RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
आभा: वाह भैया, माँ जी तो तुम्हारे ही जैसे मर्द की जरुरत है। दरअसल माँ जी ऐसे ही मन करती हैं ये इनके सेक्स करने की आदत है, पर ये आपसे खूब चुदेंगी। पलंग की लगातार आवाज़ से राहुल के माँ और पिता गेट पर आ गए और बोले सब कुछ ठीक तो है न।
आभा गेट के पास जा के बोली- सब कुछ ठीक हैं, वो हम जरा सामान इधर-उधर कर रहे हैं, गेट के पास almirah है इसलिए खोल नहीं सकते, थोड़ी देर में सब सेट हो जाएगा।
कुछ देर के बाद राहुल फिर भाभी को पेलने लगा। वो जब थक के झड़ गया तो आभा ने भाभी को सीधा करके राहुल के मुँह में भाभी का स्तन डालते हुए बोला- ये चूसो भैया, तुरंत ताकात आएगी और फिर आप इस गाय को दूहने लगोगे। राहुल ने भाभी के होठों को मुँह में लेते हुए बोला- दीदी, क्या से क्या हो गयी तुम! मुझे बहनचोद बना दिया तुमने।
भाभी: जबरदस्ती चोद रहे हो अपनी बड़ी दीदी को! और शर्म भी नहीं आती तुम्हे?
राहुल: सच में! तुम्हारे छोटे भाई ने तुम्हे चोद दिया और तुम पूछ रही हो 'शर्म आती की नहीं उसे'! क्या चुड़क्कड़ औरत हो तुम मधु? नहीं आती शर्म मुझे। (फिर राहुल ने भाभी के ऊपर चढ़ते हुए उनके होठों और गालों को चाटना शुरू कर दिया )
आभा: भैया जल्दी कर लो, कभी कभी सुनील भैया दिन में भी आ जाते हैं, ये तो खुश है आपसे चुद के पर वो काफी गुस्सा करेंगे आपको ऐसे देख के। (आभा जानबूझ कर भाभी को एक चुड़क्कड़ औरत के रूप में पेश कर रही थी, राहुल इसे सही समझ रहा था और भाभी के ना को वो महज इतराना समझ रहा था)
आभा: देखो कैसे इतराती है ये गाय, दिन भर भैया और मैं इसे मसलते हैं ताकि इसके दूध के थन और बड़े हों, बड़े अच्छे से मसलवाती है, फिर भैया इसे जम के चोदते हैं पर आपके साथ नखरा कर रही है। वैसे भैया आपने इसे सुनील भैया को क्यों दे दिया? अपने पास रखते इस गदराई गाय को और इसे दिन-भर चोदते!
(राहुल अब भाभी को चूमते हुए उनके चूत में अपना लंड पेल रहा था। आभा ने उसे पूरा उतेज्जित कर रखा था। फिर आभा भाभी से बोली- माँ जी, आपके भाई के पास चली जाओ, ये तुम्हे खूब खुश रखेंगे। ये सुनील भैया से बड़े भी लगते हैं (राहुल ने बोला- पूरा 9 साल बड़ा हूँ मैं उससे)।
आभा: माँ जी, बोलो जाओगी राहुल भैया के पास?
