RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
जल्द ही उस औरत ने अपने होंठ खोले जिसके होंठो से गाढ़ा खून उगलने लगा राजा ने उसके होंठो से अपने होंठ जब सटाये...तो मैने अपना मुँह फेर लिया नापकीयत के इस बेहया को मैं और सहन नही कर सकता था....साथ ही ख़ौफ़ जागने लगा दिल ज़ोर से धड़क उठा यानी इसका मतलब ये राजा शैतान है इसने बाजी को अपनी पाँचवी दुल्हन के रूप में अपने पास रखा है मुझे बाजी को इसकी क़ैद से छुड़ाना होगा वरना............
अचानक मैने देखा कि दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़े हवाओं में जैसे तैरने लगे.....और फिर धीरे धीरे दोनो क़िले के द्वार से वापिस अंदर की ओर चले गये.....मैं वही पेड़ पे उन्हें दूर जाते हुए देख रह था...वो दोनो धीरे धीरे सीडियो से नीचे चलते जा रहे थे....और नीचे की तह तक..जब सीडिया ख़तम हुई तो एक तहख़ाने का द्वार खुल गया जिसके अंदर की महक अज़ीब सी थी और चारो ओर कफ़न में लिपटी हुई उन दुल्हनो की लाश जिन्हें आजतक इस क़िले में रानी के रूप में लाया गया और फिर उनकी पिशाच को वापिस जगाने के लिए बलि चढ़ा दी गयी....मुझे जब इन सब को देख कर मालूमात हुआ तो मेरे अंदर का दिल जैसे काँपने लगा...मन किया अभी बाजी को अपनी बाहों में लून और इस नापाक जगह से हमेशा हमेशा के लिए कहीं दूर चला जाउ आजतक शायद बाजी मेरे ही आने के इंतेज़ार में बची हुई थी और वो इब्लीस भी मेरा फायेदा उठना चाहता था तभी तो उसने मुझे ख़ास तौर पे यहाँ ऐसे ही बुलाया इन शैतानो की चाल मैं समझ चुका था
मैं अभी अपने कमरे में लौटा ही था इतने में लूसी एकदम से सामने आके खड़ी हो गयी "कहाँ गये थे तुम?".........मैं अपने आपको बदल नही पा रहा था ख़ौफ्फ से मेरा पूरा बदन सिहर रहा था तो क्या ये सब भी इंसान का शिकार करते है अगर इन्हें पता लगा तो मुझे मार डालेंगे यह लोग पहले".......लूसी एकदम चुपचाप गंभीर निगाहो से मुझे घूर्र रही थी
"डरो नही तुम्हें मारने का मुझे कोई हक़ नही है...."........
मैं सहम उठा फिर चारो ओर देखते हुए उसके करीब आया
लूसी : मौत के घर में ज़िंदगी की दस्तक तभी सुनी जाती है जब कोई ज़िंदगी मौत में तब्दील होने वाली हो इस क़िले में ना जाने कितने सैकड़ो मासूम मालिक का शिकार होते आए है
मैं : मैं अपनी बाजी को यहाँ से लेके जाउन्गा
लूसी : स्शह धीरे बोलो (उसने मुझे फ़ौरन धकेलते हुए दीवार से सटा दिया और दरवाजे को कस्के बंद कर दिया) अगर राजा को पता चला तो तुम्हें पहले जान से मार डालेंगे बेहतर यही है कि जो नापाक ज़िंदगी जी रहे हो उसे ही बस जी लो
मैं : नही (मैं गरज उठा भेड़िया जैसे मुझपे हावी होने ही वाला था मेरी आँखो को देख कर लूसी सहम उठी मैने लूसी के कंधे से उसे जकड लिया) सुना तुमने मेरी बाजिी किसी बलि की भेट नही चढ़ेगी उसे मौत से वापिस मैं लाया था और इस इब्लीस की औलाद के लिए उसे जान से मरने दूं ताकि मुझे कुछ ना हो ये याद रखना शायद तुम्हारे दिल मरे हुए हों पर इस दरिंदे का दिल अब भी कहीं ना कही अपनी बाजी के लिए धड़कता है...उसके लिए मैं इस पिशाच से भी लड़ने को तय्यार हूँ पर मैं अपनी बाजी को यहा से लेके जाउन्गा ही
लूसी : तुम नही समझ रहे राजा की पहली बीवी क्रिसटीना बेगम थी जो जंग के दौरान खुद्कुशी कर गयी जानते हो क्यूँ? उसके पिताजी को पता लग चुका था कि उनका होने वाला दामाद एक पिशाच का पुजारी है उसने अपने खून को बहाया सिर्फ़ अमरता हासिल करने के लिए और अब उस जैसा ख़तरनाक पिशाच कोई नही ये सारे मुलाज़िम और मैं खुद उन से डरते है....
