RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
रात को जब मैं वापस आया तो देखा की भाभी ने पूरे घर को अच्छे से सजवा दिया था। हालाँकि काम तो नौकरानी ने ही किया होगा परन्तु घर की सजावट देख कर ऐसा लगा जैसे भाभी धीरे धीरे वापस खुश होने की तरफ थीं। हमनें खाना खाया फिर मैंने पूछा की मधु कैसी लगी नौकरानी तो भाभी ने कहा की अच्छी थी। मैंने फिर कहा की उसे पता तो नहीं चला तो भाभी ने तुरंत कहा बिलकुल नहीं। मैं समझ गया की भाभी नहीं चाहती की किसी को भी ये पता चले। पर वो अकेले में मुझे पति-पत्नी जैसे बात करने को लेके राजी थी हालाँकि वो खुद कुछ बोलती नहीं थीं। मुझे इसी बात से उत्तेजना रहती थी की मैं भाभी से पत्नी की तरह बात कर सकता था।
फिर मैंने उनके nighty की तरफ देख के पूछा की मालती (हमारी नौकरानी) ने कुछ कहा तो नहीं। भाभी बोली की वो कह रही थी ये पहन के बाहर नहीं जाने को, ये यहाँ दिल्ली में चलेगा नहीं! मैंने मुस्कुराते हुए कहा की मधु तुम चाहे कुछ भी पहनो यहाँ चलेगा नहीं; लोग तुम्हे गन्दी नजर से ही देखेंगे। भाभी ने चौंकते हुआ पूछा - क्यों? मैंने उनसे कहा की कभी अपने बदन को देखा है। बिलकुल एक दुधारू गाय जैसी लगती हो तुम! भाभी ने सर झुका लिया। मैंने थोड़े धीरे से कहा कि भैया ने आपकी तबियत से चुदाई की होगी तभी आप इतनी गदरा गयीं हैं। भाभी ने कोई जवाब नहीं दिया और ये उनका इशारा था की वो ये पसंद नहीं कर रही । फिर मैंने उनसे पूछ लिया कि भैया के नाम से नाराज़ गयी क्या? तो उन्होंने कहा की उनका नाम प्लीज मत लीजिये वो मेरे पति थे। मैंने कहा पर मैं कहाँ मना कर रहा हूँ कि वो आपके पतिदेव नहीं थे! वैसे वो मेरे भैया भी थे (और उनके पास आके उनके विशाल स्तनों को हाथ में लेते हुए कहा की) पर उन्होंने ही तो ये हाल किया है आपका- एक औरत से आपको पूरी दुधारू गाय बना दिया है। आप अगर कपड़ों में भी किसी मर्द के सामने आएँगी तो वो बस आपको चोदने की ही सोचेगा। पर ये सौभाग्य मुझे मिला है और ये कहते हुए मैं उनके सर को उठा के उनके आँखों में देखते हुए मुस्कुराया। फिर हम दोनों सो गए। सोते सोते मुझे ख्याल आया की क्यों न नौकरानी का इस्तेमाल करके भाभी के बदन का भोग किया जाए।
अगले दिन मैंने नौकरानी को समय देखकर अलग से हमारी शादी की बात बता दी और ये भी बता दिया की भाभी अभी भी मुझे पति मानने को तैयार नहीं हैं फिर मैंने उसे कुछ पैसों का लोभ देकर मदद करने के लिए कहा। नौकरानी पहले तो थोड़ी घबराई लेकिन फिर उसने पैसों के लालच में हाँ कर दी। मेरे ऑफिस जाने के बाद नौकरानी ने भाभी को बोला की वो उनकी मालिश करेगी। (अब जैसा मुझे नौकरानी ने फ़ोन पे शाम में बताया) भाभी ने खिला-पीला करके सोनू को सुला दिया और फिर खुद nighty में मालती को मालिश करने के लिए अपने कमरे में बुला लिया। मालती ने भाभी को nighty में देखते हुए कहा की मधु भाभी आप उदास क्यों रहती हैं इतना सुन्दर बदन दिया है आपको भगवन ने और आपको क्या चाहिए! जो लिखा