RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"एक सेकेंड.." स्नेहा वही खड़ी खड़ी कुछ सोचने लगी. फिर अपनी नाक उसके सीने के पास ले जाकर सूंघने लगी. फिर उपर से लेकर नीचे तक उसकी हर एक बॉडी पार्ट को सूंघ डाला..फिर अपने होंठ आपस मे जोड़कर खड़ी हो गयी..
"कुछ इंट्रेस्टिंग मिला.." अरुण भी कन्फ्यूज़ होकर बोला..
"वेल मैने पढ़ा है कि कुछ स्पेसिस मे अपने पार्ट्नर को सूंघने पर उत्तेजना के भाव आते हैं.."
अरुण को हल्की सी हँसी आ गयी.."तो आपको कुछ हुआ..?"
स्नेहा थोड़ी देर सोचती रही.."आइ डोंट नो, रियली."
अरुण ने अपना सिर तिरछा किया और उसे देख कर सोचने लगा...क्या सही मे दी को नही पता की एग्ज़ाइटेड होने पर कैसा लगता है..
"दी...क्क्या आप कभी भी सेक्षुयली एग्ज़ाइटेड हुई हो.?"
स्नेहा के चेहरे पर लाली छा गयी..उसका हाथ अपना माथा सहलाने लगा. वो ऐसा तभी ही करती थी जब वो किसी चीज़ मे श्योर ना हो..
"ऑनेस्ट्ली, मुझे पता नही.."
अरुण ये बात सुनकर सोचने लगा कि अब क्या किया जाए..
"तो, डोंट बी अफेंडेड बट आप जब मास्टरबेट करते हो तब कैसा लगता है."
स्नेहा ने अपनी नज़रें उपर नही की लेकिन उसका चेहरा और ज़्यादा लाल हो गया.
"ओह्ह आपने कभी मास्टरबेट नही किया..है ना..मुझे तो लगता था कि हर कोई करता है.." अरुण भी थोड़ा सा कन्फ्यूज़ होके बोला..
"लंड बाहर निकाल जल्दी से और करके दिखा.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"नोट हेल्पिंग, मेट." अरुण ने सोचा..
"मेरी कभी कोई इच्छा ही नही हुई या कह सकते हैं कि कभी ज़रूरत ही नही पड़ी.." स्नेहा ने टमाटर की तरह लाल होते हुए कहा.
"वाउ, तो आपको कभी कभिइ..." अरुण को समझ मे नही आ रहा था कि उससे इंप्रेस हो कि उसके लिए बुरा फील करे..
"उसे कभी ऑर्गॅज़म नही हुआ, बेटे, शी ईज़ दा ओन्ली वन.."
"वाउ," अरुण ने दोबारा कहा.."आइ'म सॉरी दी.."अरुण तुरंत ही बोला "लेकिन इसमे इतनी एंबरस्स होने वाली कोई बात न्ही है.."
अरुण सोचने लगा कि आगे की बात बिना स्नेहा को एंबरस्स करे कैसे करे. फिर उसे जैसे ही आइडिया आया उसके हाथ आपस मे ताली बजाने लगे. उसने आगे बढ़ कर स्नेहा का चेहरा उपर किया..
"दी..ट्रस्ट मी.." अरुण ने धीरे से कहा जब उसने देखा की स्नेहा के चेहरे पर चिंता के भाव आ रहे हैं.."मैं आपको एंबरस्स नही करूँगा और हर्ट तो पक्का नही करूँगा..प्रॉमिस.."
स्नेहा थोड़ी शांत हुई और हां मे अपना सिर हिला दिया.
"अब अपनी आँखे बंद करिए और जैसा भी फील हो वैसा बताना ओके..क्लोज़ युवर आइज़.." अरुण ने अपना चेहरा उसके पास करते हुए कहा.
स्नेहा ने एक बार उसकी तरफ नर्वस होकर देखा तो अरुण ने अपना हाथ उसके गाल पर रख दिया..
"दी, ट्रस्ट मी.."
"स्नेहा ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने शरीर को ढीला छोड़ किया. वो आज टीशर्ट पहने हुई थी जिस मे से उसका काफ़ी ज़्यादा क्लीवेज दिख रहा था. अपना सिर हिलाते हुए उसने अपना ध्यान उसके चेहरे पर किया फिर घूमकर उसके पीछे चला गया.
सुप्रिया और सोनिया की तरह ही उसकी हाइट भी अरुण से थोड़ी कम थी. अरुण ने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रख के टीशर्ट को थोड़ा खिसका दिया जिससे टीशर्ट कोहनी के थोड़ा उपर तक आ गयी और उसका पूरा कंधा नग्न हो गया. अरुण ने अपने हाथ से उसके हल्के भूरे रंग के बाल उसकी गर्दन से हटाकर उसके सीने के सामने रख दी. फिर अपने होंठ आगे बढ़ाकर धीरे धीरे सॉफ्ट्ली उसकी गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया. हर दूसरे या तीसरे किस के बीच मे वो धीरे से उसकी गर्दन पर फूक देता. एक हाथ से उसने धीरे धीरे उसके गर्दन से लेकर बूब्स से थोड़ा उपर तक मसाज करना स्टार्ट कर दिया..
