RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
उपर अरुण धीरे से हिला. आहा..काफ़ी अच्छा फील हो रहा है.. अरुण जानता था कि वो रात को सोनिया के साथ सोया था. लेकिन ये क्या सोनिया तो पास मे नही थी..वेट, फिर उसे रियलाइज़ हुआ कि सोनिया तो उसके उपर बैठी हुई है, और कुछ मखमली सा गरम गरम अहसास उसे अपनी कमर के पास होने लगा. उसने धीरे से अपनी आँखें खोली तो सोनिया की मुस्कुराती हुई आँखें उसे ही देख रही थी. और फिर सोनिया ने अपने रस भरे गुलाबी होंठ उसके पास कर दिए. उसने अपनी कमर को लहराया और अपनी कमर को उपर करके दोबारा धीरे से उसके लंड को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया..
"यू आर दा फक्किंग मॅन.."
"वाउ...," अरुण आख़िरकार किस करके बोला..,"रोज़ ऐसे उठने की आदत ना बन जाए??" अरुण ने अपनी गर्दन को पीछे खींचकर एक आहह भरी जैसे ही सोनिया ने उसके लंड के उपर गोल गोल घूमना शुरू कर दिया.
"मैं जानती थी आपको ऐसी सुबह पसंद आएगी, भाई.." सोनिया धीरे से अपनी कमर को उपर फिर धीरे धीरे नीचे करके बोली.."ओह्ह्ह..कितना अछा फील होता है जब आप मेरे अंदर होते हो..आहह,"
फिर सोनिया उसके उपर से उठ कर साइड मे हो गयी तो अरुण उसके उपर होकर उसकी गर्दन को चूमने और काटने लगा.. फिर गर्दन से लेकर कान तक चूमते और अपनी जीभ से छूते हुए दोबारा अपना लंड उसकी चूत मे डाल दिया. तुरंत ही सोनिया ने अपनी छाती को उसकी छाती से मिलाते हुए आह भरी..
"चोद के कमर तोड़ दे...आहह" अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण ने आवाज़ की बात मानते हुए अपने धक्के तेज कर दिए.
"ओह्ह..आहह.." सोनिया ने उसे कस कर पकड़कर कहा..,"ओह भाई...और तेज भाई..ओह्ह्ह यू आर ऊहह अवेसम भाई...ओन्..अँह..."
सोनिया मस्ती मे अपने होंठ काटने लगी..और उसकी आँखें बंद हो गयी और वो अपने भाई के प्यार पूरी तरीके से मज़ा लेने लगी..
अरुण भी धक्के पर धक्के देकर अपनी लड़ली बहेन को पूरा मज़ा देने लगा और प्यार से उसे देखता रहा..
सोनिया ने आँखें खोलकर अरुण के लंड को अपनी चूत मे अंदर बाहर होते हुए देखा तो तुरंत ही उसे अपने अंदर लहर सी उठती हुई महसूस हुई.. सोनिया को महसूस होने लगा कि उसकी चूत कस कर उसके भाई के लंड को जकड़ने लगी है..एक के बाद एक लहरे उसके अंदर से उठकर दोनो को मस्ती के सागर मे नहलाने लगी..और उसने अरुण के होंठों को अपने मूह मे लेकर काटना चालू कर दिया..
अरुण ने उसकी चूत को टाइट होते महसूस किया और उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी..सोनिया के रस के साथ ही उसने भी झड़ना स्टार्ट कर दिया और दोनो एक दूसरे को होंठ को चूस्ते हुए तक कर बेड पर शांत पड़ गये..
इसके बाद दरवाजा जो कि उनके प्यार के दौरान खुला था वो धीरे से बंद हो गया..
ये ठीक वैसा ही था जैसे स्नेहा ने सोचा था. उसका भाई सोनिया और आरोही दोनो के साथ सेक्षुयली आक्टिव था. उसने इस बारे मे सुप्रिया से बात करने की ठान ली. एक बात और उसे परेशान कर रही थी, दोनो बार जब उसने अरुण को इन हालात मे देखा था तो उसके शरीर मे कुछ हुआ था..लेकिन वो पकड़ नही पा रही थी की क्या हुआ था? ऐज आ बॉडी फंक्षन तो उसे पता था कि उसकी हार्टबीट इनक्रीस हो गयी थी, साँसें तेज होने लगी थी. और दोनो बार उसके गुप्तांगो भी भीग गये थे..