था वो तो हो गया अब नया जीवन शुरू करना चाहिए आपको। फिर उसने भाभी के nighty को खोल दिया भाभी अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं और खुद के ऊपर चादर डाल लिया था मालती तेल लेकर आयी और भाभी के ऊपर से चादर हटा दिया फिर भाभी ने हटे हुए चादर को जाँघों तक दुबारा रख दिया और कहा की जितने दूर की मालिश करनी है उतना ही खुला रखो! मालती ने कहा की दरवाज़ा बंद है और कोई नहीं आ सकता यहाँ पे। फिर भी भाभी काफी शर्मा रही थीं। मालती ने पीछे करके उनके ब्रा के हुक खोल दिए फिर ब्रा तो दोनों हाथों से पकड़-के कहा की क्या साइज हैं दीदी इनके। भाभी ने शरमाते हुए बोला 48! क्या बदन पाया है दीदी आपने; मालती ने बोला की वो इतने लोगों के यहाँ जाती है पर सबसे बड़ी 42 स्तन वाली ही मिली उसे आज तक। फिर उसने भाभी के विशाल स्तनों पे तेल लगा के मालिश शुरू कर दी। मालती ने भाभी से पूछा की भैया उम्र में उनसे छोटे थे न! भाभी ने हाँ में सर हिलाया। मालती ने कहा मधु दीदी पूछोगी नहीं कैसे पता था मुझे? बिना भाभी के बोले ही मालती ने कहा की कम उम्र के ही लड़के इतनी चुदाई करते है बीवियों की। आपके इतनी गदराई औरत मैंने आज तक नहीं देखी मधु दीदी| वैसे मधु भाभी मेरी समझ से आपको फिर शादी करनी चाहिए। ये हरा-भरा बदन तुरंत बैठ जायेगा अगर इसकी चुदाई बंद हो गयी तो। भाभी ने उसे बोला की क्या बकवास कर रही हो। मालती भांप गयी की वो कुछ ज्यादा बोल गयी पर फिर भी उसने स्तनों को मसलते हुए कहा की इन्हे मसलने वाला कोई तो होना चाहिए। कुछ सालों पहले में ऐसे ही एक जगह जाती थी उनके पति के निधन के बाद वो कुछ सालों में ही बूढी से लगने लगी जबकि अगर उसने शादी की होती तो जवानी फिर भर जाती।
फिर मालती ने भाभी के जाँघों की मालिश शुरू की। भाभी पहली बार उत्तेजित महसूस कर रही थी (ऐसा मालती ने मुझे कहा)। मालती ने बात जारी रखते हुए कहा की आप कहें तो मैं सुनील भैया से बात करुँगी वो आप के लिए एक अच्छा कसरती बदन का लड़का खोज देंगे जो आपके बदन की तबियत से दुहाई करता रहेगा। भाभी ने मालती की तरफ गुस्से से देखते हुआ कहा अब रहने दो और अपने काम पे ध्यान रखो। मालती ने भाभी की नितम्बों पे ज़ोरदार चाटा मारते हुए कहा की मधु भाभी कोई भी मर्द तुमसे शादी करने को तुरंत तैयार हो जायेगा। शुरू के एक-दो साल तो वो बस तुम्हे चोदता ही रहेगा। मैं तो कहूँगी की फिर किसी कम उम्र के लड़के से ही शादी करना आप! भाभी अब पूरे गुस्से में आ गयी थी और डांट कर उसे बाहर जाने को कहा। मालती ने माफ़ी मांगते हुए कहा की उसे लगा की भाभी तो ये बातें अच्छी लग रही हैं। फिर कुछ देर तक घर का काम करने के बाद मालती चली गयी।
