bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:04 AM,
#35
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण को लड़कियों की गान्ड देखकर काफ़ी मज़ा आता था वैसे. उपर से जब वो चल रही हो तो जिस तरीके से मटकती थी तब तो कहना ही क्या. स्नेहा ने एक बॉटल उठाकर ट्रॉली मे डाली तो उसकी नज़रो ने अरुण की नज़रो को देख लिया. उसे समझते देर नही लगी कि अरुण गान्ड को देख रहा है. अरुण ने तुरंत ही अपने नज़रें उपर करी तो उसके क्लीवेज पर टिक गयी. लेकिन स्नेहा ने स्माइल दी और बिना कुछ कहे आगे चलती रही. अरुण भी अब उसके पीछे चलता रहा.

"बाइ दा वे, अरुण, आइ नीड सम हेल्प."

"बूब मसाज.." दिमाग़ की आवाज़ ने फ़ौरन चुटकी ली

"हां दी, बोलो ना..आपके लिए तो कुछ भी"

स्नेहा ने हल्के से उसके हाथ पर मार दिया.."चल मस्केबाज़. मैं कह रही हूँ कि..."

"बोलो ना दी.."

"मैं आज तक कभी किसी डेट पर नही गयी. मैं जानना चाहती हूँ कि डटे पर कैसा लगता है. ऐसा नही है कि मेरे फ्रेंड्स ने मुझे पूछा नही डेट पर ले जाने के लिए. एक दो लड़को ने पूछा था लेकिन मैं डर जाती हूँ हर बार कि कहीं मैं कुछ गड़बड़ ना कर दूं.."

"बस इतनी सी प्राब्लम.." अरुण ने चैन की साँस लेते हुए कहा. उसने तो पता नही क्या सोच लिया था.

"मेरे लिए बड़ी प्राब्लम है.." स्नेहा दुखी मन से बोली.

"नो, नो, दी मेरा कहने का वो मतलब नही थी. मुझे तो बस चैन पड़ गया कि आप की हेल्प बाकियों की तरह नही है. अगर बाकी किसी को हेल्प चाहिए होती तो...हुहह" अरुण साँस छोड़ते हुए बोला तो स्नेहा ट्रॉली मे डालते हुए हँसने लगी.

"ऑफ कोर्स, मैं आपकी हेल्प करूँगा.."

"तो क्या हम लोग डिन्नर पर चले?"

"जब आप कहे मेडम.."

स्नेहा ने खुश होके उसके गाल चूम लिए. फिर दोनो काफ़ी देर तक शॉपिंग करते रहे. थोड़ी देर के बाद स्नेहा उसके सामने झुक कर ट्रॉली के अंदर समान को उलट पुलट करने लगी..

"दी, अब आप ये जानबूझकर कर रही हो,," अरुण क्लीवेज की सुंदरता को देखते हुए बोला.

"मेबी.." स्नेहा ने हासकर कहा.

ऐसे ही दोनो ने शॉपिंग ख़तम करी. फिर कार मे समान रख कर घर की तरफ चल दिए.

घर मे ग़ैराज मे पहुचने से पहले अरुण ने पूछा.."तो दी कब चलना है?"

"आज रात कैसा रहेगा?" स्नेहा ने बड़ी होप के साथ उस से पूछा..

अरुण ने स्नेहा की तरफ देखा तो तभी उसके दिमाग़ मे कुछ स्ट्राइक हुआ. स्नेहा किसे छोटे बच्चे की तरह उसकी तरफ देख रही थी और कुछ खिलोना माँगने की ज़िद कर रही हो ऐसा लग रहा था. उसका चेहरा थोडा आगे था, उस पर वो क्यूट सा चश्मा, 3 4 लटे आगे की तरफ आ रही थी. पीछे से सूरज की किरणें आकर उसके बालो को सुनहरापन दे रही थी. वो बिल्कुल सोनिया की तरह प्यारी लग रही थी और उपर से उसके चेहरे पर वो दिल लुभाने वाली मुस्कान. अरुण की नज़रें बस उसके चेहरे को ही देखे जा रही थी.

"बूब्स देख ना, चेहरे मे क्या है.." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने उसे सजेशन दिया

"टुनाइट ईज़ दा बेस्ट.." अरुण ने उसका सिर चूम के कहा..

"कभी तो बात मान लिया कर" अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने फिर विनती की

उसके बाद दोनो समान निकालकर अंदर ले गये जहाँ सुप्रिया समान को छाँटने लगी. अरुण समान का लास्ट बॅग लेकर किचन के काउंटर के पास खड़ा हो गया और सुप्रिया को समान रखते देखने लगा. सुप्रिया ने बॅग से केच्युप की बॉटल निकाली और अरुण के जस्ट सामने आकर उसकी उपर वाली सेल्फ़ पर केच्युप रखा तो उसके बूब्स अरुण की छाती मे चुभ गये. केच्युप रखने के बाद सुप्रिया ने अरुण को और दबाया और हाथ नीचे ले जाकर लंड को सहलाने लगी..