स्नेहा थी तो पढ़ाकू और इंटेलिजेंट. लेकिन वो हर चीज़ को पढ़ाई की नज़र या कह सकते हैं साइन्स की नज़र से देखती थी. उसे पूरे तरीके से पता था कि वो लोग सेक्स कर रहे हैं वग़ैरह वग़ैरह. उसे ये भी पता था कि किस वजह से उसके गुप्ताँग भीग गये हैं. लेकिन उसकी विज्ञान वाला दिमाग़ ये नही स्मझ पा रहा था कि अपने भाई बहेन को देखकर ही क्यूँ ये हो रहा था.. ये तो किसी अंजान को देखकर होना चाहिए..जाने कितनी बार उसने अरुण को नहलाया था बचपन मे लेकिन तब तो ऐसा नही हुआ था?
ऐसे ही सोचते हुए उसके दिमाग़ मे एक बात और आई कि जब उसे ही समझ मे नही आ रहा तो सुप्रिया को कैसे पता होगा कि क्या करना है?? इसका मतलब उसे सीधे अरुण से ही बात करनी होगी. मेबी अरुण उसे समझा सके कि आख़िर हो क्या रहा है. यही सही रहेगा ये सोचते हुए वो अपने कमरे मे चली गयी.. आख़िर क्या रीज़न हो सकता है कि दो बहनें और एक तो जुड़वा, दोनो अपने ही भाई से सेक्षुयली आक्टिव हो गयी. लाख मथापच्ची करने के बाद भी वो इसका जवाब नही ढूँढ पा रही थी..
इधर अरुण सोनिया को किस करके नहाने चला गया और जॉगिंग वाले कपड़े पहन कर नीचे हाल मे आ गया उसने सोचा आज से ही रन्निंग स्टार्ट कर दे, काफ़ी दिन भी हो गये थे और अब उसकी बॉडी भी सही थी. नीचे हाल मे सुप्रिया और आरोही दोनो सोफे पर बैठे बैठे बातें कर रही थी. अरुण ने थोड़ा शक्की नज़रों से दोनो को देखा और सोचने लगा आख़िर दोनो के चेहरे पर इतनी बड़ी और कुटिल मुस्कान क्यूँ हैं.
"गुड मॉर्निंग, लॅडीस..क.क्या हो रहा है..??" अरुण सामने वाले सोफे पर बैठते हुए बोला..
"बस हम लोग बातें कर रहे थे जो कुछ भी ट्रिप के दौरान 'अंदर' 'बाहर' हुआ है, कुछ खास नही.." आरोही ने कहा तो सुप्रिया ने धीरे से उसके पेट मे कोहनी मार दी..
"अच्छा, वैसे ट्रिप थी काफ़ी मज़ेदार.."
"हां, कुछ लोगो को कुछ ज़्यादा ही मज़ा आया.." सुप्रिया ने बोला तो आरोही ने उसके उलट कर कोहनी मार दी..
"दोनो कुछ ज़्यादा ही उछल रही हैं, अभी के अभी चोद डाल दोनो को.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"अरुण, रन्निंग के लिए चलें.." आरोही ने अरुण की तरफ बच्चे की तरह मुस्कुराते हुए पूछा..
"दी आप थोड़े वर्काउट के लिए चलोगि..?" अरुण ने सुप्रिया से पूछा..
"नो, स्वीतू मैं बाद मे वर्काउट अपने तरीके से कर लूँगी.." सुप्रिया बड़े हे सेक्सी से अंदाज़ मे बोलकर अपने जीभ अपने होंठों पर घुमा कर बोली..
ये देख और सुनकर अरुण के चेहरा तो पूरा लाल पड़ गया. उसने सोचा उसे दी से बात करनी ही पड़ेगी नही तो आगे काफ़ी बड़ी प्राब्लम हो सकती है. आरोही तब तक अपने रूम मे चली गयी शूस लेने और नीचे आकर सुप्रिया के सामने खड़ी हो गयी..