"कुछ अजीब सा फील तो हो रहा है.."स्नेहा ने बहुत हल्के से कहा.."मुझे कुछ ऐसा फील हो रहा है जो अभी थोड़ी देर पहले नही हो रहा था.."
"दी रुक जाउ क्या..?" अरुण ने पूछा..
"नो., जैसे कि मैने कहा, काफ़ी इंट्रेस्टिंग है..करते रहो.."
मुस्कुराते हुए अरुण ने उसके कंधे और गर्दन के बीच हर हिस्से पर किस कर दिए. फिर हल्के से उसकी स्किन को मूह मे खींच कर सक करने लगा फिर जीभ बाहर निकालकर लिक्क करने लगा.
स्नेहा को महसूस होने लगा कि जैसे उसके सिर से खून नीचे की तरफ भागने लगा हो. उसे वैसा ही महसूस होने लगा जैसा कि उसे आरोही और सोनिया के साथ अरुण को देखकर हुआ था..
"आइ थिंक शायद मैं एग्ज़ाइट हो रही हूँ.." स्नेहा बोली जब अरुण दूसरे साइड के कंधे पर किस कर रहा था.
"क्या ऐसा मुझे सूंघते वक़्त लगा था..?"
स्नेहा ने हां मे सिर हिला दिया.."हां लेकिन इतना ज़्यादा नही. दिस ईज़ मच मोर..ओह..वापस वही पर जाना...स्ट्रॉंग, आइ मस्ट से.."
फिर स्नेहा ने उसे निर्देश देना स्टार्ट कर दिया और महसूस करने लगी कि कहाँ कहाँ उसे ज़्यादा अच्छा फील हो रहा था और कहाँ कम..
"वाउ..अगर उत्तेजित होते समय ऐसा लगता है तो काफ़ी अच्छा है.." स्नेहा ने कहा फिर उसकी इच्छा होने लगी कि वो मूड कर अरुण को वापस किस करने लगे..
"झुका कर मार ले, चूतिए इससे पहले कि उसका मूड चेंज हो जाए.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"अरुण ने फिर किस करना बंद किया और उसे अपनी तरफ मुड़ा लिया.."सो, क्या आप सेक्षुयली एग्ज़ाइट हुई??" स्नेहा की आँखें अभी भी बंद ही थी और चेहरे पर स्माइल थी.
स्नेहा ने धीरे से अपनी आँखें खोली और उसकी आँखों मे देख कर कहा.."किस मी.."
"व्हाट.." अरुण के मुँह से निकला
"फक हर, चूतिए.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"यस,,तुम मेरी गर्दन पर किस कर रहे थे. अब मेरे लिप्स पर भी किस करो. ये सब काफ़ी नया है मेरे लिए.."
तो अरुण ने धीरे से अपने होंठ आगे किए और 2 सेकेंड्स तक उन्हे उसके होठों पर रखा और वापस चला गया..
"ओके, दी.."
"ऐसे ही बाकी सब को भी किस करते हो क्या.." स्नेहा बोली और अपने हाथ उसके साइड मे रखते हुए बोली..
"नही..वो किस थोड़े पॅशनेट होते हैं.."
"तो क्या मैं तुम्हारे लिए उतनी सेक्सी नही हूँ, अभी तो तुम मुझे सेक्सी कह रहे थे..?"
"नही..आप हो..बस वो..."
"तो मुझे वैसे ही किस करो जैसो बाकी सब को करते हो.." स्नेहा बोली.."वित पॅशन.."
"फक हर.." अरुण के दिमाग़ ने कहा
अरुण एक पल के लिए रुक गया. फिर उसने सोचा कि जब वो किस की फीलिंग को जानना ही चाहती है तो क्या हर्ज़ है.
तो उसने स्नेहा तो अपने आगोश मे ले लिया जैसे कि कोई प्यार करने वाला लेता है और अपने होठ आगे बढ़ाकर चूमने लगा. फिर दोनो के होठ खुल गये और एक दूसरे के मूह मे जीभ अपना खेल खेलने लगी..
स्नेहा उसकी पीठ को सहलाने लगी फिर उसे और कसकर अपने पास खींच लिया.. अरुण के हाथ भी उसकी पीठ सहलाते सहलाते उसके हिप्स पर पहुचे तो उसने धीर से दोनो चुतड़ों को पकड़कर दबा दिया. स्नेहा ने हल्के से आह भरी जो उसके मूह मे दफ़्न हो गयी और फिर उसके हाथों का अहसास अपनी गान्ड पर होने पर और ज़्यादा शिद्दत के साथ उसे किस करने लगी..
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