01-25-2019, 12:05 AM,
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"आइ फक्किंग हेट यू, भोसड़ी वाले, मादरचोद..फिर खड़े लंड पर धोका" दिमाग़ की आवाज़ ने गुस्से से कहा
"यॅ, आइ हेट माइसेल्फ टू.." अरुण सिर को ज़मीन मे पटकते हुए बोला..
इसके बाद अरुण दोपहर भर कुछ ना कुछ काम करता रहा. थोड़ी देर नॉवेल पढ़ी, कुछ देर कंप्यूटर पर काम किया, कुछ देर ऐसे ही लेटा रहा. लेकिन पूरे टाइम उसके दिमाग़ मे आवाज़ ने अपना राग अलापना बंद नही किया, वो बार बार उसे नीचे जाकर किसी को चोदने की बात करती ही रही.
इन बातों का असर भी हुआ, हालाँकि अरुण नीचे नही गया लेकिन उसे वो सब सीन याद आने लगे जब उसकी बहनो ने उसे एग्ज़ाइट करने की कोशिस करी थी. कैसे सुप्रिया उसे बीच ब्लॉजॉब मे छोड़ के चली गयी, फिर आरोही का यूँ दूधों को उसके मूह मे देना.
अरुण के दिमाग़ मे बार बार यही सीन्स साइकल के रूप मे चलने लगे लेकिन बाद मे सुप्रिया पर आकर रुक गये, जब वो उसकी आँखों मे देखकर लंड को पूरे जोश के साथ चूस रही थी.
उस टाइम उसकी इच्छा तो हो रही थी कि बस उसका सिर पकड़कर पूरा का पूरा लंड मूह के अंदर घुसेड दे.
"सुप्रिया दी कितना खुश होती. उन्हे तेरा रस कितना ज़्यादा पसंद है." उस आवाज़ ने जैसे अरुण को याद दिलाया
"ऐसी बातें करना कब बंद करोगे?"
"कभी नही ." उस आवाज़ ने कहा
अरुण ने घड़ी मे देखा तो अभी 5 बजे थे. उसने और स्नेहा ने 7 बजे एक रेस्टोरेंट मे मिलने का प्लान बनाया था. उन दोनो ने घर पर नही बताया था. स्नेहा ने बहाना बना दिया था कि वो अपनी फ्रेंड पलक के घर जा रही है कोई प्रॉजेक्ट है उसमे हेल्प करने.
तो अभी 3 घंटे थे तो अरुण 2 घंटे तक सोता रहा, फिर अच्छे से तय्यार होकर बाहर जाने लगा. गेट पर पहुच कर उसने आवाज़ देकर बता दिया कि वो बाहर जा रहा है. उसकी आवाज़ सुन कर सुप्रिया हॉल मे आ गयी.
"कहाँ जा रहे इतने बन ठन कर?"
"रंडी चोदने, बोल" अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने कहा
"मूवी.."
"अकेले?"
"नही, रोहित है ना उसी के साथ. वो वही थियेटर मे मिल जाएगा."
"ओके" सुप्रिया ने थोड़ा दुखी होके कहा लेकिन फिर बहुत ही सेक्सी आवाज़ मे बोली "पक्का तुम्हे किसी और को ले जाने की ज़रूरत न्ही है. जैसे कि 'मैं'?" सुप्रिया ने मैं कहते वक़्त अपने हाथ से दूध को दबा दिया. और उसको दिखा कर आह भरने लगी.
"विल यू प्लीज़ फक हर?" अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने कहा
अरुण ने उसकी इस हरकत को देखकर थूक को निगल लिया.."गॉड, आइ रियली वॉंट टू फक हर."
"तो जा ना रोका किसने है?" आवाज़ ने फिर कहा
सुप्रिया को उसकी हालत देखकर हँसी आ गयी. फिर वो मुड़कर टेबल पर रखी टवल उठाने लगी. "हॅव फन, स्वीतू." उसने टवल फोल्ड करते हुए कहा. तो अरुण उसके पीछे आ गया और पीछे से उसकी टीशर्ट मे हाथ डाल कर उसके बूब्स को पकड़ लिया. दोनो एक दूसरे से इस कदर चिपके थे कि अरुण का लंड सुप्रिया की गान्ड पर अच्छे से चिपका हुआ था. लंड का अहसास गान्ड पर पड़ते ही सुप्रिया की आह निकल गयी, सुप्रिया उसे किस करने के लिए उसकी ओर मूडी तो अरुण उसकी आँखों मे ही झाँकने लगा.
"दी आप जानती हो ना मैं हमेशा आपको रेज़िस्ट नही कर पाउन्गा.." इतना कह कर अरुण ने उसके गाल काट लिए..