"दी आप थोड़ी स्ट्रेचिंग मे हेल्प कर दोगि मेरी..??" आरोही ने आँख मार कर कहा..
सुप्रिया ने भी आँख मार कहा "हां चलो..क्या करना है..?"
अरुण तब तक टीवी देखने लगा.
तो आरोही सोफे से साइड वाली दीवार से सट कर खड़ी हो गयी और अपना पैर सुप्रिया के हाथों मे देकर स्ट्रेचिंग करने लगी. उसे पता था कि अरुण तिरछी निगाहों से उन दोनो को देख रहा है..
अरुण की हार्टबीट इनक्रीस हो जब उसने देखा कि सुप्रिया ने आरोही की टाँग को बिल्कुल सीधा कर दिया है..आरोही थी भी काफ़ी फ्लेक्सिबल, स्पोर्ट्स, जाइमनॅसटिक्स के कारण वो ये सब करती रहती थी.. लेकिन आज उसने पैंटी नही पहनी थी तो योगा पॅंट्स के अंदर से उसकी चूत को आसानी से महसूस किया जा सकता था..अरुण कनखियों से उसे देखने लगा तो उसका गला सूखने लगा..
सुप्रिया बिल्कुल आरोही से सट कर खड़ी हुई थी.."दूसरा पैर भी?" सुप्रिया ने अरुण को साइड से देखते हुए पूछा..
अरुण ने थूक निगल कर अपने होंठों पर जीभ फेरी..जैसे ही आरोही ने दूसरा पैर उपर किया..
अरुण की नज़र सीधे जाके आरोही के पैर के जोड़ो पर पड़ गयी..सॉफ सॉफ उसकी चूत के उभार को देखा जा सकता था..
"जा और पकड़ कर चोद डाल, ऐसा मौका, ऐसी चूत.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण ने धीरे से अपना सिर हिलाया..
"थॅंक्स दी.." आरोही ने अपना पैर नीचे करते हुए कहा..
"यू'आर वेलकम, स्वीटी.." सुप्रिया अपने हाथ झाड़ते हुए बोली..
आरोही ने अपने हाथ आगे कर के सुप्रिया का सिर अपने पास मे खींच लिया.."दी..आइ मीन इट, थॅंक यू सो मच.." सुप्रिया की आँखें चौड़ी हो गयी जैसे ही आरोही ने अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए.. सुप्रिया के सिर मे चिंगारियाँ फूटने लगी, आरोही को किस करके और उसने भी मस्ती मे अपना मूह खोल कर उसकी जीभ का स्वागत किया..
"मैने कहा था ये लेसबो है, मैने कहा था..अब तो जाअ..." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण कनखियों से देख कर परेशान हो रहा था..
आरोही ने किस को तोड़ा और अरुण की तरफ देखा तो अरुण ने तुरंत ही अपनी गर्दन टीवी की ओर कर दी.."चले, भाई..?" आरोही ने पूछा.. और बिना कोई जवाब लिए वो दरवाजे की ओर चल दी..
अरुण ने अपना लंड ठीक करके एक बार सुप्रिया की ओर अजीब नज़रों से देखा फिर आरोही के पीछे उसकी गान्ड को निहारते हुए धीरे धीरे जॉगिंग करते हुए बाहर निकल गया..
वहाँ घर मे सुप्रिया धम्म से सोफे पर बैठ गयी और अपनी साँसों पर काबू पाने की कोसिस करने लगी.. उसने सोचा भी नही था कि आरोही ऐसा कुछ कर देगी.. माना की सर्प्राइज़्ड हुई थी लेकिन अच्छा भी काफ़ी लगा था..फिर उसके दिमाग़ मे एक प्लान ने जन्म लेना शुरू कर दिया जिससे उसके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी..
बाहर आरोही अरुण को अपने आगे निकलने ही नही दे रही थी.. उसने मुड़कर पीछे देखा तो अरुण ने तुरंत ही अपनी आँखें उसकी गान्ड से उपर उठाकर उसके उपर कर दी..