शाम को भाभी मेरे से मालती की बुराई कर रही थी बोली की वो अच्छे से काम नहीं करती है। मैंने पूछा ऐसा क्या किया उसने तो वो बोलीं की मुझसे शादी करने को कह रही थी। मैंने कहाँ हाँ उसे पता नहीं है न हमारे बारे में इसलिए| तो भाभी ने कहा पर उसे क्या मतलब? मैंने कहा पर उसने क्या गलत कह दिया मधु! तुम जवान हो कोई भी कहेगा तुम्हे दुबारा शादी करनी चाहिए| आखिर डैडी (भाभी के पिता) और राहुल ने भी तो यही किया न! भाभी थोड़ी शांत हो गयी । मैंने फिर उनकी तरफ देखते हुआ कहा की लगता है आज मालती ने मालिश की है तुम्हारे बदन की, कितना अच्छा लगा होगा उसे तुम्हारे बदन पे हाथ फेर के। मेरी तो तुम्हे देख-कर ही उत्तेजना बढ़ जाती है पर तुम्हे मैं पसंद नहीं इसलिए मैं कुछ करता नहीं। पर मधु मैं इंतज़ार कर सकता हूँ तुम्हारे राज़ी होने का मुझे कोई जल्दी नहीं है। फिर मैंने उनके करीब आके उनके नितम्बों को पीछे हाथ ले जाके दबाते हुए कहा की ये बदन तो है मेरा ही - आज नहीं तो कल।
भाभी ने खुद को मेरे से छुड़ाते हुए कहा की छोड़ दो| मैं भाभी के ब्लाउज को खोलने लगा तो और फिर भाभी को लेटने का इशारा किया । मैंने फिर भाभी के स्तनों को ब्लाउज से बाहर कर दिया और उसे हाथ से धीरे धीरे सहलाने लगा। एक भारी भरखम औरत मेरे सामने अध्नंगी पड़ी थी पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था। भाभी ने मेरे हाथ से अपना स्तन छुड़ाते हुए ब्लाउज के अंदर उसे समेटने की कोशिश की, पर मैंने उनके ब्लाउज को और खोल दिया। फिर मैंने हिम्मत करते हुए उनके विशाल स्तन को अपने मुँह में ले लिया और थूक लगाने लगा उसपे। इतने बड़े स्तन का बस छोटा सा ही हिस्सा एक बार में मुँह में आ रहा था। मैं भाभी को गाय बुलाता रहा और उनके स्तनों को बारी-बारी से मसलता रहा। मैंने उनके लेटे लेटे ही उनके ब्लाउज और ब्रा हटा दिए थे और नंगे स्तनों को हाथों से जोर-जोर से मसलने लगा था। पता नहीं क्यों वो आज मुझे मना नहीं कर रही थीं। फिर मैं उनके पीठ के बल लिटा करके उनके पेट पे बैठ गया और बड़े आराम से उनके स्तनों का मंथन करने लगा। फिर मैंने झुक कर उनके स्तनों को बारी बारी से मुँह में ले कर थूक लगाने लगा।
मैंने अपने मुँह को उनके दोनों स्तनों के बीच रख-कर गालों पे सहलाने लगा। उत्तेजना के चरम पे मैंने धीरे से उनसे बोला की आप औरत नहीं गाय हैं भाभी माँ। आप मेरी माँ भी होती तो मैं आपकी दुहाई जरूर करता (शायद मैं ज्यादा बोल गया था!)| भाभी ने फिर मुझे बल से खुद के ऊपर से उतार दिया और अपने ब्लाउज का हुक लगाने लगी । मैं चाहता तो बल का इस्तेमाल कर सकता था वैसे भी इतनी गदराई औरत क्या बल लगाती मुझ-से लेकिन मैंने सोचा की इसकी चुदाई इसे खुश करके ही करूँगा। आज जरूर मैंने ज्यादा दूर तक कदम बढ़ाये थे पर भाभी अभी भी अपने शरीर को पूरे तरह देने के मूड में नहीं थी।