सुप्रिया ने भी अपना हाथ उसके गले मे डाल दिया.."मैं खुद कंट्रोल नही कर सकती.." और उसे किस करने लगी.."लेकिन जाने से पहले वादा करो, जल्दी ही तुम हम लोगो के पास आ जाओगे."
"आइ प्रॉमिस, दी" अरुण ने उसके गले पर अपने दाँतों के निशान डाल दिए.
उसके बाद दोनो थोड़ी देर एक दूसरे को चूमते रहे फिर अरुण जल्दी से बाहर चला गया.
वो कार से डिसाइड करे हुए रेस्टोरेंट में पहुचा. और जाके रिज़र्व्ड सीट पर बैठ गया. थोड़ी देर ही हुई थी कि स्नेहा रेस्टोरेंट के एंट्रेन्स पर आई.
बाल पीछे की ओर किए हुए थे. वन पीस डार्क ब्लू सूट, डीप नेक जिसमे से तिल के सहित अच्छा ख़ासा क्लीवेज नज़र आ रहा. सही तरीके से तराशे हुए पैर. अरुण तो पलके झपकाना तक भूल गया और जब वो अरुण की तरफ स्टाइल से चलते हुए आई तो काफ़ी लोगो की नज़र सिर्फ़ उस पर थी.
अरुण उसके नज़दीक आते आते खड़ा हो गया और उसके गाल पर किस किया. "यू लुक अमेज़िंग" अरुण ने कहा "दी" फिर दी धीरे से कह दिया. ये सुन कर स्नेहा के चेहरे पर मिलियन डॉलर स्माइल आ गयी जिसने उसके चाँद से मुखड़े को और रोशन कर दिया.
"थॅंक यू," उसने सिंप्ली जवाब दे दिया.
फिर दोनो आराम से बैठ गये. कुछ ही सेकेंड्स मे वेटर आया और ड्रिंक्स का ऑर्डर लेके चला गया. अरुण ने नोटीस किया कि वेटर अपनी नज़रें स्नेहा के क्लीवेज से हटा ही नही पा रहा था लेकिन स्नेहा को तो इस बात का आभास भी नही था वो तो बस मेनू को बड़े गौर से पढ़े जा रही थी.
अरुण को स्नेहा की इस मासूमियत पर प्यार आ गया लेकिन वेटर पर थोड़ा सा गुस्सा. वेटर थोड़ी देर मे ही ड्रिंक्स लेकर आया और जितनी देर उसने टेबल पर चीज़े सेट करी पूरे टाइम बस स्नेहा के क्लीवेज को देखता रहा. जैसे ही वापस गया स्नेहा ने आगे होकर अरुण से पूछा..
"वो मेरे ब्रेस्ट्स देख रहा था, है ना?"
"युवर क्लीवेज..दी" अरुण ने थोड़ा सा हँसकर कहा.."हां, देख रहा था. लेकिन आप उस पर गुस्सा भी नही कर सकती. आप हो ही इतनी खूबसूरत."
स्नेहा के चेहरे पर लाली छा गयी, "थॅंक यू, अगेन." उसने दोबारा थॅंक यू कह दिया.
"तो आपके पास डेट से रिलेटेड कोई क्वेस्चन्स हैं?" अरुण ने अपनी ड्रिंक का सीप लेते हुए पूछा.
स्नेहा ने भी सीप लिया फिर कुछ सेकेंड्स सोचने के बाद कहा,"वेल, मैं इस से पहले कभी किसी डेट पर आई नही हूँ, तो मुझे पता नही कि क्या करना सही होता है, क्या ग़लत..या फिर आख़िर मे करना ही क्या होता है?"
अरुण मुस्कुरा दिया. "दी आप टेन्षन मत लो. अभी तक आपने सब ठीक किया है. आंड आइ ट्रूली बिलीव आप डेट के एंड तक भी सब अच्छा ही करोगी. आप बस ये मानो कि मैं वो हूँ जो आपको पसंद है."
"इसमे ज़्यादा मुश्किल नही होनी चाहिए." उसने हँस कर जवाब दिया.
अरुण के दिल मे ये बात सुन कर गिटार बजने लगे.
"तो कोई भी लड़का, इन और केस यू, क्या एक्सपेक्ट करता है एक डेट मे?"
"शी'स जोकिंग वित मी, राइट? उसके कहने का मतलब.." अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने कहा
"उन्हे पता भी नही है कि तुम जैसा भी है कोई इस दुनिया मे," अरुण ने आवाज़ को इंट्रप्ट करते हुए सोचा,"और नही मुझे नही पता वो किस बारे मे पूछ रही हैं?"