आरोही ने अपनी स्पीड हल्की कर दी और अरुण को पास मे आने दिया.."कुछ ज़्यादा ही तांका झाँकी हो रही है, है ना भाई..??" आरोही ने हंसते हुए पूछा..
"आअ..ऐसा कुछ न्ही है.." अरुण ने बोलना स्टार्ट किया लेकिन फिर चुप हो गया क्यूकी सफाई देने से कुछ फ़ायदा तो होने वाला था नही..तो उसने कुछ और ही बोल दिया.."तुम कुछ ज़्यादा ही बोल्ड नही हो गयी हो आज कल.?"
"सब तुम्हारी ही ग़लती है.."आरोही ने हँसते हुए जवाब दिया..
"हां, सब मेरी ही ग़लती है.."अरुण ने ठंडी आह भरते हुए कहा..
कुछ देर तक दोनो शांत रहे फिर आरोही ने चुप्पी तोड़ते हुआ पूछा.."तो भाई, तुम्हे ट्रिप पसंद आई.."
"व्हाट डू यू थिंक..?" अरुण ने भी उसका साथ देते हुए कहा. उसे पता था कि अब पीछे हटने से कोई फ़ायदा नही है..
"ओके, तो अगर तुम ढंग से पेश आए आगे तो हो सकता है तुम्हे घर और ज़्यादा पसंद आने लगे.." आरोही ने उसे आँख मारकर कहा और अपनी स्पीड तेज करके आगे बढ़ गयी..
"तू सबसे लकी है भाई..ऐसी गान्ड तो भगवान बीवी को भी नही देता.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
घर आकर अरुण तो सीधा शवर लेने चला गया और आरोही जाकर टेबल पर मिल्कशेक पीने लगी. वहाँ पर बाकी तीनों भी थी फिर वो लोग ट्रिप की बातें करने लगी..
कुछ घंटो बाद अरुण नीचे आया तो सिर्फ़ स्नेहा नीचे टीवी देख रही थी तो वो आके उसके पास बैठ गया..
"बाकी सब कहाँ हैं दी?" अरुण ने उसके कंधे के उपर हाथ रखते हुए पूछा.
"सोनिया अपनी फ्रेंड पायल के घर गयी है, आरोही और सुप्रिया दी माल गयी हैं कुछ शॉपिंग करनी है उनको.."
"गोआ से इतनी शॉपिंग करके आई तो जी नही भरा उनका..क्या होगा दोनो का??" अरुण और स्नेहा हँसने लगे..
"तो अरुण आइ वॉंट टू नो सम्तिंग..?" स्नेहा ने टीवी बंद करते हुए कहा..
"यॅ, दी बोलो ना.." अरुण स्नेहा की ओर बैठते हुए कहा..
"तो, ऐसा क्यू है कि हमारी बहनें तुमसे सेक्षुयली अट्रॅक्टेड हैं..??" स्नेहा ने सीधे सीधे अपनी लॅंग्वेज मे पूछ लिया..
अरुण चुप. उसे पहले तो समझ मे ही नही आया कि स्नेहा ने क्या बोला. फिर उसे धीरे धीरे पूरी बात समझ आई तो बेचारा कुछ बोल ही नही पाया बस नज़रें नीचे कर दी..
"ठाकुर, तू तो गियो.."अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"आइ मीन, मैं सुबह से इसके बारे मे सोच रही हूँ और अब एक थियरी है लेकिन मुझे कुछ कमी लग रही है.." स्नेहा ने अरुण को चुप देखकर बोला..
अरुण के सिर मे एक साथ हज़ार बातें स्टार्ट हो गयीं..
"पहले तो मैने फॅक्ट्स कलेक्ट किए हैं.." स्नेहा ने अरुण के सर्प्राइज़्ड लुक को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा.."फर्स्ट, सोनिया, आरोही और सुप्रिया दी तीनों की बॉडी अलग टाइप की है, लेकिन तीनो हैं अट्रॅक्टिव, हैं ना.."
अरुण ने ना मे अपना सिर हिलाया.."एक सेकेंड.."
"मुझे नही लगता ये बात इतनी कॉंप्लिकेटेड थी.." स्नेहा ने कन्फ्यूज़ होकर कहा..