अलगे दिन मालती ने भाभी को बिलकुल भी परेशान नहीं किया, मैंने उसे भी समझा रखा था की मेरे पास मेरा पूरा जीवन है मधु के बदन को मथने के लिए और मैं कोई जल्दी-बाज़ी में गलत कदम नहीं उठाना चाहूंगा| पर मालती को हमारे शादी के बारे में बताने का मकसद ही था की वो दिन जल्दी आये जब मैं अपनी गाय को जब चाहे तब जैसे चाहे वैसे दुह सकूँ। मालती ने बात समझ ली थी और वो भी अपने तरीके से भाभी को काम-क्रिया के लिए उत्तेजित कर रही थी ।मालती दिन में रोज़ भाभी को कम-से-कम एक बार शादी के लिए तैयार करती थी और रात में मैं भाभी के बदन को चूमना और उनसे उत्तेजक बातें किया करता था। 3-4 दिनों बाद एक दिन मालती ने भाभी से कहा की उसके पास एक तरकीब है जिस-से उन्हें शादी के लिए सही लड़का भी मिल जायेगा और भाभी के बदन की प्यास भी मिट जाएगी। भाभी ने उसे डांटे हुए कहा की तू फिर बकवास कर रही है। मालती ने फिर भी भाभी के पास जाके उनके स्तनों को दोनों हाथों से छूते हुए कहा की सुनील भैया भी अपनी भाभी माँ के स्तनों का दूध पीना चाहते होंगे। मेरे मानों तो उन्हें ही अपने स्तनों का गुलाम बना लो मधु भाभी! आपकी जवानी को कोई न कोई तो भोगेगा है अच्छा रहेगा आपका देवर ही इसका रसपान करे। इसी बहाने आपका और उनका बंधन भी हो जायेगा और वो हमेशा आपके साथ रहेंगे। (पता नहीं क्यों भाभी चुपचाप ही रही, पर मालती बोलती रही) लेकिन सुनील भैया तो अभी जवान हैं हो सकता है उनकी पसंद काम उम्र की चिकनी लडकियां हों । वैसे तो आजकल सभी मर्द गदराई घोड़ियों को पसंद करते हैं, पर हो सकता है सुनील भैया ऐसे न हों। आप बोलेँ तो मैं उनका मन टटोलूं। मालती ने ये बात भाभी के स्तनों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलते हुए कही । भाभी ने खुद को उससे दूर करते हुआ कहा की तुझे मुझमे क्या दिलचस्पी है तो फिर मालती ने कहा की उसे चिंता है की कहीं लोग भाभी और मेरे साथ रहने को लेकर बातें करनी न शुरू कर दें! भाभी को दिल्ली आये 7 दिन हो गए थे और मालती ने भाभी को बताया की कल ही मकान मालकिन पूछ रही थी की दोनों के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है। मैंने तो उन्हें मन कर दिया पर वो कह रही थीं ऐसी गदराई औरत दिन भर जिसके साथ रहती हो वो भला कैसे खुद को संभल पायेगा! आज नहीं तो कल सुनील अपनी भाभी के बदन को भोग ही लेगा। ऐसी अटकलों से अच्छा है की आप खुद ही सुनील भैया को अपना पति बना लो ।
भाभी ने बोला कि तू सुनील को कहाँ से ले आयी इस बीच में? मालती ने नादान बनते हुए पूछा क्यों सुनील भैया में क्या कमी है? कमाते हैं, जवान हैं, आपके बदन से हो सकता है आकर्षित भी हूँ पर कुछ कह नहीं पा रहे हों! भाभी ने इस बार थोड़ी लचक दिखाई बातों में और बोला की अगर मैं सुनील से शादी कर लूँ तो क्या गारंटी है की वो मुझे नहीं छोड़ेगा। हो सकता है किसी खूबसूरत लड़की के लिए मुझे बाद में छोड़ दे। (ये एक बड़ी जीत थी हमारे चाल की)। भाभी के ये कहते ही मालती ने कहा ये तो आप मेरे ऊपर छोड़ दो मैं सुनील भैया का मन टटोल लुंगी अपने तरीके से। वैसे अगर वो स्तनों या फिर नितम्बों के आशिक होंगे तो आपको कभी नहीं छोड़ेंगे क्यूंकि वो आपको जितना चोदेंगे आपके शरीर में उतना ही निखार आता जायेगा। वो आपसे प्यार करे न करे आपके बदन के गुलाम जीवन भर बने रहेंगे। इतना मांसल गोश्त उन्हें और कहाँ मिलेगा।
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