्ट डेट के लिए. हां अगर लड़का उतना पसंद नही है, लेकिन डेट सही गयी तो गाल पर भी किस चलेगा. और अगर कुछ भी पसंद नही आया तो झूट बोलने की बिल्कुल ज़रूरत नही है." अरुण उसके करीब होते हुए बोला.
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