"तो मेरे बच्चे को कोई गिफ्ट चाहिए इतनी मेहनत करने के लिए.." सुप्रिया ने कहा

"यस, यस बोल यस...." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने कहा

"आह..आ..नो.नो.." अरुण ने बड़ी मुस्किल से कहा..

"ओके, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी." सुप्रिया एक दम से हटी और दूसरा समान निकालने लगी.

...................
तब तक आरोही नीचे आ गयी और सीधे स्नेहा के पास जाके खड़ी हो गयी..

"मेरी चीज़..." आरोही बिल्कुल बॉस के अंदाज़ मे बोली..

स्नेहा ने हँस के उसके हाथ मे चॉक्लेट का एक्सट्रा लार्ज बार दे दिया. तो आरोही ने खुशी मे कूद कर उसे गले लगा लिया तभी उसकी नज़र अरुण पर पड़ी तो एक नॉटी स्माइल दी फिर स्नेहा का चेहरा पकड़ लिया. और जल्दी से अपने होठ स्नेहा के होठों पर रख दिए साथ मे जीभ को भी अंदर तक डाल दिया.

स्नेहा का मुँह अपने आप ही खुलता चला गया और उसका हाथ अपनी इच्छा से आरोही के सिर पर चला गया और दोनो एक दूसरे के होठ चूसने लगी. अरुण ने अपने चेहरे पर हाथ मारा और उपर जाने लगा.
[Image: iojLMgwG_Qr7e0Ckp0MGKFHjb_j3cT68wBl5IVbn...=w155-h220]
उसे उपर जाते देख आरोही ने किस तोड़ दिया..और स्नेहा के गाल पर किस कर दिया..

"भाई तुम्हे भी तो कुछ मिलना चाहिए ना इतनी मेहनत के लिए.." ये बोलते बोलते वो तेज़ी से भागी और कूद कर अरुण के उपर चढ़ गयी. अरुण ने एक दम से उसे उछलते देखा तो उसे गिरने से बचाने के लिए हवा मे ही पकड़ लिया. लेकिन इस चक्कर मे आरोही का काम हो गया उसने गोद मे आते ही अपने होठ अरुण के होठों मे पेवस्त कर दिए और तेज़ी से उसकी जीभ के साथ खेलने लगी.

आरोही के एक हाथ मे चॉक्लेट अभी भी थी. तब तक सोनिया भी आ गयी. "ऊवू चॉक्लेट," इतना बोलकर उसने आरोही के हाथ से चॉक्लेट छीन ली और सोफे की तरफ भागने लगी. आरोही जल्दी से अरुण की गोद से उतरी और सोनिया के पीछे भागी.

"आए, वो मेरी चॉक्लेट है, इधर दे चोर कहीं की.." अरुण बेचारा वहाँ बेवकूफो की तरह खड़ा रहा. वो अभी तक किस के अहसास से ही बाहर नही आ पाया था.

पूरे घर मे सोनिया और आरोही की हँसी की आवाज़ें गूंज़ने लगीं. स्नेहा भी अरुण की तरह अभी भी जड़वत खड़ी थी. आरोही की हरकत ने उसे भी अचंभित कर दिया था.

उधर सोनिया जैसे ही सीढ़ियों की तरफ दौड़ी पीछे से आरोही उसके उपर कूद पड़ी तो दोनो फर्श पर गिर पड़ी.

सोनिया हँसते हँसते चॉक्लेट को आरोही से दूर रखने की कोशिस मे लगी हुई थी..तब तक आवाज़ सुनकर सुप्रिया भी बाहर आ गयी.."क्या हो रहा है..." उसने दोनो को ऐसे देखा तो वो भी हँसने लगी..

आरोही सोनिया को हिलने से रोक रही थी.."दी, हेल्प करो ना जल्दी.." आरोही ने सोनिया का एक हाथ पकड़ते हुए सुप्रिया से कहा. तो सुप्रिया भी जल्दी से आई और अपने हाथों से सोनिया के हाथ पकड़ने लगी. अब तो आरोही ने सोनिया के पेट पर अपनी उंगलियों से हमला बोल दिया, सोनिया बहुत ही तेज़ी से हँसने लगी. वो इधर उधर हिल डुल कर छूटने की कोसिस कर रही थी लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ.

"उंगलियों की जगह अपने लंड से गुदगुदा..ज़्यादा मज़ा आएगा" अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने उसे सजेशन दिया

अरुण ने अपना सिर हिलाया और बाकी सब को नज़रअंदाज़ करते हुए उपर जाने लगा.