राहुल: सही कहा तूने आभा, मुझे दीदी की शादी नहीं करवानी चाहिए थी।
फिर राहुल ने भाभी के बदन को जमकर मथा। आभा के चले जाने के बाद भी वो गेट लगाकर भाभी के बदन को चूमता रहा। बहुत देर के बाद उसने भाभी को छोड़ा और दुसरे कमरे में चला गया।
रात में जब मैं आया तबतक आभा खाना बनाकर चली गयी थी। हम रात में खाने के टेबल पर बैठे तो मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठा लिया और उन्हें खुद के हाथों से खिलाने लगा। भाभी के नंगे बाहों और जाँघों पे मेरे हाथ को राहुल घूरते हुए देख रहा था। भाभी सर झुकाये हुए थी और मैं उन्हें अपने हाथों से खिला रहा था। मैं उन्हें गले में और उनके गालों को चुम भी लेता था। मेरे लिए ये बड़ा मादक पल था। भाभी के माँ पापा बड़ा असहज महसूस कर रहे थे और वो चुप-चाप नीचे सर करके खा रहे थे। कुछ देर बाद भाभी की माँ बोलीं- सुनील बेटे, हम सोच रहे हैं की कल निकल जाएँ।
भाभी: माँ, आज ही तो आये हैं आपलोग, कुछ दिन और रुकिए प्लीज। (भाभी जब ये बोल रही थी तब भी मैं उनके गले में किश कर रहा था)
भाभी की माँ: नहीं बेटी, वो तो बस हम मिलने आ गए, हमें वहाँ जरुरी काम है।
मैं: (भाभी को चूमते हुए) माँ जी, पर राहुल को तो रहने दे। एक हफ्ते बाद वो चला जाएगा।
भाभी की माँ: हाँ, राहुल रुक सकता है
(मुझे पता था की राहुल रुकना भी चाहता था, मैंने ही तो आभा को बोल के भाभी को राहुल से चुदवाया था। पर भाभी को अभी भी नहीं भनक थी उसकी। वो चाहती तो नहीं थी की राहुल रुके क्यूंकि उन्हें पता था वो क्या करेगा उनके साथ पर वो चुप रहीं। )
खाना खा कर हम अपने कमरे में आ गए। भाभी मुझसे पूरी नाराज़ थीं।
भाभी: सबके सामने ऐसे क्यों करते हो
मैं: अपने घर के ही तो लोग हैं। उन्हें अच्छा लगेगा की उनकी बेटी तो इतना प्यार करने वाला पति मिला है।
भाभी: तुम एक नंबर के हरामी हो। मुझे अफ़सोस होता है तुमसे शादी करके। दिन भर बस मेरे बदन को चूमना, मसलना!
मैं: (भाभी को चूमता हुआ) तुम चीज ही ऐसी हो। तुम्हे दूसरों के सामने प्यार करने में बड़ा मज़ा आता है। सुबह जब मैं तुम्हारे जाँघों पे हाथ फेर रहा था तो राहुल का लंड खड़ा होने लगा था।
भाभी: इसीलिए तुमने राहुल को रोक लिया है ताकि उसके सामने मुझे बेइज्जत करो।
मुझे तो भाभी और राहुल वाली बात पता थी पर भाभी खुद नहीं बता रहीं थी। मैंने भाभी को अपने आगोश में करते हुए कहा- तुम्हारा भाई भी तुम्हारे बदन से उतेज्जित हो जाता है। सोचो, माँ, तुम कितनी गदराई औरत हो।)
फिर मैंने भाभी को जम के चोदा और उन्हें चोदते हुए दीदी बुला रहा था। चोदते वक़्त भाभी मुझे खुद से जकड़ लेती थीं फिर उनके मांसल शरीर के आगोश में मैं जोर से धक्के लगता। भाभी की एक बात विशेष थी- वो गुस्सा जरूर करतीं मेरे पे पर चुदते वक़्त पूरा साथ देती।
अगले सुबह भाभी के माँ पिताजी घर वापस चले गए और मैं ऑफिस आ गया। मेरे ऑफिस के लिए जाते ही राहुल ने आभा के सामने भाभी को अपनी बाहों में कर लिया और बिस्तर पर लाकर उन्हें पेट के बल पटक दिया। उनके हाफ पंत को नीचे करके उनके नितम्बों में अपना लंड घुसाते हुए उनके बदन को मजबूती से जकड़ के उनके गालों को चूमने लगा।
राहुल: मादरजात क्या चुड़क्कड़ औरत हो गयी है तू मधु दी। तेरे जिस्म ने पागल कर दिया है मुझे।