"ओके, आएँ,,क्याअ?" आवाज़ ने फिर पूछा
"जस्ट, शट अप." अरुण ने मन मे उस आवाज़ को झिड़का
"उम्म्म, दी, ये डिपेंड करता है आइ थिंक, मेन्ली फर्स्ट डेट मे लोग एक दूसरे को रियली जानने की कोसिस करते हैं. एक तरीके से ये थोड़ा फन्नी भी है क्यूकी कोई भी डेट पर ऐसे आक्ट नही करता जैसे कि वो रियली हैं. ज़्यादातर लोग यही दिखाते रहते हैं जो वो है ही नही, या फिर वो इंसान जो सामने वाला पसंद करता है. तो कभी कभी एंड मे प्रिटेंड करने के चक्कर मे सब गड़बड़ हो ही जाती है."
"तो मुझे जस्ट स्नेहा ही रहना है?" स्नेहा ने डाइरेक्ट्ली पूछ लिया.
"मोस्ट्ली, हां, ज़्यादातर फर्स्ट डेट्स काफ़ी ईज़ी होती हैं अगर आप सिंपल रहो तो. दी, रिलेशन्षिप्स टेक टाइम. और ये भी गॅरेंटी नही है कि डेट एंड मे सक्सेस्फुल हो ही जाए. और इसी बात पर मुझे ये स्मझ मे नही आ रहा कि आप मुझसे इन चीज़ो के बारे मे क्यू पूछ रही हो. मुझे खुद ज़्यादा एक्सपीरियेन्स नही है इस फील्ड मे."
"यार, मैं ऐसे किसी और लड़के को जानती ही नही हूँ जिससे इस बारे मे पूछ सकूँ. मेरी लाइफ मे सिर्फ़ तुम ही अकेले लड़के हो जिसके मैं इतने ज़्यादा करीब हूँ, आंड आइ आम अड्मिटिंग इट नाउ, आइ'म लिट्ल बीट अट्रॅक्टेड टू यू ऑल्सो." उसने आख़िरी लाइन बोलते समय अपनी आँखें टेबल पर झुका दी.
अरुण भी ये सुनकर खुश हो गया. और उसने अपने हाथ से उसका चेहरा उपर उठा दिया.
"तो, इस सबका आपकी थियरी से क्या रीलेशन?"
स्नेहा काफ़ी खुश हो अरुण के क्न्सर्न को देखकर. "ये तो मुझे भी पक्का नही है. "और एक बात बताऊ, आज जब आरोही मुझे किस कर रही थी..तो..आइ वांटेड....मोर."
अरुण उसकी बात समझ के मुस्कुरा दिया.
"आइ नो, दी. वो कुछ ज़्यादा ही पोवर्स्वेसिव है और जब एग्ज़ाइटेड हो तब अग्रेसिव."
स्नेहा हल्के से हँस दी.
अरुण ने तब उसी बात को आगे किया. "बाइ दा वे, जब मुझे किस किया तब अच्छा नही लगा था?" वो किसी बच्चे के तरह नाराज़ होकर बोला.
"यही तो प्राब्लम है. मैं तुम्हारे साथ भी वही फील करती हूँ. मैं आगे बढ़कर कुछ करना चाहती हूँ लेकिन क्या करूँ, बस यही नही पता. यूष्यूयली मेरे सामने कोई प्राब्लम आती है तो मैं उस पर रिसर्च करती हूँ, फिर जो बेस्ट तरीका होता है प्राब्लम सॉल्व करने का वो यूज़ करती हूँ. लेकिन इस केस मे मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा. और मैं एंबॅरस भी नही होना चाहती."
"आपको वो दिन याद है अभी 20 दिन पहले जब मैं पूल सॉफ कर रहा था?" अरुण ने पूछा " और आप, सोनिया और आरोही वही पास मे थे."
"यॅ" स्नेहा उसकी ओर उत्सुकता से देखकर बोली "तुम पूल के अंदर जा कर सफाई कर रहे थे. फिर गर्मी के कारण तुमने अपनी टीशर्ट उतार दी. और फिर पाइप से सिर पर पानी डालने लगे थे." स्नेहा का चेहरा लाल हो गया ये बोलते वक़्त.
"हां और उसके बाद जब मैं अंदर गया तो हमेशा की तरह सुप्रिया दी ने वही पर मेरे गीले कपड़े उतरवाए. लेकिन इस चक्कर मे मेरा एरेक्षन उनके मूह से टकरा गया जो कि आप तीनो की वजह से था. आंड आप सोच नही सकती की वो कितना ज़्यादा एंबॅरसिंग था मेरे लिए."
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