उधर स्नेहा वही तले के पास रखी चेयर पर बैठकर हँसे जा रही थी.."दी, आप नही आओगे.." आरोही ने खड़े होकर एक स्माइल के साथ स्नेहा को देखा.[Image: _oaDVEDeW0-NtqA3JsgRLyf0EtRNcAyQ-QaM274x...=w293-h220]

स्नेहा के चेहरे पर घबराहट के भाव आ गये, लेकिन तब तक तीनो हँसते हुए उसके पास आ गये और एक दम से उसके उपर कूद पड़े. और तीनों ने स्नेहा के गुदगुदी करना शुरू कर दिया. स्नेहा छटपटाते हुए हँसने लगी, हँसने के चक्कर मे उसके दो तीन धाँसे भी लग गये. 

"आअ...अरुण, हेल्प.." स्नेहा बड़ी मुस्किल से हँसी के बीच मे बोली.

अरुण भी एक दम से पलटा और दौड़ कर पास मे आया. उसने एक हाथ आरोही की कमर मे डाला और उसे कंधे के उपर डाल दिया और दूसरे हाथ से सुप्रिया को पीछे खीचने लगा. आरोही उसकी पीठ पर हल्के हल्के घुसे मारने लगी.."नीचे उतारो, दिस ईज़ चीटिंग.." उधर सुप्रिया भी छूटने के लिए हाथ पैर चला रही थी. 

"दी, पीछे का दरवाजा खोलो..जल्दी.." अरुण ने स्नेहा से कहा जो तब तक सोनिया से आज़ाद हो गयी थी..वो जल्दी से भागी और पीछे का दरवाजा खोल दिया.

"नो, नो..अरुण ये नही, ये नही.हाहाहा..मार खाओगे..एयेए" सुप्रिया उसके इरादे समझ कर बोली. लेकिन अरुण ने दोनो की एक ना सुनी और दोनो को अपने साथ लेके सीधे पूल के अंदर डाल दिया. 

स्नेहा और अरुण दोनो साइड मे खड़े होकर अपना पेट पकड़कर हँसने लगे और दोनो को चिढ़ाने लगे. लेकिन तुरंत ही एक छपाक की आवाज़ आई और दोनो पानी के अंदर थे. उपर सोनिया खड़ी होकर उन चारो पर हँस रही थी. अरुण ने जल्दी से अपने आप को संभाला और सोनिया को भी पूल मे खींच लिया. फिर पाँचो हँसने लगे और साथ मे खेलने लगे. सब लोगो के पेट मे हँस हासकर दर्द होने लगा तो सब सुस्ताने लगे.
[Image: JZ6MNNvlGdoBj36dZvY1ZCOuvIgzOGPJ4EyRiM8x...=w293-h220]
अरुण ने सोचा इससे पहले कि ये लोग उसके उपर टूट पड़े भाग लेना सही होगा तो वो जल्दी से घर के अंदर भाग गया.

धीरे धीरे बाकी सब भी अंदर आ गये. सुप्रिया ने सबको अंदर जाने से पहले टवल दे दी. फिर सब अपने अपने रूम मे चले गये. आरोही लेकिन अरुण के रूम मे गयी तो वो अंदर क्रंचस मार रहा था. कानो मे हेडफोन थे और आँखें बंद थी. तो आरोही बिना आवाज़ किए उसके पास गयी और जैसे ही अरुण नीचे हुआ उसके सीने पर बैठ गयी.

अरुण ने अपने उपर वजन का अहसास पाकर आँखें खोली..तो सामने आरोही अपने भीगे टॉप को उतार रही थी..आरोही ने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए अपने टॉप को उतार दिया फिर ब्रा को भी...

"भाई अब तो चोद डाल.,प्लीज़.." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने अरुण से रिकवेस्ट की

आरोही ने आगे झुककर अपने दूध को अरुण के होठों पर रख दिया तो अरुण के होठ अपने आप खुलते चले गये. जैसे ही अरुण के गर्म होठ निपल पर पड़े आरोही ने और कस के अपना भार उसके उपर डाल दिया. अरुण भी मस्ती मे उसके ठंडे हो चुके निपल्स और दूध को चाटने लगा.

थोड़ी देर के बाद वो उठी और अरुण के होंठो पर किस कर दिया..और अपनी चूत को लोवर के उपर से ही लंड पर रगड़ने लगी..

"चोद दे, इससे पहले कि ये चली जाए, चोद दे.." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने उसे फिर से चेताया[Image: LavrK7A7EygheLoYASZ2EuQVgYxhuoNaH11E3S5X...=w147-h220]

लेकिन अरुण जब तक कुछ कर पाता तब तक आरोही खड़ी हुई और अपने उपर टवल डाली और चुपचाप बाहर चली गयी.. अरुण वही पड़े पड़े खुद को कोस्ता रहा..

"आइ फक्किंग हेट यू, भोसड़ी वाले, मादरचोद..फिर खड़े लंड पर धोका" दिमाग़ की आवाज़ ने गुस्से से कहा

"यॅ, आइ हेट माइसेल्फ टू.." अरुण सिर को ज़मीन मे पटकते हुए बोला..
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