भाभी: छोड़ दे मुझे राहुल। ये सही नहीं है।
राहुल: (भाभी के होठों को अपने मुँह में लेते हुए) तुझे कैसे छोड़ दूँ, मधु दी। तू चोदने के लिए ही बनी है साली।
आभा: (पलंग के पास कड़ी राहुल को भाभी के बदन को अपने बाहों में जकड़ते हुए देख रही थी) माँ जी बहुत भारी हैं न! बहुत मेहनत होती है इन्हे चोदने में । सुनील भैया इनकी जम के चुदाई करते हैं ।
राहुल: सुनील ने सच में मेरी बहिन को एक मोती गदराई रंडी बना दिया है। दिन-भर इसे मसलता है और रात में चोदता है। साले ने क्या किस्मत पायी है, मेरी बहिन उसे बीवी के रूप में मिली है।
(फिर राहुल भाभी के नितम्बों को जम के पेलने लगा, वो भाभी के मांसल जिस्म के ऊपर जोर जोर से उछाल रहा था। अपनी सगी बहिन जिसने उसे पढ़ाया था को वो ऐसे पेल रहा था जैसे वो उसकी दीदी नहीं अपनी बीवी हो)आभा: भैया, आपकी शादी हो चुकी है न, माँ जी को आप बहुत प्यार कर रहे हैं। अच्छा लग रहा होगा काफी दिनों बाद स्वाद बदल के।
राहुल: मेरी बीवी तो इसके सामने कुछ नहीं है, ये मेरी बीवी हो तो मैं इसे सुनील की तरह ही हमेशा चोदता।
आभा कुछ देर के बाद चली गयी पर दोनों की चुदाई जारी रही। राहुल दीदी के अकेले होने पर थोड़ा शर्मा गया था। अहसास तो उसे भी था की वो गलत कर रहा है पर वो खुद को रोक नहीं पा रहा था।
राहुल अब भाभी को सीधे करके उनके होठों को बड़े प्यार से चूस रहा था। भाभी बीच-बीच में थोड़ा मन करती पर वो अपनी पकड़ बढ़ा देता फिर भाभी हिम्मत छोड़ देती। पर भाभी ने अभी तक उसका साथ नहीं दिया था। उन्होंने बस अपने को ढीला छोड़ा हुआ था और राहुल हवस के नशे में उन्हें चोदे जा रहा था।
कुछ देर में राहुल रुका तो भाभी ने धीरे से उसके आँखों में देखते हुए पूछा: राहुल, मैं तेरी दीदी हूँ, तुझे शर्म नहीं आती।
राहुल: मेरे सामने क्यों सुनील से मसलवाती है तू।
भाभी: ऐसे बोलेगा अपनी दीदी से तू। वो मेरे पति हैं।
राहुल: तू मेरी दीदी भी तो है, भाई के सामने अपने बदन को मसलवाने में तुझे बड़ा मजा आता है, और जब भाई तुझे मसल रहा है तो बड़ी दिक्कत है।
भाभी: क्या हो गया है तुझे। तुम्हारी बड़ी दीदी हूँ मैं।
राहुल: (भाभी के होठों को चूसते हुए) मुझे तुम्हारे बदन के आगोश में बड़ा मज़ा आ रहा है दीदी। एक बार तुम भी मेरा साथ दे दो न, फिर मैं तुम्हे छोड़ दूंगा। सुनील की तरह मुझे भी प्यार कर लो।
भाभी चुपचाप राहुल के हवस के सामने शांत रहीं, राहुल ने उन्हें जम के चोदा फिर उनके नंगे बदन के आलिंगन में पड़े-पड़े दोनों सो गए।
शाम में मैं आया तो आभा शाम का खाना बना के जा चुकी थी। राहुल दुसरे कमरे में जा चूका था और भाभी खुद मेरी गोदी में आके डाइनिंग स्पेस में सोफे में बैठ गयीं। मैं भाभी को चूमता हुआ उनसे पूछा: क्या हुआ मेरी गाय, आज तू बड़ी मादक लग रही है।
मैं उनके गालों को चाट रहा था तभी राहुल बाहर आ गया और सामने बैठ गया। मैंने भाभी को चूमना जारी रखा। पर आज मेरी उत्तेजना बढ़ी हुई थी। मैं भाभी के टॉप के ऊपर के हुक खोलने लगा। भाभी के स्तन अब आधे नंगे थे फिर मैं उन्हें जोर-जोर से मसलने लगा। भाभी ने अपने हाथ स्तनों के ऊपर रख के उसको छुपाने की कोशिश की। आज राहुल भी एकटक हमें देख रहा था उसका लंड बॉक्सर में पूरा तन गया था। उसे भी उत्तेजना हो रही थी।
|