RE: मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
फिर वह मुझे उठा मेरी गोद मे पहले की तरह लेट गयी और फिर मेरे हाथ को अपनी एक मम्मे पर लगा दबाने का इशारा किया. मैं दबाने लगा तो उसने मेरे चेहरे को पकड़ अपनी दूसरा चुची झुकाया. मैं उसका मतलब समझ उसकी एक मम्मे को मसलने लगा और दूसरे को पीने लगा. वह अब मुझे ही देख रही थी. वह मेरे सर पर हाथ फेर रही थी.
वह मेरे कान मे फुसफुसा भी रही थी, “हहाअ आहह हाये भैया बहुत अच्छा लग रहा है हाउ आप कितने अच्छे हैं.”
“तू भी बहुत अच्छी है.”
“भैया एक बात तो बताओ? अभी जब आपसे खाने को पूछा था तो आप किनका रस पीने को कह रहे थे?”
“जिनका रस पी रहा हूँ, तेरे मम्मों का.”
“हाये भैया आप कितने वो है.”
तभी किचन से मौसी की आवाज़ आई वह सिमरन को बुला रही थी.
सिमरन हड़बड़ाकर उठा बैठी और अपने कपड़े ठीक करती बोली, “जी मम्मी.”
“बेटी क्या कर रही हो?”
“कुछ नही मम्मी आ रही हूँ.” वह बहुत घबरा गयी थी और मुझसे बोली, “हाये भैया दरवाज़ा खुला था कहीं मम्मी ने देख तो नही लिया?”
“नही यार वह तो किसी काम से बुला रही हैं?”
“बेटी अगर फ्री हो तो यहाँ आओ.”
“आई मम्मी.” और वह चली गयी तो मैं भी साँसे दुरुस्त करने लगा.
अपनी बहन के मम्मों का रस पीकर तो मज़ा ही आ गया था. मैं फिर जल्दी से किचन के पास गया. मौसी रोटी सेक रही थी. सिमरन उनके पास खड़ी हुई. वह अभी भी तेज़ी से साँसे ले रही थी.
मौसी उसे देखकर बोली, “क्या हुआ बेटी, तू थकी लग रही है?”
“नही तो मम्मी मैं ठीक हूँ.”
“क्या देख रहे थे तुम लोग?”
“फिल्म मम्मी, मम्मी बहुत अच्छी फिल्म थी.”
“अच्छा अच्छा बेटी तुम्हारे भैया कहाँ हैं?”
“वह तो अभी टीवी ही देख रहे हैं. मम्मी कुछ काम है क्या?”
“नही बेटी क्यों?”
“मे जाऊँ टीवी देखने भैया अकेले बोर हो जाते हैं.”
“बहुत ख्याल रखती है अपने भैया का. जा देख जाके भाई के साथ. मुझे अभी 10 मिनट और लगेगें.”
वह खुश हो जल्दी से बाहर निकली तो मैंने उसे पकड़ अपनी गोद मे उठाया और टीवी रूम मे ले आया. वह मेरे गले मे बाँहें डाले मुझे ही देखे जा रही थी. अंदर आ मैं बैठा और उसे अपनी गोद मे बिठा उसके होंठो को चूम उसकी दोनो मम्मों को दबाने लगा. दो मिनट बाद उसके बटन खोलना चाहा तो वह बोली, “नही भैया बटन ना खोलो ऐसे ही कर . मम्मी आ सकती हैं.”
मैं उसके मम्मों को मसल उसे मज़ा देते बोला, “यार नंगे पकड़ने मे ज़्यादा मज़ा आता है.”
“ओह्ह भैया अभी नही खाने के बाद मम्मी तो 2 घंटे के लिए सो जाती हैं तब आपको जी भरके अपने नंगे मम्मे पिलाऊँगी. भैया ब्रा अलग कर दीजिए फिर कमीज़ के अंदर हाथ डालकर पकडिए.”
“तू कितनी समझदार है.”
फिर मैंने उसकी ब्रा खोलकर अलग कर दी तो उसने ब्रा को कुशन के नीचे छुपा दिया फिर अपनी कमीज़ को ऊपर उठाया और मेरे हाथों को अंदर किया. मैंने उसके दोनो मम्मों को पकड़ लिया और दबा कर उसके होंठ, गाल गले पर चूमने लगा.. वह अपने हाथ पिछे कर मेरे गले मे डाले अपने मम्मों को देख रही थी.
तभी किचन मे कुछ आहट हुई तो वह मेरे हाथ हटाती बोली, “अब रहने दो भैया मम्मी आने वाली हैं.”
मे जानता था मौसी कुछ नही कहेंगी लेकिन फिर भी मैंने उसे छोड़ दिया तो उसने अपने कपड़े ठीक किए और अलग होकर बैठ गयी. एक मिनट बाद मौसी आई और सिमरन के पास बैठ गयी. वह मुझे देख मुस्काराई तो मैं भी मुस्काराया और इशारा किया कि काम बन गया.
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