"नही दी वो नही,, आ..आपको पता कैसे चला..?" अरुण ने शर्म के कारण धीरे से कहा..
"ओह्ह्ह्ह, वो, वो मैने तुम्हे और आरोही को वहाँ गोआ मे एक साथ देख लिया था. सुप्रिया दी ने भी देखा, आंड वैसे भी दी तो तुम दोनो को देख कर अपने होंठो को लिक्क कर रही थी, तो मुझे समझते देर नही लगी कि वो भी कुछ ना कुछ तो तुम्हारे साथ कर रही हैं. और आज सुबह मैने तुम्हे और सोनिया को सेक्स करते हुए देख लिया..तट वाज़वेरी...इनफॉर्मॅटिव," स्नेहा ने ऐज आ फॅक्ट के लहज़े मे कहा तो अरुण को चेहरा लाल हो गया.
"नाउ, वापस थियरी पर..मैं कह रही थी कि.." स्नेहा ने दोबारा बोलना स्टार्ट किया..
"दी..एक मिनिट.." अरुण ने टोका..
तो स्नेहा ने मूह फुलाते हुए देखा उसे..
"दी आप इस चीज़ से अफेंडेड क्यू नही हो..?" अरुण ने आँखों मे देखते हुए कहा..
तो स्नेहा ने उपर देखना स्टार्ट कर दिया. उसे खुद नही समझ मे आई ये बात.
"ऑनेस्ट्ली, मुझे खुद नही पता." स्नेहा ने उपर देखते हुए कहा, फिर खुद ही बोली.."कूरीोसिटी, आइ थिंक? शायद जब मैं पूरी बात समझ लूँ तब अफेंडेड हो जाउ.."स्नेहा ने कंधे उचका कर कहा."एनीवेस, तो हमारी सारी सिस्टर्स अट्रॅक्टिव हैं. यानी अगर वो बाहर किसी सूटबल कॅंडिडेट को ढूँढे तो उन्हे कोई प्राब्लम नही होगी..है ना.?"
अरुण ने सोचा ये बात माननी ही होगी कि स्नेहा इन चीज़ो से अफेंडेड नही है. और उपर से कभी कभी ना तो ये बात सामने आनी ही थी. और उपर से शायद स्नेहा से वो ये भी जान सके कि वो इतना सेक्स के बारे मे क्यू सोचता रहता है..
"सेकंड्ली, तुमने किसी के साथ ये स्टार्ट नही किया, हर केस मे उन लोगो ने ही स्टार्ट किया था.. सो बेसिकली दे आर सिड्यूसिंग यू, करेक्ट?"
अरुण ने हां मे सिर हिला दिया..
"सो, वो सब अट्रॅक्टिव भी हैं आंड बाहर उन्हे काफ़ी ऑप्षन्स भी अवेलबल हैं लेकिन फिर वो लोग अपने घर मे ही क्यूँ सेक्षुयली आक्टिव हुई आंड वो भी अपने भाई के साथ??"
अरुण ने फिर हां मे सिर हिला दिया.."सो मैं सोच रही थी कि, क्या जो सोनिया के साथ क्लब मे हुआ वहाँ से ये सब स्टार्ट हुआ??"
अरुण ने ना मे अपना सिर हिला दिया क्यूकी सुप्रिया से उसके सेक्षुयल रिलेशन्स फाइट से पहले ही स्टार्ट हो गये थे.
"तो, सिर्फ़ सोनिया ने उसकी वजह से स्टार्ट किया ये सब..यही वॅलिड रीज़न है. क्यूकी हमारी स्पीशीस मे जब कोई फीमेल एमोशनल ब्रेकडाउन से गुजर रही होती है तो वो अपने सबसे करीब मे जो भी मेल होता है उसके प्रोटेक्षन मे जाने लगती है. और हमारे केस मे हम लोगो के घर मे मेल मेंबर केवल तुम ही हो तो जब तुमने उसकी टेक्निकली जान बचाई तो सोनिया को तुम्हारे एमोशनल सपोर्ट की ज़रूरत थी जो तुमने उसे प्रवाइड की और यहीं से उसकी फीलिंग्स एक भाई बहेन से उपर बढ़ गयी.."