मैं : तो मार दो मुझे इससे पहले कि तुम्हें अपने मरी हुई जान का ख़ौफ़ हो क'मोन
लूसी : ज़िंदगी में पहली बार किसी से दिल लगाया है....शायद ये आसान ना हो कहना पर मुझे तुम बेहद पसंद हो लेकिन अब जब तुम्हें अपनी बाजी के लिए यूँ लड़ता देख कर ऐसा ही लगता है कि तुम अपनी बाजी के लिए बने हो...तुम्हारे पवित्र रिश्ते को वो शैतान ख़तम कर देगा वो अपने हर दिए हुए ज़ख़्म को मालकिन की गर्दन पे काटके उन्हें अपने ओर खीचते है ताकि वो उन्हें छोड़ कर कहीं चली ना जाए
मैं : तो फिर हम क्या करे? बाजी उसके कब्ज़े में है हम यहाँ फँस चुके है कोई तो रास्ता होगा
लूसी : तुम शीबा बाजी को लेके फरार हो जाओ
मैं : क्या? और अगर राजा को पता लगा तो वो तुम्हें ही मार देंगे और फिर हमारा पीछा करते हुए हम तक पहुच जाएँगे
लूसी : तुम सिर्फ़ अपने प्यार की परवाह करो चले जाओ इस शैतानी इलाक़े से दूर
मैं : नही तुम्हें भी मेरे साथ चलना होगा
लूसी : अगर इंसानी बस्ती में किसी को मालूमात हुआ तो वो लोग मुझे जान से मार डालेंगे मैं मज़बूर हूँ (उसके खून के आँखो के गिरते आँसुओं को मैं देख सकता था) हर रात वो तहख़ाने में अपनी मरी हुई बीवी के साथ संबंध बनाता है और फिर उपर आता है फिलहाल तो बाजी के कमरे मे पिशाचो का पहरा होगा और आधा चाँद कल फिर निकलेंगा और क्या पता ? तुम्हारी बाजी की यह आखरी रात हो इसलिए कहती हूँ ले जाओ उन्हें यहाँ से
मैं : ठीक है
वादा अब पक्का हो चुका था.....हावव हावव करते भेड़िए रो रहे थे....रात काफ़ी हो चुकी थी....खामोश खड़े उन पिशाचो की निगाहो के सामने लूसी खड़ी थी और उन्हे कातिलाना आँखो से घूर रही थी फिर उसने पास जाके दोनो पहरेदार पिशाचो के लंड को कपड़ों के बाहर से से ही सहला दिया....दोनो ही दाँतों पे ज़ुबान फिरने लगे....लूसी उन्हें खीचते हुए अपने साथ दूसरी ओर ले गयी....
तब तलाक़ प्लान के मुताबिक मैं बाजी के कमरे में आ चुका था...बाजी एकदम पस्त लेटी हुई थी...मैने बाजी को जैसे ही उठाया बाजी ने मेरी ओर हैरान भरी निगाहो से मुस्कुराइ "क्या हुआ तुम यहाँ इस वक़्त?"..........
.मैने बाजी के मुँह पे हाथ रखा..."बाजी समझाने का वक़्त नही है हमे यहाँ से रवाना होना होगा"......शीबा बाजी समझ नही पा रही थी..."पर वर कुछ नही बस ये राजा आपका शौहर ये एक खब्बीस है अपने फ़ायदे के लिए ये आपकी बलि चढ़ाएगा आपकी कुर्बानी से अपनी नापाक माशूका को ज़िंदा करेगा".........
बाजी ने मुझे धकेल दिया और गुस्से से उबल उठी "ये सब तुम क्या कह रहे हो?".....
."बाजी ये सच है"........
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