"लंड घुसा दे मूह मे, तब चुप हो जाएगी.बक,बक.बक.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण ने हां मे सिर तो हिला दिया लेकिन फिर सोचने लगा कि उसकी ज़रूरत ही कहाँ थी इस डिस्कशन मे..
"हां, लेकिन आरोही के बारे मे मुझे नही पता कि उसने वो सब क्यू स्टार्ट किया..?" स्नेहा का चेहरा ये बात कहते टाइम लाल हो गया.
"मुझे खुद नही पता दी.." अरुण ने कंधे उचकाते हुए कहा.
"सुप्रिया दी, हां ऐज वो एक तरीके से हम सबकी पेरेंट की तरह हैं और हम सब की केयर करती हैं तो जब उन्होने तुम्हे घर मे 3 सेक्षुयली अट्रॅक्टिव लड़कियों के कारण परेशान देखा होगा तो हेल्प करने की सोची होगी..." स्नेहा बोल ही रही थी की अरुण ने टोक दिया..
"दी 3 नही 4, मैं पहले ही बता चुका हूँ कि मुझे.."
"यॅ, आइ रिमेंबर" स्नेहा ने आँखें नीचे झुका के कहा.."कि तुम्हे मैं भी सेक्सी ओर वॉटेवर लगती हूँ, लेकिन बस ये बात मैं आक्सेप्ट नही कर पा रही हूँ.."
अरुण ये सुनकर मुस्कुराया, और सोचने लगा कि ये बात वो स्नेहा की लॅंग्वेज मे किस तरीके से कहे.
"उसे छोड़ो, सुप्रिया दी के बारे मे मेरी थियरी ये है कि जब भी एक फीमेल पहले किसी सेक्षुयल आक्टिविटी मे पार्टिसिपेट कर चुकी हो और बाद मे उसकी सेक्षुयल आक्टिविटी बंद हो गयी हो..तो जब भी वो ऐसी किसी सिचुयेशन को देखती है तो वो अपने सबसे करीबी मेल को अटेन्षन देने लगती है. और उपर से वो तुम्हारी हेल्प करना चाहती थी तो और ज़्यादा."
अरुण ने बात को समझते हुए अपना सिर हिलाया.."तो आप कह रही हैं कि मेरी सिस्टर्स मुझे इसलिए सिड्यूस कर रही हैं क्यूकी वो बाहर जाकर किसी और के लिए इतनी मेहनत नही करना चाहती..??"
"एक तरीके से,,हां..कन्वीनियेन्स प्ले आ पार्ट इन और केस. तुम घर मे ही रहते हो, सिंगल हो जहाँ तक मुझे पता है.. तो एक लाइन मे..यू आर रेडी, विल्लिंग आंड एबल तो.."
"आउच.." अरुण बोला..
स्नेहा ने एक दम से उसकी ओर थोड़े ध्यान से देखा फिर उसे रीयलाइज़ हुआ कि अरुण ने आउच क्यूँ बोला.."ओह मुझे पता नही था कि ये बात तुम्हे हर्ट करती है कि 3 लड़कियाँ तुम्हे अट्रॅक्टिव पाती हैं..मेरे हिसाब से तो यही सबसे करेक्ट रीज़न है.."
"ओके, ओके थॅंक्स फॉर मेकिंग मे अट्रॅक्टिव..लेकिन आप ये थियरी प्रूव कैसे करोगी..?" अरुण बोला.
स्नेहा ने उसकी तरफ ध्यान से देखा जैसे की आन्सर उसे पता होना चाहिए.."हम लोगो इस सिचुयेशन मे नयी चीज़ें आड करते हैं जैसे की नये ऑप्षन्स.."
"वो कह रही है कि 10 12 लड़को को घर पर रख ले, चूतिए.."
अरुण को ये बात सोचकर जलन होने लगी..
"मैं पक्का श्योर हूँ कि अगर उन्हे नये ऑप्षन्स मिलेंगे तो वो उनके साथ आक्टिव हो जाएगी और हमारा घर दोबारा आक्टिव हो जाएगा.." स्नेहा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया
जैसे उसे इस बात के लिए प्राइज़ मिलने वाला हो..
"एक सेकेंड दी..फर्स्ट ऑफ ऑल मुझे नही लगता कि ये इतना सिंपल है. और दूसरी बात, सोनिया किसी और के साथ डेटिंग के लिए अभी रेडी नही है.." अरुण बोल तो ऐसे रहा था जैसे उसे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा हो लेकिन ये बात कहते वक़्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके दिल मे कोई छुरे घोंप रहा हो..
"सब मेरी हैं, बे..." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"मेरी?" अरुण ने आवाज़ से पूछा..
"हमारी, हमारी.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"तो तुम्हारे हिसाब से हम कैसे टेस्ट करें?" स्नेहा ने थोड़ा नाराज़ होकर पूछा.
अरुण को तुरंत ही एक आइडिया आया और खुद को दाद देने लगा..
"वेल, कयि सारे सब्जेक्ट्स को टेस्ट करने की जगह किसी एक के साथ ही टेस्ट क्यू नही करते हम लोग.." अरुण ने बोला..
स्नेहा ने ना मे अपना सिर हिलाते हुए कहा."वी कॅंट. हमारी हर सिस्टर की नीड्स अलग अलग हैं. सबके बिहेवियर अलग हैं. तो तीनो मे से किसी एक पर टेस्ट करके मैं थियरी टेस्ट नही कर सकती.."
अरुण को हँसी आ गयी कि स्नेहा उसकी बात नही समझ पाई है.."दी, मैं उन सबके बारे मे बात नही कर रहा था.."
"तो फिर कौन? और कौन है टेस्ट के लिए.." स्नेहा ने उपर की तरफ़ देखते हुए कहा फिर उसे रियलाइज़ हुआ तो उसके मूह से वही पुराना ओह्ह्ह्ह निकल गया..
"एक मिनिट के लिए इस सिचुयेशन को नॉर्मल मान लेते हैं..अगर ये नॉर्मल है कि तीन बहने अपने ही भाई के साथ सेक्षुयली आक्टिव हैं..तो इस केस मे चौथी बहेन को भी उसके भाई के प्रति सेक्षुयली अट्रॅक्ट होना चाहिए."
"प्रभु,, आप महा ज्ञानी हैं.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"तो तुम्हारे कहने का मतलब है कि मुझे ये जानने की कोसिस करनी चाहिए कि मैं तुम्हे सिड्यूस क्यू नही करना चाहती.." स्नेहा ने उठ कर ताली बजाते हुए कहा. वो एग्ज़ाइट हो गयी थी कि आख़िर उसकी थियरी का सल्यूशन मिल जाएगा.
"मैने जो कहा वापस लेता हूँ. उसे ये समझाने से कि वो हमे क्यू नही चुदना चाहती हम उसको चोद नही पाएँगे, चुतिये.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण को समझ नही आ रहा था कि उसे इस बात पर खुश हो या इन्सल्टेड महसूस करे कि स्नेहा उसे सिड्यूस नही करना चाहती...
"ओह, वेल हम सबके साथ तो सेक्स नही कर सकते.." अरुण ने सोचा..
"तेरी हिम्मत कैसे हुई ये बात कहने की.." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
"तो दी आप क्या करने वाली हैं.." अरुण ने स्नेहा की ओर देखते हुए कहा.
"अभी तो मैने कुछ सोचा नही है..लेकिन कुछ ना कुछ तो सोच ही लूँगी.."
अरुण ने उसे बेस्ट ऑफ लक बोला और हँसते हुए अपने रूम मे आकर बेड पर लेट गया और सोचने लगा कि वो कोई अजीब सा साइंटिफिक तरीका इज़ाद करेगी ये बात जानने का..
थोड़ी देर बाद ही उसके रूम का डोर ओपन हुआ और स्नेहा अंदर आ गयी..
"आपने आइडिया ढूँढ लिया ना.." अरुण ने उसकी स्माइल देख के कहा..
स्नेहा ने हां मे सिर हिलाया.."एप, खड़े हो जाओ जल्दी से.."
अरुण खड़ा हो गया.."दी करना क्या है..?"
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